NEET 2018 Result : टॉप 50 में यूपी के 4 कैंडिडेट्स, लखनऊ के अर्जुन ने हासिल की 41वीं रैंक

संक्षेप:

  • नीट 2018 के नतीजे घोषित
  • बिहार की कल्पना ने किया टॉप
  • अर्जुन ने हासिल की 41वीं रैंक

लखनऊः सेंट्रल बोर्ड ऑफ सेकेंडरी एजुकेशन (CBSE) ने नेशनल एलिजिबिलिटी कम एंट्रेंस टेस्ट (NEET 2018) के नतीजे घोषित कर दिए हैं। परीक्षा में बिहार की कल्पना कुमारी ने 99.99 प्रतिशत के साथ देशभर में पहला स्थान हासिल किया है। वहीं यूपी से 4 मेधावी कैंडिडेट्स ने जगह बनाई है। इनमें शिखर बंसल 28 रैंक, प्रेरक त्रिपाठी 33 रैंक, अर्जुन सारस्वत 41 रैंक और समग्र सिंह ने 48 रैंक हासिल करके प्रदेश का मान बढाया है। लखनऊ के अर्जुन सारस्वत ने 41वीं रैंक हासिल करके सिटी टॉप किया है। वहीं, लखनऊ के ही मृदुल गर्ग की 1502 और आफरीन रहमान ने 2234 रैंक हासिल करके शहर का मान बढ़ाया है।

डॉक्टर दम्पति के बेटे हैं अर्जुन

अर्जुन ने बताया कि उन्होंने 720 में से 669 नंबर प्राप्त किए। उन्होंने भौतिकी में 180 में से 176, रसायन विज्ञान में 180 में से 160 और जीवविज्ञान (वनस्पति विज्ञान और प्राणीशास्त्र) में 360 में से 333 नंबर मिला है। यह उनका दूसरा प्रयास था। अर्जुन के पिता डॉक्टर अबीर सारस्वत त्वचा रोग विशेषज्ञ हैं और मां मोनिका पैथोलॉजिस्ट हैं। अर्जुन बताते हैं कि मेहनत व रिवीजन से मेडिकल की प्रवेश परीक्षा को आसानी से पास किया जा सकता है।

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पिछले साल की तुलना में कम रहा रिजल्ट

साल 2017 की तुलना में एमबीबीएस और बीडीएस कालेजों में एडमिशन के लिए कट-ऑफ डाउन रहा। परिणाम घोषित होने के बाद अब सीबीएसई डीजीएचएस (डायरेक्‍ट्रेट जनरल ऑफ हेल्‍थ सर्विसेज), एमसीआई (मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया) और डीसीआई ( डेंटल काउंसिल ऑफ इंडिया) के निर्देशों के पालन में मेरिट लिस्‍ट जारी करेगा।

54% रहा रिजल्ट

इस बार 13 लाख 26 हजार 725 छात्रों ने परीक्षा दी थी। इनमें से 7 लाख 14 हजार 652 छात्र (कुल 54%) पास हुए। इस परीक्षा के लिए 136 शहरों में 2225 केंद्र बनाए गए थे।

नीट से जुड़ी 3 बड़ी बातें

साल 2016 से पहले तक मेडिकल एंट्रेंस एग्जाम को ऑल इंडिया प्री-मेडिकल टेस्ट (एआईपीएमटी) कहा जाता था। जिससे सरकारी मेडिकल कॉलेजों की 15% एमबीबीएस और बीडीएस की सीटें भरी जाती थीं। बाकी 85% सीटें राज्य सरकार अपनी-अपनी अलग प्रवेश परीक्षा से भरती थीं। इसके साथ ही निजी कॉलेज भी अलग से प्रवेश परीक्षा लेते थे।

इतनी सारी परीक्षाओं की जगह 2017 में नीट का कॉन्सेप्ट आया और इसी साल पहली बार देशभर में ये परीक्षा हुई। अब इसके जरिए ही छात्रों को निजी और सरकारी मेडिकल कॉलेजों में प्रवेश मिलता है। नीट के जरिए एम्स, जेआईपीएमईआर और एएफएमसी को छोड़कर बाकी सभी सरकारी और निजी मेडिकल और डेंटल कॉलेजों में प्रवेश मिलता है।

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