अयोध्या मामले की मध्यस्थता कमेटी पर बोले योगी- महाभारत युद्घ से पहले भी काम नहीं आई थी मध्यस्थता
- यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ ने अयोध्या दौरे पर कहा कि हमें अयोध्या मुद्दे पर बनी मध्यस्थता कमेटी के असफल होने का अंदाजा था.
- कहा कि इस मामले पर जब सुप्रीम कोर्ट द्वारा कमेटी का गठन किया गया था तो हमें पहले से ही पता था यह असफल होगी.
- उन्होंने कहा कि महाभारत युद्घ के पहले भी मध्यस्थता की कोशिशें की गई थीं लेकिन वह सभी नाकाम रहीं.
अयोध्या: यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अयोध्या दौरे पर एक सभा को संबोधित करते हुए कहा कि इस मामले पर जब सुप्रीम कोर्ट द्वारा कमेटी का गठन किया गया था तो हमें पहले से ही पता था यह असफल होगी लेकिन फिर भी ये इस कोशिश का हमने स्वागत किया. उन्होंने कहा कि महाभारत युद्घ के पहले भी मध्यस्थता की कोशिशें की गई थीं लेकिन वह सभी नाकाम रहीं. हमें अयोध्या मुद्दे पर बनी मध्यस्थता कमेटी के भी असफल होने का अंदाजा था.
दरअसल, सुप्रीम कोर्ट अयोध्या भूमि विवाद मामले में छह अगस्त से नियमित सुनवाई करेगा. मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई की अगुवाई वाली सांविधानिक पीठ ने कहा कि चूंकि मध्यस्थता पैनल की कोशिशें नाकाम रहीं, इसलिए इसकी सुनवाई हम खुली अदालत में करेंगे. सुनवाई हर हफ्ते मंगलवार, बुधवार और बृहस्पतिवार को होगी. उम्मीद है कि इसी वर्ष 17 नवंबर को सीजेआई गोगोई की सेवानिवृत्ति से पहले केस का फैसला आ सकता है. शीर्ष कोर्ट के पूर्व जज कलीफुल्ला की अध्यक्षता वाले मध्यस्थता पैनल ने बृहस्पतिवार को ही सीलबंद रिपोर्ट दी थी.
वहीं, अयोध्या में मुख्यमंत्री योगी ने मीरापुर दोआबा में भगवान श्रीराम की विश्व की सबसे ऊंची प्रतिमा के प्रस्तावित स्थल का निरीक्षण किया. मुख्यमंत्री तय समय पर करीब 12:00 बजकर 5 मिनट पर अयोध्या- बस्ती हाइवे पर पहुंचे और पुल पर खड़े होकर भगवान श्रीराम की प्रस्तावित भव्य प्रतिमा के स्थल का निरीक्षण किया. इस दौरान जिलाधिकारी अनुज कुमार झा ने मानचित्र के सहारे मुख्यमंत्री को योजना के बारे में जानकारी दी. बता दें कि पहले प्रतिमा स्थल लगने के स्थान मीरापुर दोआबा में मुख्यमंत्री द्वारा निरीक्षण करने की सूचना थी पर अचानक ही इसे बदलकर हाईवे पर पुल से ही मुख्यमंत्री को निरीक्षण कराया गया.
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