गांव में योगी की 'रात्रि चौपाल', अफसरों को पड़ी फटकार

संक्षेप:

  • 2019 से पहले एक्शन में सीएम योगी
  • दिए करोड़ों के घोटाले में जांच के निर्देश
  • सीएम योगी का फैसला ऑन-द-स्पॉट

लखनऊः प्रतापगढ़ दौरे पर आए सीएम योगी आदित्यनाथ एक्शन में दिखे. इस दौरान सीएम `नायक` के अवतार में नजर आए. प्रतापगढ़ के मधुपुर गांव में सोमवार को सीएम ने चौपाल लगाई और जनता के साथ सीधे संवाद किया. मुख्यमंत्री गांव के हजारों लोगों से मिले और एक-एक कर सभी योजनाओं के बारे में लोगों से जानकारी ली.

अधिकारियों पर बरसे योगी

सबसे पहला सवाल शौचालय पर आया कि गांव में कितने लोगों को शौचालय मिला है और कितनों को नहीं. इस सवाल के जवाब में ज्यादातर लोगों ने शौचालय नहीं मिलने की शिकायत की. जिसके बाद मंच से ही मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को जनता के सामने आने का हुक्म दिया और वहीं शौचालयों की जानकारी मांगी. इसके बाद मुख्यमंत्री ने 24 घंटे के अंदर गांव के सभी लोगों को शौचालय के पैसे यानी 12 हजार रुपये उनके अकाउंट में ट्रांसफर किए जाने का आदेश दिया.

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प्रधानमंत्री आवास योजना पर सवाल

शौचालय के बाद प्रधानमंत्री आवास योजना का सवाल आया इसमें भी ज्यादातर लोग नाखुश थे क्योंकि उन्हें इस योजना का लाभ नहीं मिला था. एक बार फिर जिले के डीएम और बीडीओ समेत दूसरे अधिकारियों को तलब किया गया. मुख्यमंत्री को बताया गया कि 126 लोगों को मकान दिए जा चुके हैं और 140 से ज्यादा लोगों की फेहरिस्त बनकर तैयार है. जिसके बाद मंच से लाभार्थियों के नाम पढ़े गए और फिर उन लोगों के भी नाम पढ़े गए जिन्हें अगले कुछ दिनों में प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत मकान दिए जाने हैं.

प्रतापगढ़ के सबसे बड़े गांव मधुपुर में राशन कार्ड और अलग-अलग पेंशन के बारे में मुख्यमंत्री ने पूछा तो जनता से वही जवाब आया कि `नहीं मिला है`. एक बार फिर बिफरे मुख्यमंत्री ने मंच से अधिकारियों को खूब सुनाया और सरेआम उन्हें चेतावनी देते हुए कहा कि किसी तरह की कोताही बर्दाश्त नहीं की जाएगी.

जनता को भी नसीहत

अधिकारियों को खरी-खोटी सुनाने के बाद मुख्यमंत्री ने जनता को भी हल्की फटकार लगाई. उन्होंने जनता को विरोध करने के लिए योजनाओं को पूरी तरीके से समझने की हिदायत दी और कहा कि सरकार की योजनाओं को समझें और उसमें अपने लिए चुनें. इससे पहले मंच पर आते ही मुख्यमंत्री ने लाभार्थियों को प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत मकान की चाबी दी. साथ ही गोद भराई रस्म के तहत गर्भवती महिलाओं को उपहार दिए और अन्नप्राशन योजना की शुरुआत अपने हाथों से की. मुख्यमंत्री की चौपाल करीब दो घंटे तक चली. इसमें कभी लोग तालियां बजाते नजर आए तो कभी विरोध करते हुए दिखे.

दरअसल अगले साल लोकसभा चुनाव होने है और दलितों का वोट सबसे अहम है ऐसे में जिस तरह से चौपाल लगाए गए, जिस तरह से दलितों को लुभाने की कोशिश हुई. कही न कही इसका सिधा असर चुनाव में पड़े इसकी कोशिश दिखाई देती है.

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