लखनऊ युवा कुंभ: सीएम योगी और राजनाथ सिंह के सामने राम मंदिर निर्माण को लेकर जमकर नारेबाजी

संक्षेप:

  • लखनऊ में युवा कुंभ का समापन
  • राम मंदिर निर्माण को लेकर जमकर नारेबाजी
  • जानिए क्या बोले सीएम योगी और राजनाथ सिंह

लखनऊ: युवा कुंभ के समापन कार्यक्रम में सीएम योगी से लेकर गृहमंत्री राजनाथ सिंह तक के समक्ष युवाओं ने मंदिर निर्माण की मांग को लेकर जमकर नारेबाजी की. समापन सत्र में राजनाथ को तो काफी देर तक युवाओं ने बोलने ही नहीं दिया. जब गृहमंत्री ने आश्वासन दिया कि मंदिर बनेगा, तब जाकर युवा शांत हुए और गृहमंत्री का भाषण हो सका.

पांच वैचारिक कुंभों की श्रृंखला में लखनऊ में दो दिवसीय युवा कुंभ आयोजित किया गया. युवा कुंभ के दूसरे दिन रविवार को यहां स्मृति उपवन में आयोजित कार्यक्रम के प्रथम सत्र में सीएम योगी आदित्यनाथ जब सुबह करीब 10:30 बजे पहुंचे तो युवाओं ने जमकर नारेबाजी की. युवाओं ने नारा लगाया कि वोट उसी को जाएगा जो मंदिर बनवाएगा. सीएम योगी ने अपने भाषण के समापन से ठीक पहले संबोधन के दौरान कहा कि अगर मंदिर कोई बनवाएगा तो हम ही बनाएंगे.

नाम लिए बगैर राहुल गांधी पर हमला बोलते हुए योगी ने कहा कि जो लोग राम और कृष्ण के अस्तित्व को नकारते आए हैं, वह लोग मंदिर का निर्माण नहीं करवाएंगे. उन्होंने कहा कि जो जनेऊ पहन कर खुद को हिंदू साबित करने में लगे हैं, उनसे यह नहीं होगा. अगर कोई मंदिर निर्माण करवाएगा तो यह विचार परिवार ही करवाएगा. हम और आप जैसे लोग ही करवाएंगे.

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इसके बाद समापन सत्र की अध्यक्षता कर रहे देश के गृहमंत्री लखनऊ के सांसद राजनाथ सिंह जब उद्बोधन के लिए खड़े हुए तो युवाओं ने एक बार फिर वहीं नारेबाजी शुरू की और कहने लगे कि वोट उसी को जाएगा जो मंदिर बनवा आएगा. यह नारा बार-बार लगता रहा, लोग समझाते रहे माइक से लोग शांति की अपील करते रहे लेकिन युवा शांत नहीं हुए. युवाओं को खुद राजनाथ सिंह ने जब आश्वासन दिया कि मंदिर जरूर बनेगा, आप लोग शांत हो जाइए. तब जाकर हजारों की संख्या में युवा शांत हुए और उनका भाषण शुरू हुआ.

इसके बाद के सत्रों में राम मंदिर निर्माण को लेकर तमाम वक्ताओं ने अपने-अपने पक्ष रखें और युवाओं की नारेबाजी भी हुई. आखिरी सत्र में पतंजलि के प्रमुख आचार्य बालकृष्ण ने कहा कि जो लोग राम और कृष्ण के अस्तित्व को ही न करते आए हैं, वह लोग मंदिर का निर्माण नहीं करवाएंगे. मुझे विश्वास है कि मंदिर निर्माण अगर होगा तो उन्हीं लोगों से होगा जो लोग राम और कृष्ण के अस्तित्व को मानते हैं.

डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य ने तो युवाओं के जोश को देखते हुए कहा कि अयोध्या में रामलला की जन्म भूमि पर अगर कुछ बनेगा, निर्माण होगा तो वह मंदिर ही बनेगा. वहां पर बाबर के नाम की एक भी ईंट नहीं रखी जाएगी. बाबर के नाम पर कोई इमारत नहीं बनेगी. वहां पर मस्जिद बाबर के नाम पर नहीं बनने दी जाएगी. अगर बनेगा तो रामलला का भव्य मंदिर ही बनेगा.

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सह सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबोले ने भी कहा कि मंदिर निर्माण की मांग पर वह युवाओं के साथ हैं. युवाओं से कहा कि हम चाहेंगे कि मंदिर निर्माण इन्हीं लोगों के सामने हो. उनका मतलब साफ था कि निर्माण मोदी सरकार के इसी कार्यकाल में हो जाना चाहिए. हालांकि आगे उन्होंने मंदिर निर्माण के साथ-साथ राष्ट्र निर्माण की वकालत ज्यादा मजबूती से कर उसे थोड़ा हल्का करने का भी काम किया. जिससे युवाओं में थोड़ी मायूसी भी देखने को मिली.

तीर्थराज प्रयाग से अगले साल होने वाले कुंभ से पहले योगी सरकार और संघ की ओर से आयोजित किए जा रहे वैचारिक कुम्भों की श्रृंखला के पीछे देश के लोगों को कुंभ से जोड़ने के साथ-साथ जागरण की बात भी कही जा रही है. हालांकि युवा कुंभ का दृश्य देखकर साफ तौर पर कहा जा सकता है कि युवाओं का हुजूम आगामी लोकसभा चुनाव में महती भूमिका अदा करेगा.

जिस प्रकार से मंदिर निर्माण की मांग लगातार सभी सत्रों में पूरे जोर-शोर से उठी उससे साफ हो गया कि इसके पीछे कुछ तो जरूर है. युवा कुम्भ में शामिल होने वाले करीब 5000 युवा राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से या विद्यार्थी परिषद से सीधे तौर पर जुड़े हुए बताये जा रहे हैं. ये युवा बिना किसी की प्रेरणा के इस प्रकार की अनुशासनहीनता कभी करते नहीं हैं.

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