सीएम योगी ने पुलिस स्मृति दिवस पर पुलिसकर्मियों को दिया प्री-दिवाली गिफ्ट, साइकिल की जगह अब मिलेगा बाइक भत्ता

संक्षेप:

  • सीएम योगी ने पुलिसकर्मियों को दिया प्री-दिवाली गिफ्ट।
  • साइकिल की जगह अब पुलिसकर्मियों को मिलेगा बाइक भत्ता।
  • पुलिस की सतर्कता से यूपी से माफिया राज का हुआ अंत- सीएम योगी।

लखनऊ. पुलिसकर्मियों को अब साइकिल भत्ता 200 रुपये की जगह बाइक भत्ता मिलेगा। पांच सौ रुपये भत्ता देने के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने यह घोषणा की। वह पुलिस स्मृति दिवस पर रिजर्व पुलिस लाइन में आयोजित कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। इसके पहले उन्होंने शहीद पुलिसकर्मियों को भावभीनी श्रद्घांजलि अर्पित की। उधर, डीजीपी डॉ. देवेंद्र सिंह चौहान ने पुलिस की कार्यप्रणाली की तारीफ करते हुए कहा कि पिछले पांच साल में डीएनए में बदलाव आया है। जिसके पुलिस की सक्रियता के कारण प्रदेश में जातीय और  सांप्रदायिक हिंसा नहीं हुई।

पुलिस की सतर्कता से यूपी से माफिया राज का हुआ अंत

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पुलिस स्मृति दिवस पर पिछले एक साल में शहीद हुए सात पुलिसकर्मियों के परिजनों को सम्मानित करते हुए कहा कि पुलिस और सरकार उनके साथ है। यूपी पुलिस की सक्रियता के चलते गुंडा और माफिया राज का अंत हो गया। पुलिस कर्मियों को मिलने वाला साइकिल भत्ता अब बाइक भत्ता के तौर पर दिया जाएगा। जिसमें दो सौ रुपये की जगह पांच सौ रुपये की राशि तय की गई है। साथ ही पेंशन के लिए लोगों को दौड़भाग नहीं करनी करनी होगी। जिसे ई-पोर्टल पर लिंक किया जा रहा है। साथ ही मेडीक्लेम के पांच लाख तक के बिल को डीजीपी को पास करने का अधिकार दिया है।

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ऑन ड्यूटी पुलिसकर्मियों के शहीद होने पर दिया जाएगा 50 लाख

डीजीपी डीएस चौहान ने कहा कि पुलिस की कार्य प्रणाली में लगातार बदलाव हो रहा है। जिससे अपराध और अपराधियों पर अंकुश लगा है। प्रदेश सरकार ने पुलिस ड्यूटी के दौरान जान गंवाने वाले पुलिस कर्मी को 25 लाख की जगह 50 लाख अनुग्रह राशि देने की घोषणा की है। वहीं कोमा में जाने पर असाधारण पेंशन देने का निर्णय लिया है।

हम हर वीर शहीद पुलिसजन को देते हैं श्रद्धांजलि – सीएम

कर्तव्यपालन के दौरान संवेदनशीलता, समर्पण और त्याग का अप्रतिम उदाहरण प्रस्तुत करने वाले शहीद पुलिस कार्मिकों की स्मृति में हर साल 21 अक्टूबर पुलिस स्मृति दिवस के रूप में मनाया जाता है। इस दिन हम उन वीर शहीद पुलिसजनों को श्रद्धांजलि अर्पित करते हैं, जिन्होंने राष्ट्र व समाज की रक्षा में अपने कर्तव्यों का निर्वहन करते प्राणों की आहुति दी है।  21 अक्टूबर 1959 को भारत की उत्तरी सीमा लद्दाख के हिमाच्छादित जनहीन क्षेत्र में केन्द्रीय रिजर्व पुलिस बल के 10 जवान नियमित गश्त पर निकले थे। जिन पर रायफलों और मोर्टारों से लैस चीनी सैनिकों ने छलपूर्वक एम्बुश लगाकर अचानक हमला कर दिया। चीनी सैनिकों से मुकाबला करने के दौरान सभी बहादुर जवान शहीद हो गए थे। इन्हीं वीर जवानों के बलिदान को याद करते हुए कर्तव्यपथ पर प्राणोत्सर्ग करने वाले जवानों को श्रद्धांजलि अर्पित करने हेतु पुलिस स्मृति दिवस के रूप में मनाया जाता है।

कोरोना में 45 पुलिसकर्मी हुए थे शहीद

कोविड कॉल में ड्यूटी पर तैनात सैकड़ों पुलिसकर्मी संक्रमित हो गये थे। इस दौरान 45 पुलिसकर्मियों की मृत्यु हो गई। जिनके परिजनों को नियमानुसार नौकरी व 22.50 करोड़ रुपये की सहायत राशि का भुगतान किया गया। वहीं केंद्रीय अर्धसैनिक बलों, भारतीय सेना में सेवारत प्रदेश के मूल शहीद 581 जवानों केआश्रितों को 141.9 करोड़ की सहायता राशि दी गई।

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