मुश्किल में अखिलेश यादव, बंगले में तोड़फोड़ को लेकर योगी सरकार से हाईकोर्ट ने मांगी रिपोर्ट
- सरकारी बंगले में तोड़फोड़ का मामला
- पूर्व सीएम अखिलेश यादव की बढ़ती जा रही है मुश्किलें
- इलाहाबाद हाईकोर्ट ने यूपी सरकार से मांगी रिपोर्ट
लखनऊ: यूपी के पूर्व सीएम अखिलेश यादव की मुश्किलें लगातार बढ़ती जा रही हैं. दरअसल सरकारी बंगले में तोड़फोड़ के मामले में इलाहाबाद हाईकोर्ट ने यूपी सरकार से इस मामले की दस दिनों में जांच कर रिपोर्ट पेश करने को कहा है.
वहीं अदालत में सुनवाई के दौरान यूपी सरकार ने बताया कि राज्य संपत्ति विभाग पहले से ही इस मामले की जांच कर रहा है. जांच कर यह पता लगाने की कोशिश की जाएगी कि सरकारी बंगले में कितने का नुकसान हुआ है. राज्य संपत्ति विभाग की टीम नुकसान का आंकलन कर रही है. शुरुआती जांच में यह पता चला है कि पूर्व सीएम के बंगले में राज्य संपत्ति विभाग के साथ ही प्राइवेट कंपनी से भी काम कराया गया था. अदालत इस मामले में 3 जुलाई को फिर से सुनवाई करेगी.
मेरठ के राहुल राणा ने पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के खिलाफ कार्रवाई के लिए हाईकोर्ट में अर्जी दाखिल की है जिस पर जस्टिस बीके नारायण और जस्टिस राजीव गुप्ता की डीविजन बेंच में सुनवाई चल रही है. यूपी सरकार की तरफ से अदालत को बताया गया कि नुकसान के आंकलन के बाद ही पूर्व सीएम अखिलेश को नोटिस जारी कर आगे की कार्यवाही की जाएगी. अभी सारे सामानों का मिलान किया जा रहा है.
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आपको बता दें कि इससे पहले राज्यपाल राम नाईक ने भी पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश के सरकारी बंगला खाली करने के दौरान वहां हुई तोड़फोड़ के आरोप पर प्रदेश सरकार से पूरे प्रकरण पर कार्रवाई करने की सिफारिश और जांच कराए जाने की बात कही थी.
गौरतलब है कि यूपी के पूर्व सीएम अखिलेश यादव को सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर अपना सरकारी बंगला छोड़ना पड़ा था. उनके बंगला छोड़ने के बाद उसमे तोड़-फोड़ किये जाने और नलों से टोटियां गायब होने के आरोप लगे थे. यह मामला सियासी गलियारों में खूब सुर्खियां बना था.
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