मोदी राज 2.0 में ताकतवर मंत्रालयों पर है इस राज्य का दबदबा

संक्षेप:

  • उत्तर प्रदेश ऐसा राज्य है, जो न सिर्फ प्रधानमंत्री बल्कि कैबिनेट मंत्रियों की भी फैक्ट्री साबित हुआ है.
  • चार सबसे महत्वपूर्ण मंत्रालयों में गृह, रक्षा और विदेश मंत्रालय में सबसे ज्यादा मंत्री उत्तर प्रदेश से बने हैं.
  • 2019 में मोदी 2.0 में यूपी से 9 मंत्री

लखनऊ: मोदी सरकार की दूसरी पारी में कई बातें चौंकाने वाली हैं. अगर पिछली सरकार से तुलना करें तो सभी महत्वपूर्ण मंत्रालयों में, जो कैबिनेट कमेटी ऑन सिक्योरिटी (CCS) में भी शामिल होते हैं, बड़े बदलाव हुए हैं. प्रधानमंत्री खुद इस कमेटी के हेड होते हैं. इसके अलावा गृह मंत्रालय, वित्त मंत्रालय, रक्षा मंत्रालय और विदेश मंत्रालय इसके तहत आते हैं. मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल की शुरुआत में ही इनमें बड़े बदलाव देखने को मिले.

पूर्व रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण को वित्त मंत्रालय दिया गया है. इसके साथ ही वे भारत की पहली पूर्णकालिक महिला वित्त मंत्री बन गई हैं. इसके पहले इंदिरा गांधी जब प्रधानमंत्री थीं तो उन्होंने वित्त मंत्रालय का अतिरिक्त प्रभार अपने पास ही रखा था. पूर्व विदेश सचिव एस जयशंकर, जो कि एक गैर-राजनीतिक शख्सियत हैं, को विदेश मंत्रालय सौंपा गया है. बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह को गृह मंत्रालय की जिम्मेदारी दी गई है. वहीं राजनाथ सिंह को रक्षा मंत्रालय सौंपा गया है जो पहले निर्मला सीतारमण के पास था.

इतिहास में झांकें तो हम पाएंगे कि देश में सबसे ज्यादा प्रधानमंत्री, सबसे ज्यादा जनसंख्या वाले उत्तर प्रदेश राज्य से बने.  पड़ताल से पता चलता है कि सबसे ज्यादा ताकतवर मंत्रालय संभालने वाले नेता किस राज्य से आते हैं. चूंकि कैबिनेट कमेटी ऑन सिक्योरिटी में ही सबसे ताकतवर मंत्रालय आते हैं, इसलिए हमने अपने विश्लेषण में इन्हीं चार मंत्रालयों को शामिल किया है.

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सबसे ज्यादा मंत्री उत्तर प्रदेश से

उत्तर प्रदेश ऐसा राज्य है, जो न सिर्फ प्रधानमंत्री बल्कि कैबिनेट मंत्रियों की भी फैक्ट्री साबित हुआ है. चार सबसे महत्वपूर्ण मंत्रालयों में गृह, रक्षा और विदेश मंत्रालय में सबसे ज्यादा मंत्री उत्तर प्रदेश से बने हैं. उत्तर प्रदेश ने अब तक सात गृहमंत्री, आठ रक्षा मंत्री और छह विदेश मंत्री दिए हैं. यह अन्य किसी भी राज्य के मुकाबले सबसे ज्यादा है.

2019 में मोदी 2.0 में यूपी से 9 मंत्री

राजनाथ सिंह (कैबिनेट मंत्री)
स्मृति ईरानी (कैबिनेट मंत्री)
महेंद्र नाथ पांडेय (कैबिनेट मंत्री)
संतोष गंगवार (स्वतंत्र प्रभार)
हरदीप पुरी (स्वतंत्र प्रभार)
वीके सिंह (राज्य मंत्री)
संजीव बालियान (राज्य मंत्री)
साध्वी निरंजन ज्योति (राज्य मंत्री)

गृह मंत्रालय

अब तक देश में 30 गृहमंत्री हुए हैं, जिनमें से सात उत्तर प्रदेश से हैं, छह महाराष्ट्र से हैं और तीन-तीन गुजरात, पंजाब और तमिलनाडु से हैं. तेलंगाना और मध्य प्रदेश ने देश को दो-दो गृहमंत्री दिए हैं, जबकि हरियाणा, जम्मू-कश्मीर कर्नाटक, पश्चिम बंगाल से एक-एक गृहमंत्री हुए हैं. इंदिरा गांधी प्रधानमंत्री रहने के दौरान गृह मंत्रालय का भी प्रभार संभाल चुकी हैं. उन्हें छोड़ दिया जाए तो कभी किसी महिला सांसद को यह मंत्रालय नहीं दिया गया. जम्मू-कश्मीर के पूर्व सीएम मुफ्ती मोहम्मद सईद अकेले ऐसे मुस्लिम नेता हैं जो 1989-1990 के दौरान गृहमंत्री के पद पर रहे.

रक्षा मंत्रालय

देश में अभी तक 29 रक्षा मंत्री रह चुके हैं. इनमें से भी सबसे ज्यादा यूपी से रहे हैं. अब तक आठ रक्षा मंत्री यूपी से रह चुके हैं, जबकि महाराष्ट्र और तमिलनाडु से चार-चार रक्षा मंत्री रहे. निर्मला सीतारमण देश की पहली महिला रक्षा मंत्री बनी थीं. अब वे पहली महिला वित्त मंत्री भी बन गई हैं. 2017 में कैबिनेट में फेरबदल के दौरान वे रक्षा मंत्री बनाई गई थीं.

विदेश मंत्रालय

भारत में अब तक कुल 28 विदेश मंत्री हो चुके हैं. इसमें भी सबसे ज्यादा उत्तर प्रदेश से रहे हैं. 28 विदेश मंत्रियों में छह उत्तर प्रदेश से, चार पंजाब से, तीन बिहार से, दो तेलंगाना से, दो महाराष्ट्र से और दो राजस्थान से. पिछली मोदी सरकार में सुषमा स्वराज पहली महिला विदेश मंत्री थीं.

वित्त मंत्रालय

अहम मंत्रालयों में से यह एक मात्र मंत्रालय है जिसमें संख्या के मामले में यूपी का दबदबा नहीं रहा. आंकड़ों के मुताबिक, सबसे ज्यादा वित्त मंत्री महाराष्ट्र और तमिलनाडु से रहे हैं. इन दोनों राज्यों से छह-छह वित्त मंत्री रह चुके हैं. उत्तर प्रदेश से चार, पंजाब से दो, उत्तराखंड से दो, और पश्चिम बंगाल से दो वित्त मंत्री रह चुके हैं. डाटा इंटेलीजेंस यूनिट ने पाया कि हिमाचल प्रदेश, झारखंड, ओडिशा और समूचे पूर्वोत्तर राज्यों के नेताओं को इन चार महत्वपूर्ण मंत्रालयों का प्रभार कभी नहीं मिला.

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