UP में इंटरनेट शटडाउन से बैंकिंग और कारोबार जगत को 2000 करोड़ से ज्यादा का झटका!

संक्षेप:

  • उत्तर प्रदेश के कई जिलों में नागरिकता कानूनऔर एनआरसी के विरोध प्रदर्शन के चलते इंटरनेट पर लगी रोक से बैंकिंग सेवाओं पर सबसे ज्यादा प्रभाव पड़ा है.
  • इससे कई शहरों और कस्बों में नगदी की कमी के चलते बैंकों को अपनी शाखाएं भी बंद रखनी पड़ी.
  • नेट के बंद होने से व्यापारियों को भी दिक्कतों का सामना करना पड़ा.

लखनऊ: उत्तर प्रदेश के कई जिलों में नागरिकता कानूनऔर एनआरसी के विरोध प्रदर्शन के चलते इंटरनेट पर लगी रोक से बैंकिंग सेवाओं पर सबसे ज्यादा प्रभाव पड़ा है। इससे कई शहरों और कस्बों में नगदी की कमी के चलते बैंकों को अपनी शाखाएं भी बंद रखनी पड़ी।

व्यापारियों को हुईं दिक्कतें

नेट के बंद होने से व्यापारियों को भी दिक्कतों का सामना करना पड़ा। इससे उन लोगों पर खासा असर पड़ा, जिनका कारोबार पूरी तरह से इंटरनेट के द्वारा चलता है। जिन जिलों में प्रशासन ने इंटरनेट को बंद करने का आदेश दिया है, उनमें कई ऐसे शहर हैं जो कि कारोबारी लिहाज से काफी महत्वपूर्ण हैं। सर्वाधिक असर लखनऊ, कानपुर, वाराणसी, मेरठ, बहराइच, आगरा, फिरोजाबाद, अलीगढ़, गाजियाबाद और गोरखपुर में देखने को मिला।

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नगदी ट्रांसफर किया बंद

कई बैंकों ने प्रभावित जिलों में नगदी भेजना बंद कर दिया, जिसके चलते बैंक शाखाओं को भी बंद करना पड़ा। कैश न होने से कई एटीएम भी खाली हो गए। हालांकि कई बैंकों के एटीएम वीसैट प्रणाली पर काम करते हैं, लेकिन कैश न होने से इनको भी बंद करना पड़ा।

नेटबैंकिंग, केवाईसी भी हुई प्रभावित

इंटरनेट के ठप होने से डिजिटल बैंकिंग ट्रांजेक्शन, ओटीपी सेवाएं, ई-केवाईसी, यूपीआई, आधार के जरिए पेमेंट सिस्टम जैसी बैंकिंग सेवाएं सबसे ज्यादा प्रभावित हुई हैं। हालांकि अभी यह नहीं पता चला है कि नेट बंद होने से कुल कितने करोड़ रुपये के कारोबार पर असर पड़ा। आधार के जरिए पेमेंट सिस्टम का इस्तेमाल किराना स्टोर्स, ग्रोसरी, दवा की दुकानों और बैंकों के बिजनेस कॉरेस्पॉन्डेंट द्वारा किया जाता है। राज्य में इस प्लेटफॉर्म का सर्वाधिक इस्तेमाल किया जाता है। वहीं पेमेंट बैंकों को भी इसकी मार झेलनी पड़ी, क्योंकि बिना इंटरनेट के उनका कारोबार हो नहीं सकता है। डिजिधन के मुताबिक उत्तर प्रदेश में प्रत्येक व्यक्ति महीने कम से छह बार इंटरनेट के जरिए बैंकिंग ट्रांजेक्शन करता है। पूरे राज्य में 30 सितंबर तक करीब 21098 एटीएम थे। प्रत्येक एटीएम में जून के महीने में 1.36 करोड़ रुपये डाला गया, जो कि पूरे देश में सबसे ज्यादा है। जब कभी भी इंटरनेट शटडाउन होता है, उससे लोगों को परेशानी तो होती है, साथ ही कई सेवाओं पर भी असर पड़ता है।

कानपुर में दो दिन में 1200 करोड़ की चपत

कानपुर शहर में दो दिन की हिंसा और खराब माहौल होने की आशंका के बीच बीते तीन दिनों के भीतर शहर के थोक और फुटकर बाजार को 1200 करोड़ रुपये की चपत लगी है। शहर में कपड़ा, किराना, सोना-चांदी, शक्कर, दलहन और खाद्य आइटमों का बड़ा थोक बाजार है। प्रतिदिन करीब इन ट्रेडों में 500-600 करोड़ से अधिक का कारोबार होता है। लेकिन हिंसा के चलते व्यापार ठप पड़ा है। शहर के अलावा बाहर के जिलों से आने वाला व्यापारी इन थोक व फुटकर बाजारों से नदारद है। गर्म कपड़ों और सहालग के बाजार को भी बड़ा झटका लगा है। जल्द अमन बहाल न होने से व्यापारियों को अब बड़े पैमाने पर माल डंप होने की चिंता है। क्रिसमस पर्व के बाजार को भी खासा नुकसान पहुंचा है।

ताज नगरी में पड़ा असर

क्रिसमस और नये साल का जश्न मनाने आगरा आ रहे पर्यटकों के कदम थाम दिए हैं। पहले से बुक कराए गए टूर पैकेज कैंसिल करवाए जा रहे हैं। इससे पर्यटन कारोबार पर सीधा असर पड़ा है। माहौल की वजह से 30 फीसदी सैलानी कम आए। क्रिसमस और न्यू ईयर ईव सेलिब्रेशन के लिए बुक हुए होटलों की 60 फीसदी बुकिंग कैंसिल गई हैं।

फिरोजाबाद में कारोबार हुआ प्रभावित

शुक्रवार को जुमा की नमाज को देखते हुए फिरोजाबाद के अधिकांश चूड़ी कारखानों में कामकाज ठप रहा। गैस फर्नेस एवं भट्ठियां आग से धधकती रहीं लेकिन श्रमिक नदारद थे। कांच उद्योग को करीब पांच करोड़ का नुकसान होने की आशंका है। घंटाघर एवं कृष्णापाड़ा इलाकों की सर्राफा दुकानों में ताले लटके रहे। वहीं शहर के प्रमुख व्यापारिक इलाके सदर बाजार में अधिकांश दुकानों के शटर नहीं उठे।

हाथ पर हाथ धरे बैठे रहे सर्विस ब्रोकर

बृहस्पतिवार रात से इंटरनेट की सेवाएं प्रभावित रहीं, जिसकी वजह से शुक्रवार को सर्विस ब्रोकर, निजी व्यवसायियों, वाणिज्यकर एवं जीएसटी से जुडे़ कामकाज प्रभावित रहे। जीएसटी रिटर्न की अंतिम तिथि को इंटरनेट सेवा बंद होने के कारण व्यापारी परेशान दिखे। जीएसटी रिटर्न दाखिल करने की अंतिम तिथि को लेकर भी व्यापारी वर्ग परेशान दिखा। इंटरनेट सेवा का असर कई बैंकों के कामकाज पर भी दिखा। नगर क्षेत्र के अधिकांश एटीएम के बाहर नो सर्विस का बोर्ड लगा दिखा।

वाराणसी में 200 करोड़ का कारोबार प्रभावित

बनारस में 200 करोड़ रुपये का व्यापार प्रभावित हुआ। डिजिटल इंडिया के दौर में हर कोई इंटरनेट बहाल होने की जानकारी शनिवार को देर रात तक लेता रहा। ऑनलाइन लेन-देन न होने से पूर्वांचल की सबसे बड़ी मंडी कही जाने वाली दालमंडी, गोला दीनानाथ, विशेश्वरगंज से लेकर इलेक्ट्रानिक मंडी कोदई चौकी, आटोमोबाइल सेक्टर, चौक स्थित साड़ी गद्दी से लेकर सराफा कारोबार और रियल इस्टेट, पर्यटन, होटल, मोबाइल व डीटीएच रिचार्ज, आनलाइन फूड कंपनी, टैक्सी कैब सहित निजी अस्पतालों आदि का कारोबार प्रभावित हुआ।शहर के जेएचवी, आईपी सिगरा, आईपी विजया और पीडीआर माल में आनलाइन टिकट बुक न होने के चलते लोगों को काउंटर पर लाइन लगकर टिकट लेना पड़ा। वहीं शहर के 400 से अधिक आईआरसीटीसी के सेंटर भी खामोश रहे। शहर के प्रमुख व्यापारियों के अनुसार पूर्वांचल में करोड़ों का व्यापार प्रभावित हुआ है।

50 करोड़ का साड़ी कारोबार प्रभावित

बनारसी साड़ी वस्त्र उद्योग के महामंत्री राजन बहल ने बताया कि दो दिन में लगभग 50 करोड़ का साड़ी कारोबार प्रभावित हुआ है। आया हुआ आर्डर निकाल नहीं पा रहे हैं। बंगाल सहित अन्य राज्यों से आए आर्डर और डिजाइन को आनलाइन नहीं निकाल पाने से व्यापार ठप है। इंटरनेट बंद होने से छोटे और बड़े कारोबारियों सहित ग्राहकों की परेशानियां बढ़ गई है।

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