अमेठी के आंगन में `तुलसी`, स्मृति ईरानी के आगे गांधी परिवार का 70 साल पुराना बरगद का पेड़ धाराशाई

संक्षेप:

  • अमेठी में स्मृति की ऐतिहासिक जीत
  • किसी कांग्रेस अध्यक्ष को हराने वाली पहली कैंडिडेट हैं स्मृति 
  • गांधी परिवार के 70 साल पुराने गढ़ को जीता

70 साल से रही कांग्रेस की गढ़ अमेठी में स्मृति इरानी के आने से अब वहां भगवा माहौल बन गया है. 2019 के लोक सभा चुनाव में  अमेठी की सीट पर स्मृति इरानी ने  55,120 वोटों  से जीत हासिल की है.

 स्मृति को कुल 468,514 जबकि राहुल गांधी को 413,394 वोट हासिल हुए. किसी कांग्रेस अध्यक्ष को हराने वाली स्मृति पहली कैंडिडेट हैं.

2014 के लोकसभा चुनाव में हार के बावजूद केंद्रीय मंत्री स्मृति इरानी ने 2019 में एक बार फिर राहुल गांधी को टक्कर देने की ठानी और गांधी परिवार के 50 साल पुराने गढ़ को जीत लिया. कांग्रेस के किसी राष्ट्रीय अध्यक्ष को हराने वाली वह पहली बीजेपी कैंडिडेट हैं.

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2014 से 2019 के दौरान स्मृति ने चुपचाप अमेठी के 63 दौरे किए. दूसरी ओर राहुल ने इस दौरान 28 बार अपने संसदीय क्षेत्र का रुख किया. कई बार वह केंद्रीय मंत्रियों मसलन संजीव बालियान या मनोहर पर्रिकर के साथ अचानक गांवों में पहुंचकर लोगों को साड़ी, कपड़े, जूते और यहां तक कि कई बार किताबें भी बांटती नजर आईं. 2015 से 2017 के दौरान तत्कालीन रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर ने हरिहरपुर और बरौलिया गांवों को गोद लिया था.

प्रियंका गांधी ने चुनाव प्रचार के दौरान स्मृति पर तीखा हमला करते हुए आरोप लगाया था कि वह अमेठी के लोगों को गरीब और भिखारी समझती हैं. कहीं न कहीं इस बयान ने अमेठी के उन लोगों की नाराजगी बढ़ाई जो पहले से ही गांधी परिवार के यहां कथित रूप से कम समय गुजारने की वजह से खफा थे. 2014 में अपनी हार के एक महीने के अंदर स्मृति यहां दोबारा लौटीं और गांव वालों के लिए यूरिया-अमोनिया खाद का इंतजाम सुनिश्चित कराया. अमेठी रेलवे स्टेशन पर एक रिजर्वेशन सेंटर खुला. इसके साथ ही उन्होंने केंद्रीय रेल मंत्री से अमेठी होते हुए उतरेटिया और वाराणसी के बीच रेल विद्युतीकरण का काम कराया. यही नहीं अमेठी-रायबरेली के बीच संपर्क मार्गों से लेकर नैशनल हाइवे और सैनिक स्कूल के लिए भी स्मृति ने पहल की.

इसके बाद से स्मृति ने फिर पीछे मुड़कर नहीं देखा. वह लगातार तिलोई, सलोन, जगदीशपुर, गौरीगंज और अमेठी विधानसभा का दौरा करती रहीं. यही वजह थी कि 2017 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस-एसपी के गठबंधन को झटका देते हुए बीजेपी ने 4 विधानसभाओं पर कब्जा जमा लिया.

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