यूपी के नए मुख्‍य सचिव बने अनूप चंद्र पांडेय, कहा- `विकास को गति देंगे`  

संक्षेप:

  • मुख्‍य सचिव का पदभार ग्रहण कर लिया
  • आइएएस राजीव कुमार का स्‍थान लिया
  • 1984 बैच के आइएएस हैं अनूप चंद्र पांडेय

लखनऊ: अनूप चंद्र पाण्‍डेय ने शनिवार को उत्‍तर प्रदेश के नए मुख्‍य सचिव का पदभार ग्रहण कर लिया है. उन्‍होंने आइएएस राजीव कुमार का स्‍थान लिया है, जो शनिवार को रिटायर हो गए. 1981 बैच के आइएएस राजीव कुमार के रिटायर होने के पहले ही बुधवार (27 जून) को सरकार ने 1984 बैच के आइएएस अनूप चंद्र पाण्डेय को मुख्य सचिव बनाने की घोषणा कर दी थी. मुख्‍य सचिव का पदभार संभालने के बाद अनूप चंद्र पाण्‍डेय ने मुख्‍यमंत्री योगी आदित्‍यनाथ और राजीव कुमार को धन्‍यवाद दिया. कई महत्वपूर्ण पदों पर रहे अनूप चंद्र पाण्डेय फिलहाल, अवस्थापना एवं औद्योगिक विकास आयुक्त भी हैं. मुख्य सचिव बनने के साथ-साथ उन्हें इन पदों की भी जिम्मेदारी संभालनी है.

शनिवार को मुख्‍य सचिव का पदभार ग्रहण करने के साथ ही अनूप चंद्र पाण्‍डेय ने कहा कि सरकार की नीतियों को मेहनत और ईमानदारी से अनुपालन कराने की जिम्‍मेदारी और कोशिश होगी. राजीव जी ने बड़े मानक सेट किए हैं, उन्‍हें पूरा करने की कोशिश होगी. विकास की धारा को और तेज करने के साथ अवरोध दूर करने का प्रयास होगा. उन्‍होंने कहा कि कृषि और उद्योग एक गाड़ी के दो पहिये हैं, हम दोनों को आगे बढ़ाएंगे. कितने घंटे काम होता है, इससे मतलब नहीं है. काम से लोग कितने संतुष्ट होते हैं, बड़ा लक्ष्य ये है. काम में डिलीवरी से ज्यादा सेटिस्फेक्शन हो, हमारा जोर इस पर होगा.उन्‍होंने आगे कहा `हम विकास को गति दें, ये हमारी टीम की कोशिश होगी. हम उस विश्वास पर खरे उतरे जो निवेशकों ने दिखाया था. किसानों की आय दोगुनी हो और युवाओं को रोजगार मिले, यही हमारी कोशिश है.

अनूप चंद्र पाण्डेय 1984 बैच के अधिकारी हैं. कुछ रिपोर्ट के मुताबिक कई ऐसे अधिकारी हैं जो 1982, 1983 बैच के हैं, लेकिन उनको नजरअंदाज किया गया है. बताया जा रहा है कि नए सचिव के चुनाव के लिए प्रवीण कुमार, चंद्रप्रकाश और संजय अग्रवाल भी थे, लेकिन अपनी छवि के आधार पर इन सभी को पीछे छोड़कर अनूप चंद्र पाण्डेय उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव चुने गए. मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, अनूप चंद पांडे मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के सबसे नजदीक अफसरों में से एक है. वह इस पद पर फरवरी 2019 तक वह इस पद पर रहेंगे. फरवरी 2019 में उनकी सेवानिवृत्ति है, लेकिन 2019 में होने वाले लोकसभा चुनाव के चलते उनके कार्यकाल को बढ़ाया भी जा सकता है.

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