BJP सांसद बोलीं- दलितों को लोकसभा बोलने नहीं दिया जाता

संक्षेप:

  • BJP सांसद ने केंद्र सरकार के खिलाफ खोला मोर्चा
  • कहा- दलित को लोकसभा में कम समय दिया जाता है
  • सांसदों को आरक्षण बचाने के लिए एकजुट होना चाहिए

लखनऊः बीजेपी सांसद सावित्री बाई फुले ने कलेक्ट्रेट में धरना स्थल पर कहा कि लोकसभा में अनुसूचित जाति, पिछड़ी जाति, जनजाति, आदिवासी समाज पर जब भी चर्चा होती है, तो हम लोगों को बहुत कम समय दिया जाता है. इसलिए बहुजन समाज के सांसद अपनी पूरी बात कह नहीं पाते हैं. उन्होंने कहा, "हालांकि बहुजन समाज के लोग अपनी बात कहने में पीछे नहीं हैं, बल्कि मैं ये कहूंगी कि बहुजन समाज के सांसदों को आरक्षण बचाने के लिए एकजुट होना चाहिए."

नमो बुद्धाय जन सेवा समिति के बैनर तले आयोजित धरने में आंदोलनकारियों को संबोधित करने के बाद उन्होंने राष्ट्रपति को संबोधित पंद्रह सूत्री ज्ञापन सिटी मजिस्ट्रेट प्रदीप यादव को सौंपा. सांसद सावित्री बाई ने एक दिवसीय धरना प्रदर्शन की चेतावनी दी थी. तय कार्यक्रम के अनुसार सुबह से ही कलेक्ट्रेट नीले रंग के पांडाल में सज गया. सांसद ने संबोधन की शुरुआत अपनी ही सरकार को कटघरे में करते हुए की. उन्होंने कहा कि बाबा साहेब की प्रतिमा तोड़ने वालों की गिरफ्तारी प्रशासनिक अफसरों ने जानबूझकर नहीं की है. उन्होंने जिला प्रशासन को लोकसभा में इस मुद्दे को उठाने की चेतावनी दी.

उन्होंने आरक्षण को खत्म करने की साजिश पर बहुजन समाज के हितों के लिए कुर्बान होने से पीछे न हटने की बात कही. भाजपा सांसद ने कहा, "अपना हक मांगने पर मेरा पुतला फूंका जा रहा है. एक नहीं, हजार पुतला फूंका जाए, मैं डरने वाली नहीं. मैं बहुजन समाज के लिए हक मांगने को तैयार हूं और हमेशा रहूंगी. जब तक जिंदा रहूंगी, तब तक बाबा साहेब आंबेडकर की बात मंजिल तक पहुंचाने का प्रयास करूंगी. जेल में रहूं या बाहर, मैं बहुजन समाज की लड़ाई लड़ती रहूंगी."

ये भी पढ़े : राम दरबार: 350 मुस्लिमों की आंखों में गरिमयी आंसू और जुबां पर श्री राम का नाम


सावित्री बाई ने कहा, "मेरे पास इतनी जमीन नहीं होगी कि मुझे दफना दिया जाए, इतना पैसा नहीं होगा कि कफन खरीद लिया जाए. फिर भी बहुजन समाज के हित के आगे कोई समझौता नहीं करूंगी. बहुजन समाज की बेटी हूं, इसलिए हमारी नहीं सुनी जा रही."

सांसद ने कहा कि उन्हें चुप रहने की धमकी दी जा रही है, दबाव बनाया जा रहा है. उन्होंने कहा कि "अगर हम डर गए तो हमारे बहुजन समाज का अधिकार खत्म हो जाएगा. अगर अधिकार पाने के लिए कुर्बान होना पड़ा तो हो जाऊंगी. लेकिन चुप नहीं रहूंगी. बाबा साहेब के उद्देश्य को पूरा करने के लिए संघर्ष करूंगी."

सांसद ने कहा कि जातीय जनगणना देश में होनी जरूरी है. जितनी जिसकी संख्या भारी, उतनी उसकी हिस्सेदारी होनी चाहिए. पिछड़े, दलितों व अल्पसंख्यकों को हक सही संख्या जानने के बाद ही मिल पाएंगी. उन्होंने कहा कि बहुजन तबके के पास नौकरी, रोजगार, खेती, घर की व्यवस्था नहीं है. बहुजन समाज की मां, बहन और बेटियों की इज्जत सुरक्षित नहीं है.

सांसद ने कहा कि भारत में अब उन लोगों की जांच होनी चाहिए जो अरबपति हैं, करोड़पति हैं. उनका पैसा विदेश से मंगाया जाए और गरीबों में बांटा जाए. उन्होंने कहा कि भारत में बहुत से ऐसे लोग हैं, जिनके पास अगर शमशान या कब्रिस्तान न हो तो दफनाने के लिए जमीन नहीं है. सांसद ने न्यायिक सेवा में पिछड़े, अनुसूचित व अल्पसंख्यक लोगों के प्रवेश की मांग उठाई और कहा कि न्यायपालिका में बहुजन की संख्या बढ़नी चाहिए.

If You Like This Story, Support NYOOOZ

NYOOOZ SUPPORTER

NYOOOZ FRIEND

Your support to NYOOOZ will help us to continue create and publish news for and from smaller cities, which also need equal voice as much as citizens living in bigger cities have through mainstream media organizations.

Read more Lucknow की अन्य ताज़ा ख़बरें पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें और अन्य राज्यों या अपने शहरों की सभी ख़बरें हिन्दी में पढ़ने के लिए NYOOOZ Hindi को सब्सक्राइब करें।

Related Articles