राजधानी की नवाबी का प्रतीक है चौक

संक्षेप:

  • इतर है पूरी दुनिया में मशहूर
  • चिकन के कपड़ों का है अच्छा बाज़ार
  • दर्शनीय स्थालों को देखने दूर दूर से आते हैं लोग 

लखनऊ: पूरे देश में कोई न कोई क्षेत्र या चौराहा अपने इतिहास और बात को जरूर बयां करता है. चाहें फिर वो जयपुर का सिटी हो या दिल्ली का सीपी सभी अपने-अपने नाम से पूरे देश में पहचाने जाते हैं.

इसी तरह राजधानी लखनऊ का चौक क्षेत्र जिसे नवाबों ने अपने काल में तैयार किया था. यह इस समय पूरे लखनऊ के नाम से जाना जाता है. जितने भी प्रमुख दर्शनीय स्थल हैं सब यही पर हैं. चाहें वो इमामबाड़ा हो या फिर भूलभुलैया सब कुछ चौक की गिरफ़्त में ही हैं.

ये भी पढ़े : सारे विश्व में शुद्धता के संस्कार, सकारात्मक सोच और धर्म के रास्ते पर चलने की आवश्यकता: भैय्याजी जोशी


आपको बता दें कि देश का सबसे नामी मेडिकल कॉलेज किंग जॉर्ज भी यहीं पर है इसी के साथ चिकन कपड़ों का भी विशाल बाज़ार चौक में है. इस क्षेत्र में लखनऊ के अलावा अन्य शहरों से जैसे दिल्ली, मुंबई यहां तक कि विदेशों से भी लोग आते हैं.

चौक में इमामबाडा और भूलभुलैया हैं जिससे यह क्षेत्र ज्यादा मशहूर है और दूसरी बात ये है कि किंग जॉर्ज मेडिकल कॉलेज में भी बच्चे पूरे देश भर से आते हैं इसलिए इस चौक को पूरे देश ने जाना है.

अक्सर स्टूडेंट्स कहते हैं कि अगर मोनुमेंट पर कुछ लेख लिखना है तो चौक चलो सब काम बन जायेगा. आपको बता दें कि यहां पर स्थित भूलभुलैया पूरे देश में मशहूर है. NYOOOZ को वहां पर मौजूद एक गाइड ने बताया कि इस को इराक के कारीगरों द्वारा 1784 में नवाब आसिफ-उद-दौला ने बनवाया था. आपको बता दें कि भूलभुलैया बड़े इमामबाड़े के अन्दर ही स्थित है.

इसके अलावा चिकन के कपड़ो के लिए भी लोग काफी आते हैं अक्सर बच्चे जब भी छुट्टियों में अपने रिश्तेदारों के यहां लखनऊ आते हैं तो चौक जरूर जाते हैं. सबसे ज्यादा यहां पर चिकन के कुर्ते और साड़ियों का बाज़ार लगता है देखें तो हमेशा लगा ही रहता है.

सिर्फ इतना ही नहीं चौक इतर की खुसबू से भी महकता है आपको बता दें कि देश में लखनऊ का इतर मशहूर है और लखनऊ में चौक का इतर मशहूर है. लोग ईद के मौसम में लखनऊ के बाहर से भी इतर को खरीदने के लिए चौक आते हैं.

If You Like This Story, Support NYOOOZ

NYOOOZ SUPPORTER

NYOOOZ FRIEND

Your support to NYOOOZ will help us to continue create and publish news for and from smaller cities, which also need equal voice as much as citizens living in bigger cities have through mainstream media organizations.

Read more Lucknow की अन्य ताज़ा ख़बरें पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें और अन्य राज्यों या अपने शहरों की सभी ख़बरें हिन्दी में पढ़ने के लिए NYOOOZ Hindi को सब्सक्राइब करें।

Related Articles