लखनऊ यूनिवर्सिटी से जुड़े 165 कॉलेजों में 80 करोड़ का फीस घोटाला, सीएम ने दिए जांच के आदेश
- Shailendra
- Thursday | 5th April, 2018
- education
- LU और उससे जुड़े 165 कॉलेजों में सामने आया 80 करोड़ का `फीस` घोटाला
- राजधानी के 165 कॉलेजों को शुल्क प्रतिपूर्ति में करोड़ों की हेराफेरी
- सीएम ने दिए आर्थिक अपराध शाखा से जांच के आदेश
लखनऊः स्व:वित्त पोषित पाठ्यक्रम के तहत नियमों को दरकिनार कर भुगतान करने का आरोप के बाद यूपी सरकार ने पिछड़ा वर्ग कल्याण में हुए फीस प्रतिपूर्ति घोटाले की ईओडब्ल्यू जांच के आदेश दिए है। करीब 80 करोड़ रुपए के इस घोटाले के घेरे में 165 कॉलेज के साथ ही लखनऊ विश्वविद्यालय और जिला प्रशासन के अधिकारी आए हैं।
राजधानी के 165 कॉलेजों को शुल्क प्रतिपूर्ति में करोड़ों की हेराफेरी का एक और मामला सामने आया है। समाज कल्याण विभाग के निदेशक जगदीश प्रसाद को मुख्यमंत्री कार्यालय ने घोटाले की जांच आर्थिक अपराध शाखा से कराए जाने की जानकारी दी है।
इसमें मंत्री ओम प्रकाश राजभर की शिकायतों के आधार पर नियमों को दरकिनार कर शुल्क प्रतिपूर्ति की रकम जारी करने वाले अधिकारियों पर शिकंजा कसेगा। जांच के दायरे में लखनऊ विश्वविद्यालय और जिला प्रशासन के अधिकारी भी हैं।
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समाज कल्याण विभाग के सूत्रों के मुताबिक, निजी संस्थान में सेल्फ फाइनेंस कोर्स की फीस शासन तय करता है। फीस तय होने तक राज्य विश्वविद्यालय के नियमित पाठ्यक्रम की तरह शुल्क प्रतिपूर्ति का भुगतान होना चाहिए। बावजूद इसके विवि और संबंधित अधिकारियों ने नियमों को दरकिनार कर कहीं अधिक भुगतान करवा दिया। ऐसे में विभाग को 24 करोड़ 7 लाख से अधिक की राजस्व क्षति हुई। बता दें कि यह रकम सिर्फ एक साल की है।
विभागीय सूत्रों के अनुसार यह खेल कई सालों से चल रहा है। विकास भवन के अधिकारियों के मुताबिक, नियमों को ताक पर रखकर निजी कॉलेजों की झोलियां भरने में संबंधित विभाग के जिला स्तरीय अधिकारियों की मिलीभगत होने की भी आशंका है।
पिछड़ा वर्ग कल्याण अधिकारी एसपी सिंह के अनुसार, तैनाती के बाद अगस्त 2017 में गड़बड़ी की जानकारी हुई। इसके बाद डीएम कौशलराज शर्मा को अवगत करवाया। डीएम के निर्देश पर गठित की गई जांच समिति की रिपोर्ट में घपलेबाजी की पुष्टि हुई।
मामले की गंभीरता को देखते हुए पिछड़ा वर्ग कल्याण मंत्री ओमप्रकाश राजभर को रिपोर्ट भेजी गई और मंत्री ने सीएम को अवगत करवाया। जिसके बाद सीएम ने आर्थिक अपराध शाखा को जांच सौंपने के निर्देश दिए हैं।
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