जया बच्‍चन को लेकर दिए बयान पर बोले नरेश अग्रवाल- मुझे खेद है

संक्षेप:

  • नरेश ने जया वाले बयान पर जताया खेद
  • अखिलेश ने की कार्रवाई की मांग
  • बीजेपी की महिला नेताओं ने ही किया विरोध

लखनऊः बीजेपी में शामिल होने के बाद सपा नेता और अभिनेत्री जया बच्चन पर अभद्र टिप्पणी करने वाले नरेश अग्रवाल ने खेद जताया है. उन्होने कहा, "अगर मेरी किसी बात से किसी को ठेस पहुंची है तो मै खेद व्यक्त करता हूं." हालांकि जब उनसे पूछा गया कि क्या वे अपने पिछले बयान पर मांफी मांगेंगे, तो उन्होंने कहा, "खेद शब्द का मतलब आप समझते हैं?"

आपको बता दें कि समाजवादी पार्टी छोड़कर बीजेपी में शामिल होते ही नरेश अग्रवाल ने जया बच्चन के लिए नाचने वाली जैसे शब्द का इस्तेमाल किया था. उन्होंने कहा था, "फिल्म में काम करने वाली से मेरी हैसियत कम कर दी गई, उनके नाम पर हमारा टिकट काटा गया, मैंने इसको भी बहुत उचित नहीं समझा."

हालांकि, नरेश अग्रवाल के इस बयान पर बीजेपी की वरिष्ठ नेता और विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने आपत्ति जताई थी. सुषमा ने अग्रवाल के बयान की कड़ी निंदा करते हुए कहा था, "श्री नरेश अग्रवाल भारतीय जनता पार्टी में शामिल हुए हैं. उनका स्वागत है. लेकिन जया बच्चन जी के विषय में उनकी टिप्पणी अनुचित एवं अस्वीकार्य है."

ये भी पढ़े : राम दरबार: 350 मुस्लिमों की आंखों में गरिमयी आंसू और जुबां पर श्री राम का नाम


अखिलेश की कार्रवाई की मांग

समाजवादी पार्टी से जाते ही अखिलेश यादव ने भी नरेश अग्रवाल से बेगाने जैसा सुलूक किया. उन्होंने ट्वीट कर कहा, "श्रीमती जया बच्चन जी पर की गयी अभद्र टिप्पणी के लिए हम भाजपा के श्री नरेश अग्रवाल के बयान की कड़ी निंदा करते है. ये फिल्म जगत के साथ ही भारत की हर महिला का भी अपमान है. भाजपा अगर सच में नारी का सम्मान करती है तो तत्काल उनके ख़िलाफ कदम उठाये. महिला आयोग को भी कार्रवाई करनी चाहिए."

हालांकि, कुछ दिन पहले ही आजम खान ने अभिनेत्री जया प्रदा पर ऐसा ही बयान दिया था लेकिन अखिलेश यादव ने अभी तक उस पर कुछ नहीं बयान दिया है.

कौन हैं नरेश अग्रवाल

नरेश अग्रवाल नें अपनी राजनीतिक पारी 1980 में कांग्रेस से शुरू की. इसके बाद दल बदलने और सत्ता के करीब रहने का इतिहास रहा है. कांग्रेस छोड़कर लोकतांत्रिक कांग्रेस बनाई और बीजेपी की कल्याण सिंह और राजनाथ सिंह की सरकार में मंत्री बने.

2002 में मुलायम सिंह की सरकार में शामिल हुए और फिर मुलायम की सत्ता जाते ही बीएसपी का दामन थाम लिया था. 2007 में चुनाव सपा के चुनाव चिन्ह पर लड़ा लेकिन मायावती की सरकार आते ही वो बीएसपी में शामिल हो गए. 2012 में सपा की अखिलेश सरकार के आते ही वो वापस सपा मे आए और राज्यसभा पहुंच गए. अब सपा की सरकार 2017 में चली गई और राज्यसभा नहीं मिला तो बीजेपी में शामिल हुए.

If You Like This Story, Support NYOOOZ

NYOOOZ SUPPORTER

NYOOOZ FRIEND

Your support to NYOOOZ will help us to continue create and publish news for and from smaller cities, which also need equal voice as much as citizens living in bigger cities have through mainstream media organizations.

Read more Lucknow की अन्य ताज़ा ख़बरें पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें और अन्य राज्यों या अपने शहरों की सभी ख़बरें हिन्दी में पढ़ने के लिए NYOOOZ Hindi को सब्सक्राइब करें।

Related Articles