त्रिपुरा में BJP की जीत के ट्रंप कार्ड साबित हुए योगी

संक्षेप:

  • त्रिपुरा और नागालैंड में अब बीजेपी सरकार
  • त्रिपुरा में बीजेपी की जीत का योगी कनेक्शन
  • 25 सालों से एकछत्र राज कर रही थी लेफ्ट

लखनऊः देश में करीब 68 फीसद आबादी पर राज करने वाला एनडीए आज और अधिक शक्ति के साथ आगे बढ़ चला है. देश के सबसे छोटे राज्यों में से एक त्रिपुरा और नागालैंड की ज़मीन पर भी अब एनडीए सरकार बनती नज़र आ रही है. जिस त्रिपुरा में लगभग 25 सालों से एकछत्र राज कर रही लेफ्ट सरकार को हिलाने के बारे में कोई सोच भी नहीं सकता था. उसे उसी के गढ़ में बीजेपी ने धूल चटा दी है. त्रिपुरा में बीजेपी की जीत के नायक बन कर उभरे योगी ने कहा “पूर्वोत्तर के राज्यों में बीजेपी की जीत पीएम मोदी में विश्वास का प्रतीक है."

त्रिपुरा में चुनाव प्रचार से लौटने के बाद भी योगी ने मंदिर में पूजा की थी. वे गोरक्ष पीठ के महंत भी है. जो नाथ संप्रदाय का सबसे बड़ा पीठ है. यही है त्रिपुरा का योगी कनेक्शन. यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ त्रिपुरा में बीजेपी के स्टार प्रचारक थे. उन्होंने वहां 7 रैलिायं और 4 रोड शो के जरिए प्रचार किया था. योगी ने त्रिपुरा में विधानसभा की 20 सीटों पर चुनाव प्रचार किया था. योगी ने त्रिपुरा में अपने चुनाव प्रचार की शुरूआत धरमनगर के मंदिर से की थी. ये भी नाथ सम्प्रदाय का ही मंदिर है.

दरअसल त्रिपुरा की आबादी 36 लाख है. क़रीब 13 लाख लोग नाथ संप्रदाय से जुड़े हुए हैं. नाथ समाज के लोग योगी को गुरू मानते हैं. ये लोग केन्द्र में ओबीसी की श्रेणी में आते हैं. लेकिन त्रिपुरा में सामान्य जाति में आते हैं. इस वजह से उन्हें आरक्षण का लाभ नहीं मिल पाता है. बीजेपी ने नाथ संप्रदाय के लोगों को आरक्षण देने का वादा तो नहीं किया है. लेकिन योगी के प्रचार करने से इस समाज में बीजेपी अपनी पैठ मज़बूत करने में कामयाब रही है.

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2013 के विधान सभा चुनाव में बीजेपी 50 सीटों पर लड़ी थी. इनमें से 49 सीटों पर पार्टी के उम्मीदवार अपनी ज़मानत भी नहीं बचा पाए थे.त्रिपुरा में विधान सभा की 60 सीटें हैं.

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