जीएसटी लागू होने के बाद 1 लाख से भी ज्यादा नौकरियों की बहार

संक्षेप:

  • 1 जुलाई से होगा जीएसटी लागू
  • 1 लाख से ज्यादा नौकरियां पैदा होने के आसार
  • टैक्स अकाउंटिंग और डाटा एनालिसिस जैसे क्षेत्र में होंगी नौकरियां

गुड्स ऐंड सर्विसेज टैक्स यानी जीएसटी 1 जुलाई से लागू होने वाला है। ऐसे में सभी सेक्टर की कंपनियां अपनी जीएसटी टीम को चुस्त-दुरुस्त करने में जुटी हैं। इससे टैक्स और टेक्नॉलजी प्रफेशनल्स की मांग काफी बढ़ गई है। वहीं जॉब मार्किट में भी नए-नए अवसर मिल रहे है। इंडस्ट्री एक्सपर्ट्स की माने तो जीएसटी लागू होने से 1 लाख से ज्यादा नई नौकरियों के अवसर पैदा होंगे।

माना जा रहा है कि जीएसटी लागू होने से तकरीबन एक लाख नौकरियां तो तुरंत सामने आएंगी जिनमें टैक्स अकाउंटिंग और डाटा एनालिसिस के क्षेत्र में योग्यता रखने वाले लोगों की डिमांड होगी। रोजगार बाजार को नई जीएसटी व्यवस्था से एक बड़ी तेजी की आस है। एक्सपर्ट्स का मानना है कि जीएसटी से जॉब सेक्टर में बहार आएगी और ये सेक्टर 10 से 13 प्रतिशत वार्षिक तक की वृद्धि दर्ज करेगा।

अर्थव्यवस्था के विभिन्न क्षेत्रों में इससे पेशेवरों की डिमांड में तेजी आएगी। इंडियन स्टाफिंग फेडरेशन की अध्यक्ष रितपुर्णा चक्रवर्ती का कहना है कि जीएसटी से असंगठित क्षेत्र में काम करना बहुत कम आकर्षक हो जाएगा। देश पचारिककरण की और बढ़ेगा। वहीं जानी-मानी सर्च कंपनी ग्लोबल हंट के प्रबंध निदेशक सुनील गोयल कहना है कि जीएसटी के लागू होने की तारीख से पहले महीने में तत्काल एक लाख से ज्यादा नौकरियां पैदा होंगी। इसके अलावा, 50,000-60,000 नौकरियां जीएसटी से जुड़ी विशिष्ट गतिविधियों के लिए पैदा होंगी।

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कन्फैडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स यानी कैट ने कहा कि बड़ी संख्या में व्यापारियों को टैक्स में काफी परेशानी आयेगी, क्योंकि जीएसटी एक टेक्नोलॉजी आधारित कर प्रणाली है। देश में लगभग 60 प्रतिशत व्यापारियों के पास कम्प्यूटर नहीं है और ऐसे व्यापारी जीएसटी का पालन चाह कर भी नहीं कर सकेंगे। ऐसे में इन व्यापारियों के स्मस्या का कैसे समाधान होगा एक बड़ा सवाल है।  

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