मुख्तार अंसारी मामला: न हॉस्पिटल न डॉक्टर, फिर भी एंबुलेंस का पंजीकरण

संक्षेप:

  • मुख्तार अंसारी एंबुलेंस मामला
  • पंजाब जेल से पेशी के दौरान किया गया था एंबुलेंस का प्रयोग
  • एंबुलेंस का चार साल से इंश्योरेंस नही कराया गया था

लखनऊ- उत्तर प्रदेश के बाहुबली नेता मुख्तार अंसारी को पंजाब की जेल से पेशी पर ले जाने के लिए बाराबंकी के जिस एंबुलेंस का प्रयोग किया गया, उस एंबुलेंस का पिछले चार वर्ष से न इंश्योरेंस किया गया था और न ही छह साल से उसका फिटनेस कराया गया था। दिल्चस्प बात यह भी है कि जिस अस्पताल का नाम लिखवाया गया था उसका कहीं अता पता ही नही है। स्वास्थ्य विभाग इस नाम के किसी भी अस्पताल का पंजीकरण न होने का अपना दावा कर रही है। वहीं परिवहन विभाग फिटनेस न कराने पर एक साल पहले डॉ. अलका राय को नोटिस भेजकर खानापूर्ति कर चुका है। बताया जाता है कि एंबुलेंस के नाम से दर्ज यह वाहन माफिया के निजी कार्य में लगातार प्रयोग किया जा रहा था। 

इसकी भनक लगने के बाद स्थानीय पुलिस व प्रशासन दिन भर मामले की छानबीन में जुटा रहा। लखनऊ एसटीएफ ने भी बाराबंकी पहुंचकर जांच शुरू कर दी है।  

उत्तर प्रदेश के बीजेपी प्रवक्ता सिद्धार्थ नाथ सिंह ने कांग्रेस पर आरोप लगाते हुए कहा कि नियमानुसार किसी भी अपराधी को निजी एम्बुलेंस की सुविधा नहीं दी जा सकती है, लेकिन माफिया मुख्तार अंसारी को कांग्रेस की पंजाब सरकार ने न केवल संरक्षण दिया है बल्कि उसके लिए लग्जरी बुलेटप्रूफ निजी एम्बुलेंस की सुविधा भी मुहैया कराई है। इससे पहले भी मुख्तार को 2013 में सपा सरकार के समय बुलेटप्रूफ निजी एम्बुलेंस की सुविधा दी गई थी, जिसका वह अभी तक उपयोग कर रहा है। प्रियंका वाड्रा को भी ट्विटर के जरिये इसका जवाब देना चाहिए।

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