'बहादुर शाह जफर हैं मुलायम सिंह और अखिलेश यादव हैं औरंगजेब'
- कभी मुलायम सिंह यादव के बेहद करीबी रहे अमर `अंकल` ने अखिलेश यादव की तुलना मुगल बादशाह औरंगजेब से की है.
- जिसने अपनी ताजपोशी के लिए पिता बहादुर शाह जफर को जेल में डाल दिया था.
- समाजवादी पार्टी के आज के राजनीतिक परिदृश्य में मैं बहादुर शाह जफर को याद कर रहा हूं जिसका अंत मुलायम सिंह यादव की तरह बेहद दुखद रहा था.
लखनऊ: बीएसपी सुप्रीमो मायावती और समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव के बीच सियासी दोस्ती के टूटने के बाद एसपी से निष्काषित राज्यसभा सांसद अमर सिंह ने तीखा हमला बोला है. कभी मुलायम सिंह यादव के बेहद करीबी रहे अमर `अंकल` ने अखिलेश यादव की तुलना मुगल बादशाह औरंगजेब से की जिसने अपनी ताजपोशी के लिए पिता बहादुर शाह जफर को जेल में डाल दिया था. उन्होंने अखिलेश यादव की तुलना कालिदास से भी की जिन्होंने उसी डाल को काट दिया था जिस पर वह बैठे थे.
अमर सिंह ने ट्वीट कर कहा, `समाजवादी पार्टी के आज के राजनीतिक परिदृश्य में मैं बहादुर शाह जफर को याद कर रहा हूं जिसका अंत मुलायम सिंह यादव की तरह बेहद दुखद रहा था. अखिलेश यादव औरंगजेब की तरह से हैं जिसने अपने पिता को केवल इसलिए जेल में डाल दिया था ताकि उसकी ताजपोशी को कोई खतरा न हो. अमर `अंकल` ने मायावती के अखिलेश यादव के मुस्लिम विरोधी होने के आरोप का समर्थन किया.
In todays political context of @samajwadiparty I am remembering Bahadur Shah as his end was also very sad like Mulayam Singh ji & Aurangzeb who caged his own father to ensure no threat to the throne like @yadavakhilesh. #SP #AkhileshYadav pic.twitter.com/JeHGjZHtGc
— Amar Singh (@AmarSinghTweets) June 24, 2019
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अखिलेश यादव को बताया मुस्लिम विरोधी
उन्होंने कहा, `मायावती ने अखिलेश यादव को मुस्लिम विरोधी बताया है. यह आरोप अखिलेश यादव के साथ जुड़ने जा रहा है क्योंकि अफजाल अंसारी कम्युनिस्ट पार्टी के उम्मीदवार होते थे, उस समय मुलायम सिंह और शिवपाल ने उन्हें अपनी पार्टी में शामिल कर लिया था. उस समय अखिलेश यादव ने एक मुसलमान का विरोध करते हुए अपने पिता को अध्यक्ष पद से और अपने चाचा को दल से निकाल दिया. उनका सहयोग करने के लिए मेरी भी एसपी से छुट्टी कर दी.
`ऐसा कोई सगा नहीं जिसे अखिलेश बेटा तुमने ठगा नहीं`
राज्यसभा सांसद ने कहा, `मायावती का अखिलेश के मुसलमान विरोधी होने के आरोप को पूरी तरह से दरकिनार नहीं किया जा सकता है. साथ ही अखिलेश यादव इतना ज्यादा अफजाल अंसारी के विरोधी थे तो उन्होंने महागठबंधन का प्रत्याशी बनाए जाने के बाद मायावती से संबंध तोड़ क्यों नहीं लिया. उन्होंने अपने बाप, चाचा और अंकल को छोड़ दिया, बुआ जी को क्यों गले लगाकर रखा. इसलिए बुआ जी की बात में तर्क तो है. आने वाली पीढ़ियां अखिलेश यादव को कहेंगी कि ऐसा कोई सगा नहीं जिसे अखिलेश बेटा तुमने ठगा नहीं.
`मायावती ने अखिलेश की राजनीतिक अपरिपक्वता को समझा`
अमर सिंह ने कहा, `जब राज्यसभा चुनाव में बीएसपी उम्मीदवार की हार हुई और (एसपी प्रत्याशी) जया बच्चन की जीत हुई तो केवल मायावती ने अखिलेश की राजनीतिक अपरिपक्वता को समझा था. गेस्ट हाउस, ताज कॉरिडोर और पोंटी चड्ढा सुगर मिल घोटाला जैसे कई मुद्दे मायावती का पीछा कर रहे हैं. एक टीवी चैनल से बातचीत में अमर सिंह ने कहा कि मायावती मतलब निकल जाने के अखिलेश यादव को पहचान नहीं रही हैं. उन्होंने कहा कि मायावती अब मुस्लिम वोट बैंक के लिए अखिलेश यादव पर हमले करेंगी और हर तरीके के आरोप लगाएंगी. मायावती की कोशिश मुस्लिम वोट बैंक के सहारे बीजेपी को टक्कर देना है. अमर सिंह ने अखिलेश यादव को आधुनिक कालिदास बताया जिसने अपने मददगार पिता, चाचा और अंकल को पार्टी से किनारे कर दिया.
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