NYOOOZ Exclusive: मैगी के सैम्पल फेल, 62 लाख का जुर्माना

संक्षेप:

  • मैगी के सैंपल जांच के दौरान फेल
  • शाहजहांपुर जिला प्रशासन ने लगाया 62 लाख का जुर्माना
  • मई 2015 में मैगी 4 महिनें तक की गई बैन

शाहजहांपुर में मैगी पर 62 लाख का जुर्माना लगा है। जुर्माने की वजह मैगी के कई दुकानों पर सैम्पल फेल होना है। 45 लाख कंपनी और 17 लाख डिस्ट्रीब्यूटर पर जुर्माना लगाया गया। लैब में परीक्षण के दौरान जब इसका सैम्पल फेल हो गया तो शाहजहांपुर जिला प्रशासन ने कार्रवाई करते हुए 62 लाख का जुर्माना लगाया है।

नेस्ले की मैगी इससे पहले भी विवादों में रह चुकी है। आपको बता दें कि मई 2015 में उत्तर प्रदेश के खाद्य विभाग द्वारा मैगी के जाँच के दौरान पता चला था कि इसमें 0.17 पीपीएम सीसा है साथ ही इसमें मोनोसोडियम ग्लूटामेट पाया गया था।

कंपनी ने मोनोसोडियम ग्लूटामेट के होने से इंकार कर दिया था। लेकिन कुछ अन्य स्थानों में जाँच करने पर भी विभाग को इसी प्रकार के परिणाम मिले। इसके बाद कंपनी पर केस दर्ज कर दिया गया था।

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तमाम विवादों के बाद नेस्ले कंपनी ने मैगी को बाजार में रिलांच किया। लंबे समय तक प्रतिबंध की मार झेलने वाली मैगी ने बाजार में आते ही फिर से धूम मचा दी थी, मैगी के चाहने वालों ने इसे हाथों-हाथ खरीदा। देशभर में प्रतिबंध की मार झेलने के बाद नेस्ले मैगी जबरदस्त वापसी कर चुकी थी। जिसके बाद अब नेस्ले कंपनी अगले तीन-चार महीनो में नूडल्स की कई और वैराइटी बाज़ार में लाने की तैयारी कर रही है।

लेकिन इस प्रकरण के बाद मैगी की लोकप्रियता और उत्पाद की गुणवत्ता पर फिर से सवाल खड़ा हो गया है।

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