नीति आयोग की डेल्टा रैंकिंग में यूपी के सात जिले टॉप 10 में शामिल

संक्षेप:

  • देश के अति पिछड़े 112 जिलों की डेल्टा रैंकिंग जारी।
  • आकांक्षात्मक जिलों की सूची में यूपी के आठ में से सात जिले टॉप 10 में।
  • चित्रकूट ने नीति आयोग के मानकों पर उत्कृष्ट प्रदर्शन किया।

लखनऊ- नीति आयोग ने जुलाई और अगस्त 2021 के सर्वे के आधार पर देश के अति पिछड़े 112 जिलों की डेल्टा रैंकिंग जारी कर दी है। नीति आयोग की तरफ से जारी जुलाई और अगस्त 2021 डेल्टा रिपोर्ट में देश के आकांक्षात्मक जिलों की सूची में उत्तर प्रदेश के आठ जिलों में से सात जिलों ने टाप 10 में स्थान बनाया है। ये जिले सिद्धार्थनगर, बहराइच, सोनभद्र, श्रावस्ती, फतेहपुर, चित्रकूट, चंदौली हैं।

फतेहपुर ने नीति आयोग के निर्धारित मानकों पर कार्य करते हुए पूरे देश में विकास के क्षेत्र में दूसरा स्थान हासिल किया है। वहीं तीसरे स्थान पर सिद्धार्थनगर, चौथे पर सोनभद्र, पांचवें पर चित्रकूट, सातवें पर बहराइच, आठवें पर श्रावस्ती और नौवें पर चंदौली ने स्थान बनाया है।

विकास कार्यों के लिए अतिरिक्त बजट

ये भी पढ़े : सारे विश्व में शुद्धता के संस्कार, सकारात्मक सोच और धर्म के रास्ते पर चलने की आवश्यकता: भैय्याजी जोशी


उत्तर प्रदेश के आठ आकांक्षात्मक जिलों में चित्रकूट और चित्रकूट ने नीति आयोग के मानकों पर उत्कृष्ट प्रदर्शन किया है। नीति आयोग ने इन जिलों को विकास कार्यों के लिए अतिरिक्त बजट आवंटित किया है। नीति आयोग की ओवरआल डेल्टा रैंकिग में चित्रकूट ने शिक्षा, स्वास्थ्य, पोषण सहित अनेक मानकों पर देश में पांचवा स्थान हासिल किया है।

इसके लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बधाई देते हुए हर विभाग को संयुक्त रूप से पहल करते रहने का निर्देश दिया है। बलरामपुर टॉप 10 में शामिल नहीं हो पाया है।

गौरतलब है कि देश भर के 115 जिले पिछडे़ माने जाते हैं। इनकी आकांक्षात्मक स्तर पर रैंकिंग की जाती है। नीति आयोग विभिन्न विकासात्मक मापदंडों के माध्यम से रैंक हासिल करने वाले इन जिलों को अतिरिक्त धन आवंटन करता है। इससे इन जिलों में स्वास्थ्य व पोषण, शिक्षा, कृषि, मूलभूत सुविधाएं और कौशल विकास के कार्य चल रहे हैं।

If You Like This Story, Support NYOOOZ

NYOOOZ SUPPORTER

NYOOOZ FRIEND

Your support to NYOOOZ will help us to continue create and publish news for and from smaller cities, which also need equal voice as much as citizens living in bigger cities have through mainstream media organizations.

Read more Lucknow की अन्य ताज़ा ख़बरें पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें और अन्य राज्यों या अपने शहरों की सभी ख़बरें हिन्दी में पढ़ने के लिए NYOOOZ Hindi को सब्सक्राइब करें।

Related Articles