फेयरवेल स्पीच में राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने संसद के पहले दिन को किया याद

संक्षेप:

  • राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी का विदाई कार्यक्रम
  • आखिरी भाषण में संसद के पहले दिन को किया याद
  • संसद में कम हो रहा कामकाज पर जताया चिंता

लखनऊः राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी को रविवार को संसद के सेंट्रल हॉल में विदाई दी गई. विदाई कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी और लोकसभा स्पीकर सुमित्रा महाजन, पूर्व पीएम मनमोहन सिंह, केंद्रीय मंत्री और दोनों सदन के सदस्य मौजूद रहे. प्रणब मुखर्जी का कार्यकाल कल समाप्त हो रहा है. मंगलवार को देश के नवनिर्वाचित 14वें राष्ट्रपति रामनाथ कोबिंद शपथ ग्रहण करेंगे.

विदाई समारोह में प्रणव मुखर्जी ने कहा कि मुझे लोकतंत्र के इस मंदिर ने, इस संसद ने तैयार किया है. 22 जुलाई 1969 को पहला राज्यसभा सत्र अटेंड किया था. संसद में मेरा करियर इंदिरा गाँधी से प्रभावित रहा. संसद में पक्ष और विपक्ष में बैठते हुए मैंने समझा कि सवाल पूछना और उनसे जुड़ना कितना ज़रूरी है.

राष्ट्रपति मुखर्जी ने कहा कि मैंने बहुत से बदलाव देखे, हाल ही में जीएसटी का लागू होना भी गरीबों को राहत देने की दिशा में बड़े कदम का उदाहरण है. जब संसद में किसी व्यवधान की वजह से कार्रवाई नहीं हो पाती तो लगता है कि देश के लोगों के साथ गलत हो रहा है. संसद में 37 साल का सफर 13वें राष्ट्रपति के रूप में निर्वाचित होने के बाद ख़त्म हुआ था, फिर भी जुड़ाव वैसा ही रहा.

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राष्ट्रपति ने कहा कि संसद में कम हो रहा कामकाज चिंता का विषय है. इतने शानदार प्रोग्राम के लिए आपका धन्यवाद, मैं मोदी की एनर्जी का मुरीद हूं, उनके साथ अच्छी यादें लेकर जा रहा हूं. इस मौके पर उपराष्ट्रपति और लोकसभा स्पीकर ने भी भाषण दिया. उपराष्ट्रपति ने कहा कि राष्ट्रपति से पहले आप विश्व के सर्वश्रेष्ठ विदेश मंत्री रहे और पद्म विभूषण का सम्मान भी प्राप्त किया.

बता दें कि रामनाथ कोविंद 25 जुलाई को दोपहर 12:15 बजे 14वें राष्ट्रपति के तौर पर शपथ लेंगे. ज्योतिषियों से विचार विमर्श कर ये समय तय हुआ है. समारोह से पहले विजय चौक पर फुल ड्रेस रिहर्सल हुई. फिर अपनी नई कार से वो प्रणब मुखर्जी को उनके घर तक छोड़ेंगे जहां प्रणब मुखर्जी राष्ट्रपति भवन छोड़ने के बाद रहने वाले हैं.

राष्ट्रपति चुनाव में रामनाथ कोविंद को कुल वैध वोटों में से 65.65 फीसदी वोट मिले, जबकि मीरा कुमार को महज 34.35 फीसदी वोट ही मिल पाए. रामनाथ कोविंद को मिले वोटों का कुल मूल्य 7 लाख 2 हजार 644 रहा. मीरा कुमार को 3 लाख 67 हजार 314 वोट मिले. रामनाथ कोविंद की जीत इतनी आसान होगी, इसकी उम्मीद विपक्ष को नहीं थी.

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