सलमान खुर्शीद बोले- चुनाव जीतना तो दूर, कांग्रेस अपना भविष्य तक नहीं कर सकती तय

संक्षेप:

  • सलमान खुर्शीद ने पार्टी की खराब हालत के लिए राहुल गांधी के अध्यक्ष पद छोड़ने को सबसे बड़ा कारण बताया है.
  • सीनियर लीडर ने कहा कि राहुल गांधी के इस फैसले के चलते पार्टी हार के बाद जरूरी आत्मनिरीक्षण भी नहीं कर पाई.
  • पूर्व विदेश मंत्री ने कहा, `हम विश्लेषण के लिए भी एकजुट नहीं हो सके कि हम लोकसभा चुनाव में क्यों हारे.

नई दिल्ली: कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सलमान खुर्शीद ने कांग्रेस के मौजूदा हाल पर बड़ा बयान दिया है. सलमान खुर्शीद ने कहा है कि पार्टी संघर्ष के दौर से गुजर रही है. हरियाणा और महाराष्ट्र में होने जा रहे चुनाव में पार्टी के जीतने की संभावना ही नहीं है. भारत के पूर्व विदेश मंत्री, सलमान खुर्शीद ने कहा कि न केवल आगामी राज्य विधानसभा चुनाव बल्कि कांग्रेस पार्टी की हालत ऐसे स्तर पर पहुंच गई है कि यह अपना भविष्य तक नहीं तय कर सकती है.

समाचार एजेंसी एसोसिएटेड प्रेस (एपी) के साथ एक इंटरव्यू में सलमान खुर्शीद ने यह बात कही है. सलमान खुर्शीद ने कहा कि कांग्रेस को मुश्किलों का सामना इसलिए करना पड़ रहा है कि अब तक पार्टी 2019 के लोकसभा चुनावों में मिली हार से बाहर नहीं निकल पा रही है. सोमवार को सलमान खुर्शीद ने कहा कि लोकसभा चुनावों में पार्टी की हार के बाद राहुल गांधी जल्दबाजी में पार्टी अध्यक्ष का पद छोड़ गए. उनकी मां सोनिया गांधी को कांग्रेस का अंतिरम अध्यक्ष बनाया गया. अक्टूबर में राज्यों में चुनाव निपटने के बाद ही नए पार्टी अध्यक्ष पर फैसला किया जाएगा.

छोड़कर जा रहे नेता

ये भी पढ़े : राम दरबार: 350 मुस्लिमों की आंखों में गरिमयी आंसू और जुबां पर श्री राम का नाम


सलमान खुर्शीद ने कहा कि हम वास्तव में एक साथ विश्लेषण नहीं कर पाए हैं कि हमारी हार क्यों हुई है. हमारी सबसे बड़ी समस्या यह है कि हमारे नेता दूर चले गए हैं. राहुल गांधी पर अब भी पार्टी की निष्ठा है. यह एक तरह की रिक्तता है.

नए अध्यक्ष के इंतजार में सोनिया!

सलमान खुर्शीद ने कहा कि सोनिया गांधी ने पार्टी अध्यक्ष का पद संभाला है लेकिन इसे वे नए अध्यक्ष के इंतजार में हैं. वे ऐसा मानकर चल रही हैं कि महज अध्यक्ष पद की रिक्तता भरने के लिए वे हैं. मैं आशा करता हूं कि ऐसा न हो. 2019 के लोकसभा चुनाव में 542 संसदीय सीटों में से केवल 52 सीटों पर कांग्रेस को जीत हासिल हुई. वहीं 303 सीटें भारतीय जनता पार्टी(बीजेपी) के खाते में गईं. अब हरियाणा और महाराष्ट्र में 21 अक्टूबर को चुनाव होने वाले हैं. ऐसे में पार्टी के लिए एक बड़ी चुनौती खुद को संभाले रखना है.

कांग्रेस में जारी है विद्रोह

लोकसभा चुनावों में मिली हार के बाद राहुल गांधी ने कांग्रेस अध्यक्ष के पद से इस्तीफा दे दिया था और अब, जब चुनाव सिर पर हैं, वे कहीं चुनाव प्रचार में दिख नहीं रहे हैं. कांग्रेस पार्टी विद्रोह के दौर से गुजर रही है. हरियाणा कांग्रेस के पूर्व प्रमुख अशोक तंवर ने हाल ही में पार्टी को छोड़ दिया था. बीजेपी के खिलाफ कैंपेन करने वाले प्रमुख प्रचारकों में अशोक तंवर का नाम भी शामिल था . वहीं महाराष्ट्र कांग्रेस में भी विद्रोह जारी है. महाराष्ट्र कांग्रेस के दिग्गज नेता संजय निरुपम भी पार्टी छोड़ने की धमकी दे चुके हैं. हाल ही में उन्होंने कहा था कि संजय निरुपम ने आरोप लगाया कि ज्योतिरादित्य सिंधिया एक बार भी महाराष्ट्र नहीं आए हैं और अपने दोस्तों से बातचीत के आधार पर टिकट बांट दिए हैं. उन्होंने ये भी कहा कि मल्लिकार्जुन खड़गे जैसे लोग बेकार हैं, पार्टी चलाने में कोई दिलचस्पी नहीं है.

21 अक्टूबर को होने जा रहे मतदान से पहले महाराष्ट्र व हरियाणा कांग्रेस में गुटबाजी सार्वजनिक मंचों से सामने आ रही है. हैरान करने वाली बात ये है कि कांग्रेस से बगावत करने वाले नेता सीधे तौर पर कांग्रेस हाईकमान को निशाने पर ले रहे हैं और उन पर सवाल उठा रहे हैं.

If You Like This Story, Support NYOOOZ

NYOOOZ SUPPORTER

NYOOOZ FRIEND

Your support to NYOOOZ will help us to continue create and publish news for and from smaller cities, which also need equal voice as much as citizens living in bigger cities have through mainstream media organizations.

Read more Lucknow की अन्य ताज़ा ख़बरें पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें और अन्य राज्यों या अपने शहरों की सभी ख़बरें हिन्दी में पढ़ने के लिए NYOOOZ Hindi को सब्सक्राइब करें।

Related Articles