लखनऊ : राजनाथ सिंह के खिलाफ गठबंधन और कांग्रेस दोनों असमंजस में! 1991 से बीजेपी के पास है यह सीट

संक्षेप:

  • कभी पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की सीट रही लखनऊ से राजनाथ सिंह हैं सांसद
  • पर्चा भरने से पहले राजनाथ ने लखनऊ के मशहूर हनुमान सेतु स्थित मंदिर जाकर दर्शन किया
  • जितिन प्रसाद के आने के बाद मुकाबला ब्राह्मण बनाम क्षत्रिय हो जाएगा

लखनऊ: लखनऊ लोकसभा सीट पर केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने नामांकन दाखिल कर दिया है. कभी पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की सीट रही लखनऊ से राजनाथ सिंह सांसद हैं. मंगलवार को पर्चा भरने से पहले राजनाथ सिंह ने शहर के मशहूर हनुमान सेतु स्थित मंदिर जाकर दर्शन किया. इसके साथ ही राजनाथ एक रोड शो के जरिए नामांकन से पहले शक्ति प्रदर्शन किया. इसके बाद उन्होंने कलेक्ट्रेट में नामांकन किया। हैरानी की बात यह है कि लखनऊ सीट पर अब तक विपक्ष प्रत्याशी तय नहीं कर सका है.

इस लोकसभा चुनाव में राजनाथ के खिलाफ मजबूत प्रत्याशी उतारने का दम भरने वाला गठबंधन और कांग्रेस, फिलहाल दोनों ही असमंजस में हैं. नतीजा यह है कि प्रत्याशी अब तक केवल चर्चाओं में हैं. दो दशक से ज्यादा वक्त से बीजेपी का गढ़ बन चुकी इस सीट पर राजनाथ के खिलाफ कोई दिग्गज उतरने को तैयार नहीं है. 2014 के चुनाव में जहां कांग्रेस ने इस सीट से रीता बहुगुणा जोशी को उतारा था, वहीं समाजवादी पार्टी की ओर से तत्कालीन राज्यमंत्री और अखिलेश यादव के करीबी अभिषेक मिश्रा को टिकट दिया गया था. इस बार कांग्रेस की ओर से जितिन प्रसाद को उतारने की चर्चा है.

जितिन प्रसाद के आने के बाद मुकाबला ब्राह्मण बनाम क्षत्रिय

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1984 तक कांग्रेस का गढ़ रहे लखनऊ पर गांधी परिवार की निगाह अरसे से लगी हुई है. इसी वजह से पार्टी अपना सबसे बड़ा दांव पूर्व केंद्रीय मंत्री जितिन प्रसाद के रूप में लगाना चाह रही है. कांग्रेस को उम्मीद है कि युवा ब्राह्मण और साफ छवि के जितिन लखनऊ के चुनाव को ब्राह्मण बनाम क्षत्रिय में बदल देंगे. इसके अलावा गठबंधन ने भी जितिन को समर्थन दे दिया तो राजनाथ के लिए मुकाबला कड़ा हो जाएगा.

क्या पूनम सिन्हा बन पाएंगी संयुक्त प्रत्याशी!

राजनीतिक विश्लेषकों की मानें तो लखनऊ में कायस्थ मतदाताओं की संख्या तीन से साढ़े तीन लाख के आसपास है. इसके अलावा सवा लाख के करीब सिंधी वोटर हैं. इसी वजह से एसपी के कुछ नेताओं ने अभिनेता से नेता बने शत्रुघ्न सिन्हा की पत्नी पूनम सिन्हा को लखनऊ से लड़ाने का सुझाव दिया था. पूनम खुद सिंधी हैं. एसपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव और शत्रुघ्न सिन्हा की मुलाकात में पूनम के नाम पर चर्चा भी हुई. शत्रुघ्न की शर्त थी कि कांग्रेस भी पूनम के खिलाफ प्रत्याशी खड़ा न करे. शत्रुघ्न अब कांग्रेस में हैं. उन्हें उम्मीद है कि वह कांग्रेस को मना लेंगे. लेकिन एसपी अब तक कोई फैसला नहीं ले पाई है. एसपी को डर है कि अगर आखिरी वक्त में कांग्रेस तैयार न हुई तो उसकी किरकिरी हो सकती है. दूसरा डर यह था कि शत्रुघ्न एक वक्त राजनाथ के करीबी थे और खुद पटना साहिब से चुनाव लड़ रहे हैं. ऐसे में अपने चुनाव की वजह से शत्रुघ्न का यहां वक्त दे पाना भी मुमकिन नहीं होगा.

54% वोट मिले थे 2014 में राजनाथ को

पिछले लोकसभा चुनाव में राजनाथ को 54.28 फीसदी वोट मिले थे. दूसरे नंबर पर रहीं कांग्रेस की रीता बहुगुणा जोशी को 27.89 फीसदी वोट मिले थे. बीएसपी के नकुल दुबे 6.23 फीसदी मतों के साथ तीसरे नंबर पर थे, जबकि 5.49 फीसदी वोट पाकर एसपी के अभिषेक मिश्र चौथे नंबर पर थे. अब अगर इन तीनों के मत प्रतिशत को जोड़ भी लिया जाए तो यह केवल 39.61 फीसदी बैठता है, जो राजनाथ को मिले वोटों से काफी कम है. ऐसे में साझा उम्मीदवार का गणित भी बैठता नजर नहीं आ रहा है.

साल 1991 से बीजेपी के पास रही है लखनऊ की सीट

वर्ष 1991-अटल बिहारी ने कांग्रेस उम्मीदवार रंजीत सिंह को हराया

वर्ष 1996- अटल बिहारी ने सपा उम्मीदवार राजबब्बर को हराया
वर्ष 1998-अटल बिहारी ने सपा उम्मीदवार मुजफ्फर अली को हराया
वर्ष 1999-अटल बिहारी ने कांग्रेस उम्मीदवार कर्ण सिंह को हराया
वर्ष 2004-अटल बिहारी ने सपा उम्मीदवार मधु गुप्ता को हराया
वर्ष 2009-लालजी टंडन ने कांग्रेस से उम्मीदवार रहीं रीता बहुगुणा को हराया
वर्ष 2014 -राजनाथ सिंह ने कांग्रेस उम्मीदवार रहीं रीता बहुगुणा को हराया

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