लखनऊ: चाय वाले के बेटे ने बनाया किर्तिमान, TATA इंस्टीट्यूट से करेगा रिसर्च की पढ़ाई

संक्षेप:

  • गणित से परीक्षा पास करने वाला देश का इकलौता छात्र
  • पूरे भारत से  20 छात्रों का हुआ चयन
  • रविशंकर जायसवाल करेगा टीफार में रिसर्च

रिपोर्ट- शान्तनु त्रिपाठी
लखनऊ। काम करो ऐसा कि पहचान बन जाए, हर कदम चलो ऐसे कि निशान बन जाए। ये पंक्तियां रविशंकर जायसवाल की रहनुमाई करती हैं। पिता चाय बेचते हैं, लेकिन अब उनका बेटा रविशंकर टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ फंडामेंटल रिसर्च बैंग्लोर(टीफार) से वैज्ञानिक बनेगा।

हिंदी माध्यम का अकेला छात्र-
ऑल इंडिया लेवल पर हुई इस परीक्षा में 20 सफल छात्रों में हिंदी माध्यम का देश का इकलौता छात्र रविशंकर है, जिसने यह परीक्षा गणित विषय में पास की है। रविशंकर के घर व कॉलेज में खुशियों का माहौल है। रविशंकर लखनऊ के करीबी क्षेत्र बहराइच के निवसी हैं जिनको इस समय स्वयं सेवी संस्थाएं सम्मानित कर रही हैं।

पिता चलाते हैं चाय की दुकान-
शहर के मेवातीपुरा मोहल्ला निवासी नरेंद्र जायसवाल की इलाहाबाद बैंक के पास चाय की दुकान है। नरेंद्र के पास एक बेटा रविशंकर और 2 बेटियां प्रीति और निशा हैं। नरेंद्र ने NYOOOZ से बातचीत में बताया कि इसी दुकान से मेरे परिवार का भरण पोषण होता है। बताते हैं कि बड़ा बेटा रविशंकर किसान पीजी कॉलेज में विज्ञान वर्ग में स्नातक का छात्र है। आपको बता दें कि रविशंकर ने कॉलेज के गणित विभागाध्यक्ष डॉ विनय सक्सेना के निर्देशन में बैंगलोर स्थित टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ फंडामेंटल रिसर्च में इंटीग्रेटेड पीएचडी के आवदेन किया। इस परीक्षा में ऑल इंडिया लेवल पर महज 20 बच्चों का चयन हुआ है। जिसमें अधिकांशतः छात्र आईएसआई कलकत्ता, सेंट जेवियर, राम कृष्ण मिशन विद्या मंदिर, प्रेसीडेंसी विश्विद्यालय आदि के थे। लेकिन राजधानी से सटे बहराइच जैसे छोटे शहर से बेहद सीमित संसाधनों में रविशंकर जायसवाल ने गणित विषय में परीक्षा पास कर अपनी मेधा का परचम लहराया है। उसकी इस सफलता में आर्थिक तंगी भी आड़े नहीं आयी। केडीसी के गणित विभाग के अध्यक्ष डॉ विनय सक्सेना ने कहा कि रविशंकर संपूर्ण देश में हिंदी माध्यम से परीक्षा पास करने वाला एकमात्र छात्र है।

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बचपन से ही मेधावान है रविशंकर

रविशंकर बचपन से ही मेधावान छात्र रहा है। उसने वर्ष 2012 में मांटेसरी हायर सेकेंडरी स्कूल से यूपी बोर्ड में 82 फीसदी अंको से पास की थी। वहीं वर्ष 2015 में इंटरमीडिएट में रवि शंकर ने 75 अंक अर्जित कर अपनी प्रतिभा का लोहा मनवाया। स्नातक के प्रथम वर्ष व द्वित्तीय वर्ष में भी रविशंकर ने उत्कृष्ट प्रदर्शन किया है। 67 फीसदी अंक मिले हैं।

मैं ज्यादा नहीं पढ़ पाया, बच्चों को खूब पढ़ाऊंगा

नरेंद्र जायसवाल कहते हैं कि आर्थिक तंगी के कारण जल्द ही परिवार की जिम्मेदारियां आ गयी। इसलिए ज्यादा नहीं पढ़ पाया। लेकिन बेटों व बेटियों को खूब पढ़ाऊंगा। बेटे ने बैंगलोर के किसी कॉलेज की परीक्षा पास की है। लेकिन क्या करेगा, मुझे नहीं पता। वह बताता है कि पीएचडी करूंगा। बड़ी बेटी प्रीति बीकॉम में है जबकि निशा इंटर मीडिएट की पढ़ाई कर रही है।

आईआईटी में पढ़ाना चाहते हैं रविशंकर

Nyoooz से बातचीत में रविशंकर ने बताया कि भविष्य में मिझे पीएचडी करने के उपरांत आईआईटी या समक्षक संस्थान में गणित विषय का अध्यापन व रिसर्च करना है। इसके पूर्व रविशंकर ने इसी साल आईआईटी जैम में आल इंडिया 33वीं रैंक हासिल की है।

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