यूपी में बड़ी हार के बाद अखिलेश-मुलायम की मैराथन बैठक, पार्टी संगठन में बड़े फेरबदल की आशंका!

संक्षेप:

  • राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने लखनऊ पार्टी मुख्यालय पर पार्टी नेताओं की बैठक ली.
  • इस दौरान सपा संरक्षक मुलायम सिंह यादव भी मौजूद रहे.
  • इस दौरान सपा संरक्षक मुलायम सिंह यादव भी मौजूद रहे.

नई दिल्ली: बसपा के साथ गठबंधन करने के बावजूद लोकसभा चुनाव में मिली करारी हार के बाद समाजवादी पार्टी में समीक्षाओं का दौर जारी है. सोमवार को राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने लखनऊ पार्टी मुख्यालय पर पार्टी नेताओं की बैठक ली. इस दौरान सपा संरक्षक मुलायम सिंह यादव भी मौजूद रहे.
कहा जा रहा है कि हार के बाद अखिलेश यादव पार्टी संगठन में बड़ा फेरबदल कर सकते हैं. साथ ही प्रदेश अध्यक्ष को भी बदला जा सकता है. इतना ही सभी स्टूडेंट यूनिट के अध्यक्षों और जिलाध्यक्षों को भी बदला जा सकता है. इतना ही नहीं इस बात की समीक्षा की जा रही है कि हार की वजह क्या रही. साथ ही नकारे नेताओं पर गाज भी गिर सकती है.

बता दें बसपा के साथ गठबंधन के बावजूद समाजवादी पार्टी को महज पांच सीटें ही हासिल हुईं. इतना ही नहीं सपा के दुर्ग कहे जाने वाले कन्नौज, बदायूं और फिरोजाबाद में परिवार के सदस्य भी हार गए. कहा जा रहा है कि पार्टी में जमीनी नेताओं की अनदेखी का खामियाजा पार्टी को भुगतना पड़ा है. यह भी कहा जा रहा है कि अखिलेश 2022 के विधानसभा चुनाव और 11 सीटों पर होने वाले उपचुनाव से पहले संगठन को चुस्त-दुरुस्त करने में जुट गए हैं.

सूत्रों की मानें तो अखिलेश यादव मुलायम सिंह यादव की तरह ही अब संगठन को मजबूत कर सकते हैं. संगठन का ढांचा ठीक उसी तरह होगा जैसा कभी मुलायम सिंह के समय में हुआ करता था, जिसमें कुर्मी के बड़े नेता के रूप में बेनी प्रसाद वर्मा थे. मुस्लिम नेता के तौर पर आजम खान, ब्राह्मण चेहरे के रूप में जनेश्वर मिश्र और राजपूत नेता के तौर पर मोहन सिंह हुआ करते थे. मौजूदा समय में पार्टी के पास ऐसे नेता नहीं हैं, जो हैं भी उन्हें पार्टी में आगे नहीं बढ़ाया गया. यही वजह है कि अखिलेश यादव का पूरा फोकस सगठन में आमूलचूल परिवर्तन करने का है.

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