अब स्कूलों में दी जाएगी सेक्स एजुकेशन, पीएम मोदी ने दी हरी झंडी

संक्षेप:

  • छत्तीसगढ़ के बीजापुर से होगी शुरुआत
  • 26 करोड़ किशोरों को फायदा मिलेगा
  • यूपीए के प्रयास की बीजेपी ने की थी आलोचना

लखनऊः सेक्स एजुकेशन देश के स्कूलों के पाठ्यक्रम का हिस्सा बनने जा रही है. इस कार्यक्रम की शुरुआत पीएम मोदी द्वारा राष्ट्रीय स्वास्थ्य योजना `आयुष्मान भारत` के तहत ही शनिवार, 14 अप्रैल को छत्तीसगढ़ के बीजापुर से होगी. स्कूल स्वास्थ्य कार्यक्रम के तहत `रोल प्ले और एक्टिविटी बेस्ड` मॉड्यूल को बाद में कई चरणों में पूरे देश के स्कूलों में लागू किया जाएगा और इसके लिए खासतौर से प्रशिक्षित शिक्षकों और साथी एजुकेटर (चुने हुए स्टूडेंट) की मदद ली जाएगी.

यूपीए के ऐेसे प्रयास की बीजेपी नेता ने की थी आलोचना

गौरतलब है कि इसके पहले यूपीए सरकार द्वारा भी इसी तरह का एक कार्यक्रम शुरू किया गया था, लेकिन साल 2005 में बीजेपी नेता वेंकैया नायडू की अध्यक्षता वाली राज्यसभा की समिति ने इसकी आलोचना की थी और इसे `चालाकी भरी मीठी भाषा बताया था, जिसका वास्तविक उद्देश्य स्कूलों में सेक्स शिक्षा देना और स्वच्छंदता को बढ़ावा देना है.`

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इस पाठ्यक्रम में बढ़ते बच्चों के जीवन से जुड़े विभिन्न पहलुओें को शामिल किया जाएगा, जिनमें यौन और प्रजनन संबंधी स्वास्थ्य, यौन उत्पीड़न, गुड टच और बैड टच, पोषण, मानसिक स्वास्थ्य, यौन संबंधों से होने वाले रोग (STD), गैर संक्रामक रोग, चोट और हिंसा आदि शामिल होंगे. करीब 22 घंटे का यह कार्यक्रम केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय और मानव संसाधन विकास मंत्रालय की संयुक्त पहल है और इससे करीब 26 करोड़ किशोरों को फायदा मिलेगा.

स्वास्थ्य मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया, `यह निर्देश दिए गए हैं कि हफ्ते में एक पीरियड इस कार्यक्रम के लिए हो. इस मॉड्यूल में उपयुक्त तरीके से किशोरों से संबंधि‍त समस्याओं के बारे में बताया जाएगा.` बीजपुर पूरे देश के 115 `आकांक्षी जिलों` में शामिल हैं, जिनकी पहचान सरकार ने की है. इस कार्यक्रम के तहत सरकार जिलों में हर समय निगरानी के द्वारा विकास कार्य करती है. अधिकारी ने बताया, `पहले चरण में नौवीं से बारहवीं तक के स्टूडेंट्स पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा और बाद में इसमें छोटी क्लासेज के बच्चों को भी शामिल किया जाएगा.` इसके लिए हर स्कूल के दो शिक्षकों का चयन कर उन्हें प्रशिक्षण दिया जाएगा.

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