6 मुस्लिम सांसद चुने गए इस बार UP से, 2014 में एक भी मुस्लिम सांसद का नहीं था यूपी से प्रतिनिधित्व

संक्षेप:

  • आजादी से लेकर पहली बार 2014 लोकसभा चुनाव में ऐसा हुआ था, जब एक भी मुस्लिम सांसद यूपी से नहीं चुना गया.
  • हालांकि अब सियासी तस्वीर बदली सी हुई है, इस बार यूपी से छह मुस्लिम सांसद यूपी का प्रतिनिधित्व करेंगे.
  • लोकभा चुनाव 2019 में ये सभी मुस्लिम सांसद समाजवादी पार्टी और बहुजन समाज पार्टी के टिकट पर चुने गए हैं.

लखनऊ: आजादी से लेकर पहली बार 2014 लोकसभा चुनाव में ऐसा हुआ था, जब एक भी मुस्लिम सांसद उत्तर प्रदेश (यूपी) से नहीं चुना गया. हालांकि, अब सियासी तस्वीर बदली सी हुई है. इस बार यूपी से छह मुस्लिम सांसद यूपी का प्रतिनिधित्व करेंगे. ये सभी मुस्लिम सांसद समाजवादी पार्टी (एसपी) और बहुजन समाज पार्टी (बीएसपी) के टिकट पर चुने गए हैं.

2014 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी ने एक भी मुस्लिम उम्मीदवार को टिकट नहीं दिया था. हालांकि अन्य दलों ने कई मुस्लिमों पर भरोसा जताया था, लेकिन उनमें से कोई भी संसद का सफर तय नहीं कर पाए. उस वक्त बीजेपी के मुस्लिम प्रत्याशी न उतारने के बावजूद एक भी मुस्लिम सांसद नहीं चुना गया, इसका बड़ा कारण था वोट बैंक का एसपी, बीएसपी और कांग्रेस के बीच में बंट जाना. इस बार एसपी-बीएसपी और आरएलडी एक साथ मैदान में थे और मुस्लिम वोटबैंक एक हो गया.

यूपी से संसद में ये मुस्लिम चेहरे

ये भी पढ़े : राम दरबार: 350 मुस्लिमों की आंखों में गरिमयी आंसू और जुबां पर श्री राम का नाम


बीजेपी को सबसे ज्यादा सांसद देने वाले उत्तर प्रदेश का दावा अल्पसंख्यक मंत्रालय पर बनता नहीं दिखा. नजमा हेपतुल्ला को यह विभाग दिया गया और फिर जब वह राज्यपाल बना दी गईं तो यह विभाग यूपी के मुख्तार अब्बास नकवी को दिया गया. इस मंत्रालय को मुख्तार अब्बास के पास बनाए रखने के लिए उन्हें फिर से राज्यसभा भेजा गया.

इस बार मुस्लिमों की आवाज के लिए विपक्ष के पास छह चेहरे होंगे. बीएसपी के टिकट पर अमरोहा से कुंवर दानिश अली, गाजीपुर से अफजाल अंसारी और सहारनपुर से हाजी फजलुर्रहमान जीते हैं, जबकि एसपी के टिकट पर मुरादाबाद से एसटी हसन, रामपुर से आजम खान और संभल से शफीकुर्रहमान बर्क चुनाव जीते हैं.

यूपी में मुस्लिम 15 फीसदी

इस बार लोकसभा चुनाव प्रचार के दौरान मुस्लिम वोटर शांत रहा. यहां तक कि किसी भी मौलाना ने कोई फतवा भी जारी नहीं किया. बीजेपी नेताओं के कई भड़काऊ बयानों के बाद भी मुसलमानों की ओर से कोई विरोध या प्रदर्शन नहीं हुआ. अली-बजरंगबली बयानों पर भी समुदाय की ओर से कोई प्रतिक्रिया नहीं आई. अगर दूसरे राज्यों से यूपी की तुलना करें तो यहां पर सबसे ज्यादा मुस्लिम हैं. उत्तर प्रदेश में मुसलमानों की आबादी करीब 15 फीसदी है.

If You Like This Story, Support NYOOOZ

NYOOOZ SUPPORTER

NYOOOZ FRIEND

Your support to NYOOOZ will help us to continue create and publish news for and from smaller cities, which also need equal voice as much as citizens living in bigger cities have through mainstream media organizations.

Read more Lucknow की अन्य ताज़ा ख़बरें पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें और अन्य राज्यों या अपने शहरों की सभी ख़बरें हिन्दी में पढ़ने के लिए NYOOOZ Hindi को सब्सक्राइब करें।

Related Articles