अयोध्या में गैर-विवादित भूमि पर पूजा की याचिका सुप्रीम कोर्ट में खारिज

संक्षेप:

  • सुप्रीम कोर्ट ने अयोध्या में गैर-विवादित भूमि पर पूजा करने की अनुमति की मांग संबंधी याचिका को खारिज कर दिया है
  • पंडित अमरनाथ मिश्रा ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल कर गैर विवादित भूमि पर पूजा करने की अनुमति मांगी थी
  • पहले ये याचिका इलाहाबाद हाई कोर्ट में दाखिल की गई थी

अयोध्या: सुप्रीम कोर्ट ने अयोध्या में गैर-विवादित भूमि पर पूजा करने की अनुमति की मांग संबंधी याचिका को खारिज कर दिया है. कोर्ट ने याचिकाकर्ता से कहा, "आप इस देश को शांति से नहीं रहने देंगे...किसी न किसी को हमेशा अपनी नाक घुसेड़नी ही है. सुप्रीम कोर्ट ने याचिकाकर्ता पर इलाहाबाद हाई कोर्ट की ओर से लगाया गया पांच लाख के जुर्माने का आदेश रद्द करने से भी इंकार कर दिया.

क्या था पूरा मामला?

पंडित अमरनाथ मिश्रा ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल कर गैर विवादित भूमि पर पूजा करने की अनुमति मांगी थी. पहले ये याचिका इलाहाबाद हाई कोर्ट में दाखिल की गई थी, जिसे हाई कोर्ट ने खारिज करते हुए याचिका कर्ता पर पांच लाख रुपये का जुर्माना लगा दिया था. अब सुप्रीम कोर्ट ने भी हाई कोर्ट के आदेश को रद्द करने से इनकार कर दिया है और जुर्माने को भी बरकरार रखा है. बता दें, अयोध्या का राम जन्मभूमि और बाबरी मस्जिद भूमि विवाद मामला लंबे समय से सुप्रीम कोर्ट में विचाराधीन है. इसके बावजूद इस तरह की कई याचिकाएं दाखिल की जाती रही हैं, जिन्हें कोर्ट खारिज करता रहा है.

ये भी पढ़े : राम दरबार: 350 मुस्लिमों की आंखों में गरिमयी आंसू और जुबां पर श्री राम का नाम


अयोध्या मामले में जारी है मध्यस्थता प्रक्रिया

सुप्रीम कोर्ट ने बीती 8 मार्च को राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद अयोध्या विवाद मामले को बातचीत के जरिए सुलझाने के लिए तीन सदस्यीय समिति से मध्यस्थता कराए जाने का आदेश दिया था. इस समिति के अध्यक्ष सुप्रीम कोर्ट के पूर्व न्यायाधीश एफ.एम.आई. कलीफुल्ला, आर्ट ऑफ लिविंग के श्री श्री रविशंकर और वरिष्ठ वकील श्रीराम पंचू इसके सदस्य हैं. मध्यस्थता की प्रक्रिया फिलहाल जारी है. कोर्ट ने मध्यस्थता प्रक्रिया की प्रगति पर इसके शुरू होने के चार हफ्तों के बीच रिपोर्ट मांगी है

If You Like This Story, Support NYOOOZ

NYOOOZ SUPPORTER

NYOOOZ FRIEND

Your support to NYOOOZ will help us to continue create and publish news for and from smaller cities, which also need equal voice as much as citizens living in bigger cities have through mainstream media organizations.

Read more Lucknow की अन्य ताज़ा ख़बरें पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें और अन्य राज्यों या अपने शहरों की सभी ख़बरें हिन्दी में पढ़ने के लिए NYOOOZ Hindi को सब्सक्राइब करें।

Related Articles