अयोध्या केस: CJI बोले- आस्था नहीं जमीन का मामला, धर्मग्रंथ की जगह सबूत दें

संक्षेप:

  • चीफ जस्टिस रंजन गोगोई ने रामजन्म स्थान पुनरुद्धार समिति के वकील से कहा कि वह इस मामले में पुख्ता सबूत पेश करें और पुराणों का जिक्र ना करें.
  • क्योंकि ये मामला किसी आस्था का नहीं है बल्कि विवादित जमीन से जुड़ा है.
  • इस मामले पर अब गुरुवार को सुनवाई होगी.

नई दिल्ली: रामजन्मभूमि-बाबरी मस्जिद विवाद पर बुधवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई. 6 अगस्त से सर्वोच्च अदालत इस मामले की रोजाना सुनवाई कर रही है और बुधवार को इसका नौवां दिन था. सुनवाई के दौरान चीफ जस्टिस रंजन गोगोई ने रामजन्म स्थान पुनरुद्धार समिति के वकील से कहा कि वह इस मामले में पुख्ता सबूत पेश करें और पुराणों का जिक्र ना करें. क्योंकि ये मामला किसी आस्था का नहीं है बल्कि विवादित जमीन से जुड़ा है. इस मामले पर अब गुरुवार को सुनवाई होगी. बुधवार को अयोध्या विवाद की सुनवाई खत्म हो गई है. अब इस मामले की सुनवाई गुरुवार को होगी.

जस्टिस ने कहा- जमीन का कंट्रोल सरकार के पास नहीं है

हिंदू महासभा के वकील ने अपना पक्ष रखते कहा कि जमीन का मालिकाना हक सरकार के पास है. जिसपर जस्टिस बोबड़े ने कहा कि जमीन का कंट्रोल सरकार के पास नहीं है. हिंदू महासभा के वकील ने कहा कि वह जिरह के लिए तैयार नहीं हैं. इस पर चीफ जस्टिस नाराज हुए और पूछा कि आप तैयार क्यों नहीं हैं? वकील ने कहा कि उन्हें पता नहीं था कि आज उनकी बारी आएगी, इसके बाद चीफ जस्टिस ने किसी ओर से अपना पक्ष रखने को कहा. हिंदू महासभा के बाद गोपाल सिंह विशारद की तरफ से वरिष्ठ वकील रंजीत कुमार अपना पक्ष रख रहे हैं. गोपाल सिंह विशारद के बेटे ने कहा कि 1950 में मेरे पिताजी ने मामले में याचिका दायर की थी. बीच में टोकते हुए चीफ जस्टिस ने कहा कि आपने अनुवाद ठीक से नहीं किया है, वकील की ओर से जवाब दिया गया कि कुछ सबूत हिंदी में भी दिए गए हैं.

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मामला आस्था का नहीं जमीन के मालिकाना हक का है- कोर्ट

रामजन्म स्थान पुनरुद्धार समिति के वकील पीएन मिश्रा ने आइन-ए-अकबरी की बातों को बताया और कहा कि उन्होंने कहीं भी ये नहीं बताया कि बाबर ने मस्जिद बनाई थी. इस पर जस्टिस चंद्रचूड़ ने कहा कि मस्जिद किसने बनाई ये मायने नहीं रखता है, चाहे वो बाबर हो या अकबर, सवाल ये है कि वहां पर मस्जिद थी या नहीं. इसके बाद चीफ जस्टिस ने कहा कि आप अपने सभी नोट्स को इकट्ठा करें और उन डॉक्यूमेंट्स को हमें दें जिनका आप जिक्र कर रहे हैं. इसके बाद पीएन मिश्रा ने कहा कि वह परसों अपनी दलील रखना चाहेंगे. चीफ जस्टिस रंजन गोगोई ने कहा कि उन्हें कुछ पुख्ता सबूत चाहिए. हमें नक्शा दिखाएं या कुछ ऐसा दिखाइए कि जिससे पता लग सके कि आप जिस स्थान का दावा कर रहे हैं वो वही जगह है. चीफ जस्टिस ने कहा कि धर्मग्रंथों का इस वक्त मामले से लेना-देना नहीं है क्योंकि सवाल आस्था का नहीं बल्कि जमीन का है.

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