सुप्रीम कोर्ट ने UPPCS मेंस 2017 पर रोक लगाने से इनकार

संक्षेप:

  • UPPCS मेंस 2017 की परीक्षा पर रोक लगाने से SC का इनकार
  • 18 जून से होगी UPPCS मेंस की मुख्य परीक्षा
  • UPPCS मेंस 2017 की मुख्य परीक्षा देंगे 14032 अभ्यर्थी

लखनऊः 18 जून से शुरू हो रही यूपी लोक सेवा आयोग की मुख्य परीक्षा पर सुप्रीम कोर्ट ने रोक लगाने से इंकार कर दिया। साथ ही शीर्ष कोर्ट ने प्रारंभिक परीक्षा की उत्तर पुस्तिकाओं के पुनर्मूल्यांकन के लिए इलाहाबाद उच्च न्यायालय के आदेश को बरकरार रखा है। जिसके बाद अब यह तय हो गया है कि अब यूपी पीसीएस मुख्य परीक्षा अपने निर्धारित समय 18 जून से ही शुरू होगी।

धर्मेंद्र सिंह सहित अन्य की याचिकाओं पर मंगलवार को न्यायमूर्ति यूयू ललित और न्यायमूर्ति दीपक गुप्ता की खंडपीठ में सुनवाई हुई थी। जिस पर गुरुवार को फैसला आया।

गौरतलब हो कि उप्र लोकसेवा आयोग से जनवरी 2018 में जारी पीसीएस (प्रारंभिक) परीक्षा 2017 के परिणाम को 120 याचियों ने इलाहाबाद हाईकोर्ट में चुनौती दी थी। याचियों ने 14 प्रश्नों पर आपत्ति की थी जिसमें कोर्ट ने एक प्रश्न को रद करने व दो के उत्तरों में बदलाव कर आयोग को संशोधित परिणाम जारी करने का निर्देश दिया था।

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आयोग ने परिणाम तो संशोधित नहीं किया बल्कि शीर्ष कोर्ट में एसएलपी दाखिल कर दी। जिस पर आयोग को कोर्ट से स्थगनादेश मिल गया और उसके बाद ही पीसीएस मुख्य परीक्षा कराने की प्रक्रिया भी शुरू हो चुकी है। धर्मेंद्र सिंह व अन्य ने शीर्ष कोर्ट में इसी को चुनौती दी है कि आयोग ने हाईकोर्ट के निर्देश का पालन नहीं किया।

याचियों का कहना है कि उन सभी को एक या दो नंबर से पीछे रहने के चलते मुख्य परीक्षा में शामिल होने का मौका नहीं मिला है, जबकि गलती आयोग की है और हाईकोर्ट ने भी इसे सही माना है। आयोग प्रारंभिक परीक्षा का परिणाम संशोधित करते तो उन्हें भी मुख्य परीक्षा में शामिल करने का मौका मिल सकता है।

आयोग ने पीसीएस 2017 प्रारंभिक परीक्षा का परिणाम 19 जनवरी 2018 को जारी किया था। इसमें 677 रिक्तियों के सापेक्ष मुख्य परीक्षा के लिए 14032 अभ्यर्थियों को सफल घोषित किया गया था। इसके साथ संशोधित उत्तरकुंजी भी जारी की गई थी। संशोधित उत्तरकुंजी में भी प्रश्नों के सही उत्तर न होने पर कई अभ्यर्थियों ने हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की थी।

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