कलयुगी बाबाओं से शर्मसार तपोभूमि भारत

संक्षेप:

  • भारत की भूमि राम कृष्ण परमहंस और स्वामी विवेकानंद की रही है
  • आसाराम और गुरमीत राम रहीम कैसे अरबों की सम्पति के मालिक बन जाते है?
  • मोदी `बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ` का नारा देते हैं, पार्टी के लोग पलीता लगाते हैं

By: मदन मोहन शुक्ला

तप और बलिदान की भूमि जहां बड़े बड़े महापुरुष ,ऋषि मुनि जिन्होंने समाज को ज्ञान की गंगा से नवाज़ा।यह भूमि राम कृष्ण परमहंस,चैतन्य महाप्रभु, स्वामी विवेकानंद की रही है।यह भूमि गोस्वामी तुलसीदास,रहीम,कबीर, मीरा,सूरदास की कर्मस्थली रही है जिन्होंने महान ग्रंथो की रचना की।धर्म को एक परिभाषा दी।जनकल्याण के लिए सर्वस्व न्योछावर कर दिया।पहले संत महात्मा,,ऋषि मुनि मायावी दुनिया से परे जाकर-मोह माया ,विलासिता,भोग,वासना का परित्याग कर केवल भगवान में लीन रहते थे और जो कुछ होता था समाज को अर्पित होता था और गुरबत में ज़िन्दगी व्यतीत हो जाती थी।लेकिन आज के बाबा जो स्वयं को भगवान समझते हैं।अमूमन साधरण पृष्ठभूमि से कुछ तो आपराधिक प्रवृत्ति के होते हैं लेकिन देखतें देखतें अरबो रु के मालिक, लाखों करोड़ों उनके अंध भक्त जो जान देने को तैयार रहतें हैं।इनका शग़ल केवल भोग वासना में लिप्त रहना ही होता है।मकसद रहता है रोज नए शिकार की तलाश इसमें ही सारी ऊर्जा खर्च होती है और समाज इनके कृत्यों से शर्मशार होता रहता है।

इन बाबाओं की कार्यप्रणाली पर अगर नज़र डालें तो दोष केवल इन बाबाओं का नहीं है दोषी वो जनता भी है जो इनके फर्जीवाड़े पर आंख मुद कर विश्वास कर लेती है और इन्हें अपना भगवान मान लेते है।बड़ा ही आश्चर्य होता है कि आसाराम और गुरमीत राम रहीम कैसे अरबो की सम्पति के मालिक बन जाते है और इनके भक्तो की संख्या देश विदेश में 5 से 6 करोड़ की होती है।और इनकी भूमिका प्रदेश सरकार को बनाने और गिराने में हो जाती है।प्रधानमंत्री से लेकर मुख्यमंत्री, मंत्री और न जाने कितने प्रदेशों के पुलिस मुखिया से लेकर वरिष्ठ नौकर शाह इनके दरबार में मत्था टेक कर धन्य मानते थे।आज वही बाबा जेल की काल  कोठरी में अपने दुष्कर्मो की सजा काट रहे है।और कुछ अपने दुष्कर्मो की सज़ा भुगतने की राह पर हैं।ऐसे बाबाओं की संख्या कुकरमुत्तों की तरह हैं।इन बाबाओं में एक भगवाधारी भूतपूर्व केंद्रीय राज्यमंत्री भाजपा के फायरब्रांड रहे मंडलाधीश स्वामी न कहकर बलात्कारी चिन्मयानंद का नाम जुड़ गया है।जिनके अभी तक 12 अश्लील वीडियो वायरल हुए है करीब 41 वीडियो पीड़िता ने कोर्ट को दिए।जिसमें कुछ में इन्होंने स्वीकार भी किया है वे स्वयं अश्लील क्रियाओं में लिप्त है ।फ़िलहाल वो  जेल में है।8 साल पहले भी बलात्कार का आरोप लगा था एवं एक आरोप यह भी था कि  शराब पीकर मसाज कराते थे लेकिन इस बाबा के रसूख़ के सामने आवाज़ दबा दी गयी लेकिन आज पाप का घड़ा भर गया और हश्र दुनिया के सामने है।

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अफ़सोस होता है जहां मोदी बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ का नारा देते है वहीं उन्हीं की पार्टी के लोग इसका पलीता लगाते है और भाजपा के पदाधिकारी ,सरकारेंऔर उनके अधिकारी इस बलात्कारी को बचाने की पूरी कोशिश करते हैं।लानत है ऐसे बाबाओं पर,लेकिन कलयुगी बाबा पर कोई असर नही बेशर्मी से कहते नज़र आएंगे "मुझे न्याय पर पूरा विश्वास है।"

महिलाओं के सशक्तिकरण की बहुत बड़ी बड़ी बात प्रधानमंत्री तो कहतें है लेकिन  सरकार के खुद के आंकड़े चौकानें वाले है,नेशनल क्राइम रिसर्च ब्यूरो की एक रिपोर्ट 2016 के अनुसार 70 फीसदी मामले रिपोर्ट नहीं होते।929 प्रति दिन, महिलाओं पर विभिन्न तरह के जुर्म होते है,187 किडनेपिंग,302 घरेलू हिंसा,107 बलात्कार होता है,128 सामूहिक दुष्कर्म के मामले रिपोर्ट हुए हैं। यह वास्तविक हिंसा का केवल 30 फीसदी है।

अपने कृत्यों पर प्रायश्चित करने की जगह जब लंबे इंतजार के बाद 2013 में 74 वर्षीय आसाराम को जोधपुर कोर्ट ने नाबालिग से बलात्कार का दोषी  मानतें हुए उम्र कैद की सज़ा सुनाई तो बाबा रो पड़े और सज़ा कम करने के लिए तर्क दिया वो चौकानें वाला था ,"आसाराम ने कहा वो बूढ़े हैं और अब तक समाज को अच्छे संदेश दिये हैं।"

अब सवाल उठता है कि जब कमसिन लड़कियों का यौन शोषण कर रहे थे उस समय वो सारे संदेश ,तकरीरें कहाँ थी क्यों नहीं अपने पर लागू की?

इस तरह के बाबाओं की लिस्ट बहुत लंबी है चाहें वो नित्यानंद हो या भीमानंद या गुरमीत राम रहीम,गाज़ियाबाद के बाबा आशा गुरुदेव,दाती महाराज दिल्ली के बाबा वीरेंद्र देव दीक्षित अंध विश्वास और धर्म के नाम पर कैसा पाखंड,आध्यत्मिक विश्विद्यालय का संचालक यौन शोषण का आरोपी ,दिल्ली हाइकोर्ट ने सी बी आई को जांच का आदेश दिया उसी जांच दल को बंधक बनाया दिल्ली पुलिस ने बाद में बंधन से छुड़ाया।पी आई एल राजस्थान के एक परिवार ने दायर किया था।ऐसे बाबा फर्ज़ी हैं साथ ही जिन्होंने धर्म की आड़ में एक नही बल्कि कई मौकों पर मानवता को तार तार किया।अपने भोले भाले भक्तो की आस्था का निरादर किया है।

यह दुष्कर्मी बाबा एक व्यक्ति नही एक गंदी मानसिकता का नाम है।इसी के पूरक एक और बाबा दाती महाराज  जिन पर आरोप है कि गोद ली गई बेटी के साथ बलात्कार एवं अप्रकार्तिक एवं सामूहिक दुष्कर्म करते थे।पीड़िता ने सेक्शन 164 के तहत बयान में उपरोक्त आरोप लगाएं हैं।पीड़िता ने बयान में आगे कहा ,बाबा ने मेरा बलात्कार करने से पहले यह बात कही,"तुम बाबा की हो और बाबा तुम्हारे हैं।तुम कोई नया काम नही कर रही हो।सब करते आये हैं।कल हमारी बारी थी।आज तुम्हारी बारी है कल न जाने किसकी बारी होगी।बाबा समंदर है  हम सब उसकी मछलियां हैं इसे कर्ज़ समझ कर चुका लो।"

दाती महाराज दिल्ली के फतेहपुर बेरी में मशहूर शनि धाम मंदिर के संस्थापक हैं वो खुद को शनि देव का उपासक बतातें हैं।पीड़िता ने शिकायत 6जून2018 को की थी ।फ़िलहाल महाराज दाती जमानत पर है।इन पर जो आरोप के तहत आई पी सी की धारा 376,377 लगी है।इसके अलावा एक स्क्रेप कारोबारी ने 3करोड़ के गबन का मामला 17मई 2019 में दर्ज कराया है जिसकी जांच चल रही है।24सितम्बर2019 को दाती महाराज केस में दिल्ली कोर्ट ने सी बी आई को 16अक्टूबर तक जांच पूरी कर चार्जशीट दाखिल करने का आदेश दिया है।

24सितम्बर2018 में दुष्कर्म मामलें में 4 घंटे हुई पूछताछ में फूट फूट कर रो पड़ा दुष्कर्मी दाती महाराज।यह बाबा लोग , जब दुष्कर्म या किसी अन्य मामले में फसते हैं तो  जेल से बचने के लिए बीमार हो जाते हैं या मीडिया या कोर्ट के सामने रो कर निर्दोष साबित करतें है। लेकिन भूल जाते है अपनी ताकत और सत्ता से साठ-गांठ कर जो जुल्म मॉसूमो पर करते है उसके अंजाम से जब सामना होता है तब सत्ता भी हाथ खड़े कर देती है तब रह जाती जेल की सलाखें और कुकर्मो पर अपराध बोध।

दाती महाराज का साम्राज्य काफी विशाल है।अरबों की धन संपदा पर अफ़सोस भविष्य जेल की काल कोठरी। जो इनकी सही जगह है।
सबसे अफ़सोस की बात है जो हिन्दू धर्म के ठेकेदार और उनकी संस्था है किस तरह मीडिया चैनलों पर इनकी पैरवी करती है और पीड़िता के चरित्र का हनन और दोषी करार कर देती है ।ऐसी रुग्ण मानसिकता में बदलाव लाना होगा।

इन सबसे हटकर बड़ा ही रोचक और सोचने के लिए मजबूर करने वाला मामला गुरमीत राम रहीम सिंह इंसा का है जिसने बाबा कल्ट के मिथ को तोड़ा । यह और बाबाओं से हटकर बिल्कुल अलग परिधान में और जीवन शैली बिल्कुल फिल्मी थी।डेरा सच्चा सौदा आश्रम का उत्तराधिकारी भी यह डेरा के प्रमुख शाह सतनाम को अपने खालिस्तानी मित्र दुर्जन सिंह के मार्फत डरा धमका कर बना।जो दो मजबूत दाबेदार थे उनमें से किसी को न बनाकर शाह सतनाम ने इसको डेरा प्रमुख घोषित कर दिया फिर इसने जो किया वो जग जाहिर है ।मोक्ष के लिए धन दौलत परित्याग करने को अपने भक्तों से कहा लोगों ने दिल खोल कर पैसा और बेपनाह जमीन दान में दी।इसने इन पैसों से अपने साम्राज्य को बढ़ाना शुरू किया ।भव्य आश्रम जिसमें विलासिता के सारे साधन थे,यही एक गुफा जिसमें वो प्रायः अय्याशी किया करता था।बाबा के भक्तों की संख्या 5करोड़ से ऊपर पहुँच गयी थी।सिरसा जहां इसका आश्रम था आतंक सर चढ़ कर बोलता था।यह शादी शुदा दो बेटियों का बाप था।इसके बावजूद इसके स्कूल में पढ़ने वाली प्रियंका तनेजा उर्फ हनी प्रीत को मुंह बोलि बेटी बोलता था उसकी शादी भी कराई लेकिन वो अपने पति के साथ न रह कर उसके साथ रहती थी और न0 2 हो गयी थी।

हरियाणा में चुनाव होता था तो वो कभी कांग्रेस तो कभी भाजपा के लिए फतवा जारी करता था इसका प्रभाव करीब 15 से 20 सीटों पर पड़ता था।इसलिए इसके आश्रम  में मुख्यमंत्री से लेकर मंत्री नौकरशाह की आमद रहती थी और तो और कुछ मंत्री यहाँ अय्याशी करने भी जाते थे।2014 में मनोहरलाल  खट्टर भाजपा के मुख्यमंत्री बने और भाजपा सरकार के बनने पर पूरी कैबिनेट डेरा सौदा आश्रम बाबा जी का आशीर्वाद लेने गई थी।आपने हमें जिताने में मदद की।

बाबा लड़कियों को मोक्ष दिलाने के नाम पर माफी के नाम पर  बलात्कार करता था।लेकिन पाप का घड़ा जब भरा तो वो घड़ी भी आ गयी 25 अगस्त 2017 फैसले की तारीख कोर्ट थी पंचकूला।जो आरोप तय हुए उसमे धाराएं लगी 376,507,केस 9 साल 2008 से 2017 तक चला।सी बी आई को आश्रम की जांच करने में छीके निकल गयी 200 महिलाओं ने पहले बयान दिये कोर्ट में केवल 16 ने बयान कलमबद्ध किये बाद में वे भी मुकर गईं केवल 2 लड़कियों ने आखरी दम तक साहस नही छोड़ा ऐसी बेटियों को सलाम।

बाबा की हठधर्मिता देखिए 16 बार कोर्ट ने सम्मन किया एक बार भी कोर्ट के सामने पेश नही हुआ।फ़िल्म की शूटिंग करता रहा देश विदेश घूमता रहा।लेकिन कोर्ट हिम्मत नही जुटा पाया बाबा को बलपूर्वक कोर्ट लाने को।25अगस्त 2017 को जब फैसला आना था ठीक दो दिन पहले से पंजाब और हरियाणा सरकारों ने हाई एलर्ट जारी कर दिया ।250000पुलिस की कोर्ट के इर्द गिर्द तैनाती कर दी गयी,200 कंपनी पैरा मिलिट्री फ़ोर्स की तैनाती,सेना को हाई अलर्ट पर रखा गया,अस्पतालों में डॉक्टरों की छुट्टी रद्द कर दी गयी।इंटरनेट सेवा बंद कर दी गयी।मोगा,सिरसा,भटिंडा,पंचकूला,चंडीगड़ और कुरुछेत्र में कर्फ्यू लगा दिया गया तथा सेना फ्लैग मार्च कर रही थी।यह सब कवायद बाबा गुरमीत राम रहीम को कोर्ट में पेश करने के एवज़ में की गई थी क्योंकि उसने धमकी दी थी अगर मैं कोर्ट गया तो भक्त हिसंक हो जाएंगे और मार काट होगी।इतने इंतजाम के बाद भी जब बाबा को दोषी घोषित किया जाता है तो दंगा सारे हरियाणा से लेकर पंजाब में  होने लगता है इसमें 38 लोगों की जान चली जाती है एवं करोड़ो की सम्पति राख हो जाती है।कोर्ट के अंदर तक भक्त घुस आए थे बाबा को हेलीकाप्टर से रोहतक जेल भेजा जाता है।जहां उसको 20 साल की सजा सुनाई जाती है तब वो कोर्ट में रो पड़ता है।

इसके अलावा 2 हत्याओं का मामला भी अपने  आखरी स्टेज पर है।400 लोगो ने बाबा पर इल्ज़ाम लगाया है कि बाबा ने नपुंसक बना दिया यह भी कोर्ट में पेंडिंग है।फिलहाल आसाराम की तरह बाबा राम रहीम जो अपने को भगवान से ऊपर समझते थे आज जेल ही उनका विलासी महल है जो सिमट गया है काल कोठरी में, शायद यहीं इनका अंत है। लेकिन अफ़सोस हरियाणा की खट्टर सरकार पूरी तरह बाबा के सामने नतमस्तक रही थी।

हमारें प्रिय भक्तों अपनी परेशानियों के लिए बाबाओं पर भरोसा करने से बेहतर है कि आप अपने पर भरोसा करें।क्योंकि आप अपनी नियति के निर्माता,निर्णायक और निर्धारक हैं।

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