कोविड महामारी के कारण मुश्किल परिस्थितियों से जूझ रहे बच्चों की मदद के लिए किया जा रहा है ये काम

संक्षेप:

जिला प्रोबेशन अधिकारियों द्वारा अवगत कराया गया की ऐसे बच्चे जो कोविड महामारी के कारण प्रभावित हुए हैं, इनकी सूचना और जानकारी हेतु जनपद के समस्त बाल संरक्षण हितधारकों, निगरानी समितियों, शिक्षा विभाग एवं श्रम विभाग को जिलाधिकारी द्वारा ऐसे बच्चों की सूची एकत्रित करने हेतु पत्राचार के माध्यम से निर्देशित किया गया है।

लखनऊ। निदेशक महिला कल्याण विभाग मनोज राय द्वारा प्रदेश के समस्त उप मुख्य परिवीक्षा अधिकारी एवं जिला प्रोबेशन अधिकारी के साथ कोविड-19 महामारी के कारण विषम परिस्थितियों से जूझ रहे बच्चों की सहायता हेतु उठाए गए कदम पर समीक्षा बैठक की गयी। निदेशक द्वारा समस्त जनपद के जिला प्रोबेशन अधिकारी के साथ विषम परिस्थितियों से जूझ रहे बच्चों की सूचना एकत्रित करने हेतु जनपद स्तर पर बनाई गई कार्ययोजनाएं की समीक्षा की गई एवं ऐसे बच्चों की किस प्रकार सहायता की गयी।

जिला प्रोबेशन अधिकारियों द्वारा अवगत कराया गया की ऐसे बच्चे जो कोविड महामारी के कारण प्रभावित हुए हैं, इनकी सूचना और जानकारी हेतु जनपद के समस्त बाल संरक्षण हितधारकों, निगरानी समितियों, शिक्षा विभाग एवं श्रम विभाग को जिलाधिकारी द्वारा ऐसे बच्चों की सूची एकत्रित करने हेतु पत्राचार के माध्यम से निर्देशित किया गया है। निदेशक द्वारा निर्देशित किया गया कि कोविड अस्पताल एवं प्रत्येक जनपद में स्थित कोविड कंट्रोल रूम के प्रभारियों से समन्वय स्थापित कर ऐसे बच्चों के विषय मे जानकारी प्राप्त करें।

जिला प्रोबेशन अधिकारियों द्वारा बताया गया की ऐसे बच्चे जो कोविड महामारी से प्रभावित हुए हैं, उनकी जानकारी मिल रहें हैं जिसमे ऐसे बच्चे हैं जिनके पिता/माता या माता-पिता दोनों का देहांत कोविड के कारण हुआ है। ऐसे बच्चों के मामलों की जानकारी मिलने के पश्चात जिला प्रोबेशन अधिकारी द्वारा समीक्षा किया जा रहा है एवं मामले की जानकारी बाल कल्याण समिति को दी जाएगी एवं उन बच्चों की शीघ्र मदद की जाएगी। निदेशक द्वारा बताया गया की इन बच्चों को जल्द से जल्द स्पोनसरशिप योजना में जोड़ा जाए। परंतु उक्त योजना के तहत एक परिवार मे दो ही बच्चे जोड़ा जा सकता है इसलिए निदेशक द्वारा यह भी संदेश दिया गया की ऐसे मामलो का प्रस्ताव जहां परिवार मे दो से अधिक बच्चे हैं और सभी को स्पोनसरशिप योजना से जोड़ने की जरूरत है तो, ऐसे मामलों का विस्तृत प्रस्ताव निदेशालय भेजा जाए उनकी मदद की जाएगी। साथ ही निदेशक द्वारा यह भी सुझाव दिया गया की किसी भी बच्चे का मामला संज्ञान में आने के बाद उस बच्चे की देखरेख हेतु सर्वप्रथम उस बालक/बालिका को पारिवारिक देखभाल में स्थापित करने की कोशिश की जानी चाहिए एवं बाल गृह में किसी भी बालक/बालिका को बाल गृह में भेजना अंतिम उपाय होना चाहिए।

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अंत में निदेशक द्वारा यह भी बताया गया की फ्रंट लाइन वर्कर की मृत्यु अगर कार्य अवधि में कोविड के कारण होती है तो निदेशालय को ससमय सूचित किया जाए एवं यह भी सुनिश्चित किया जाए की मुख्य चिकित्सा अधिकारी द्वारा यह सत्यापित हो कि उक्त व्यक्ति की मृत्यु कोविड महामारी के कारण हुआ है, जिससे शासनादेश के अनुसार उनकी मदद की जाएगी। समस्त जनपदों को निदेशालय स्तर से निर्देशित किया गया कि बाल विवाह के मामलों को रोकने हेतु लोगो को जागरूक किया जाए एवं ऐसे मामले सामने आने पर कानूनी कार्यवाही भी की जाए।

आज के इस बैठक में बी एस निरंजन, उप निदेशक, पुनीत मिश्रा, उप निदेशक, महिला कल्याण विभाग, समस्त मण्डल के उप मुख्य परिवीक्षा अधिकारी, समस्त जनपद के जिला प्रोबेशन अधिकारी एवं राज्य बाल सलाहकार, यूनिसेफ, उत्तर प्रदेश उपस्थित हुए।

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