उन्नाव रेप पीड़िता एक्सीडेंट: KGMU ने कहा- स्थिति गंभीर, परिजन चाहें तो कहीं और ले जा सकते हैं

संक्षेप:

  • केजीएमयू अस्पताल के सीएमएस डॉक्टर एसएन शंखवार ने कहा कि अभी दोनों का इलाज चल रहा है, दोनों क्रिटिकल अवस्था में हैं.
  • दोनों ही वेंटिलेटर पर हैं. अगर खुद की इच्छा हो तो किसी भी संस्थान में ले जा सकते हैं.
  • अभी उन्हें होश नहीं आया है.

लखनऊ: उन्नाव रेप कांड की पीड़िता, परिजन समेत रायबरेली में रविवार को हादसे का शिकार हो गई. कार और ट्रक की टक्कर में पीड़िता की चाची और मौसी की मौत हो गई, जबकि हादसे में वकील महेंद्र सिंह चौहान और रेप पीड़िता की हालत गंभीर है. केजीएमयू अस्पताल के सीएमएस डॉक्टर एसएन शंखवार ने कहा कि उन्नाव रेप पीड़िता और उनके वकील की हालत बेहद गंभीर है. दोनों ही वेंटिलेटर पर हैं. अगर खुद की इच्छा हो तो किसी भी संस्थान में ले जा सकते हैं. अभी उन्हें होश नहीं आया है.

केजीएमयू अस्पताल के सीएमएस डॉक्टर एसएन शंखवार ने कहा कि अभी दोनों का इलाज चल रहा है, दोनों क्रिटिकल अवस्था में हैं. शासन से आदेश आए हैं कि इनका इलाज पूरी तरह से मुफ्त किया जाए. शंखवार ने कहा कि पीड़िता और अधिवक्ता को दिल्ली ले जाने की आवश्यकता नहीं है, जो इंस्टूमेंट दिल्ली में होंगे वो केजीएमयू में भी हैं. लेकिन अगर पीड़ित परिवार की खुद की इच्छा हो तो वो किसी भी संस्थान में ले जा सकते हैं. शंखवार ने बताया कि आज सुबह से इनका मुफ्त इलाज किया जा रहा है और कल जो भी पैसा पीड़ितों का खर्च हुआ है, उसे वापस किया जाएगा. इससे पहले प्रशासन ने ऐलान किया है कि दुर्घटना में घायल दोनों लोगों (रेप पीड़िता और उसके वकील) के इलाज के लिए राज्य सरकार सभी चिकित्सा खर्च वहन करेगी. बता दें, घायलों का किंग जार्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी के ट्रॉमा सेंटर में इलाज चल रहा है.

गौरतलब है कि रविवार को उन्नाव रेप पीड़िता अपने परिवार के साथ उन्नाव जेल में बंद अपने चाचा से मिलने जा रही थी. तभी रायबरेली के पास कार और ट्रक की टक्कर हो गई थी. जिसमें रेप पीड़िता की चाची और मौसी की मौत हो गई. जबकि रेप पीड़िता और उसके वकील गंभीर रूप से घायल हुए हैं.

ये भी पढ़े : सारे विश्व में शुद्धता के संस्कार, सकारात्मक सोच और धर्म के रास्ते पर चलने की आवश्यकता: भैय्याजी जोशी


If You Like This Story, Support NYOOOZ

NYOOOZ SUPPORTER

NYOOOZ FRIEND

Your support to NYOOOZ will help us to continue create and publish news for and from smaller cities, which also need equal voice as much as citizens living in bigger cities have through mainstream media organizations.

Read more Lucknow की अन्य ताज़ा ख़बरें पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें और अन्य राज्यों या अपने शहरों की सभी ख़बरें हिन्दी में पढ़ने के लिए NYOOOZ Hindi को सब्सक्राइब करें।

Related Articles