नीति आयोग ने जारी की हेल्दी स्टेट प्रोग्रेसिव रिपोर्ट, यूपी सबसे फिसड्डी

संक्षेप:

  • केरल-पंजाब टॉप पर तो यूपी अंतिम स्थान पर
  • तीन श्रेणियों में किया आंकलन
  • जून 2019 तक देंगे सेवाएं

लखनऊः राष्ट्रीय नीति आयोग ने प्रोग्रेसिव इंडिया रिपोर्ट जारी की है. रिपोर्ट में देश के राज्यों को स्वास्थय श्रेणी के अनुसार पॉइंट्स दिए गए है. इस रिपोर्ट को नीति आयोग के सीईओ अमिताभ कांत ने जारी किया. इस दौरान अमिताभ कांत ने कहा कि छत्तीसगढ़ और झारखंड अच्छा काम कर रहे हैं. दोनों राज्य क्रमशः चौथे और पांचवें नंबर पर आएं हैं. रिपोर्ट के अनुसार केरल, पंजाब और तमिलनाडु ओवरऑल परफारमेंस में शीर्ष पर हैं, केरल और पंजाब टॉप पर हैं जबकि उत्तर प्रदेश में स्थिति की हालत सबसे ज्यादा बदतर है.

तीन श्रेणियों में किया आंकलन

राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों का आंकलन तीन श्रेणियों में किया गया है. बड़े राज्यों, छोटे राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों की श्रेणियाँ बनाई गयी हैं. बड़े राज्यों में 76.55 अंक के साथ केरल पहले और 33.69 अंक के साथ उत्तर प्रदेश अंतिम स्थान पर है. छोटे राज्यों में मिजोरम 73.70 अंक के साथ पहले और नगालैंड 37.38 अंक के साथ आखिरी स्थान पर तथा केंद्रशासित प्रदेशों में 65.79 अंक के साथ लक्षद्वीप शीर्ष पर और दादर एवं नागर हवेली 34.64 अंक के साथ सबसे नीचे है. सूचकांक तय करने के लिए राज्यों का आंकलन बाल मृत्यु दर, 5 साल से कम उम्र के बच्चों की मृत्यु दर, टीकाकरण की व्यापकता, घर की बजाय अस्पतालों में बच्चों का जन्म तथा एचआईवी के रोगियों की संया आदि को आधार बनाया गया है.

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सेवा विस्‍तार दिया गया

इससे पहले हाल ही में सरकार की तरफ से अमिताभ कांत का सेवा विस्‍तार किया गया था. इसके बाद अमिताभ अब 30 जून 2019 तक अपनी सेवा देंगे. सरकार की ओर से मिले आदेश के बाद उनका सेवाकाल बढ़ाया गया है. इसके पूर्व वे औद्योगिक नीति व प्रोत्साहन विभाग के सचिव थे. वे भारतीय प्रशासनिक सेवा केरल कैडर के 1980 बैच के अधिकारी हैं.

जून 2019 तक देंगे सेवाएं

सोमवार (5 फरवरी) को केंद्र सरकार की ओर से साफ किया गया कि अमिताभ कांत का सेवा विस्‍तार कर दिया गया है और अब वह 30 जून 2019 तक अपनी सेवा जारी रखेंगे. हाल ही में अधिकारी अमिताभ कांत ने बड़ा बयान दिया था जिसमें उन्होंने कहा था कि तीन साल बाद लोगों को वित्तीय काम के लिए बैंक में जाने की जरूरत ही नहीं होगी और इनका अस्तित्व भी नहीं होगा.

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