हिंदू नेता होने के बावजूद करुणानिधि को आखिर क्यों दफनाया जाएगा ?, ये है कारण...

संक्षेप:

  • डीएमके प्रमुख एम. करुणानिधि का मंगलवार शाम हुआ निधन
  • चेन्नई के मशहूर मरीना बीच में दफनाया जाएगा पार्थिव शरीर
  • नीचे पढ़े- हिंदू नेता करुणानिधि को आखिर क्यों दफनाया जाएगा ?

तमिलनाडु के पूर्व मुख्यमंत्री और डीएमके प्रमुख एम. करुणानिधि का मंगलवार शाम निधन हो गया। करुणानिधि के निधन के साथ ही तमिलनाडु समेत पूरे देश में शोक की लहर है। महज 14 साल की उम्र से ही राजनीति में प्रवेश करने वाले करुणानिधि को भारतीय राजनीति का कलैनार कहा जाता था। खास बात ये है कि हिंदू होने के बावजूद उनका दाह संस्कार नहीं बल्कि दफनाया जाएगा। ये बात कुछ लोगों के मन में सवाल की तरह है।

दरअसल, करुणानिधि द्रविड़ मूवमेंट से जुड़े हुए थे। द्रविड़ आंदोलन हिंदू धर्म की ब्राह्मणवादी परंपरा का खुलकर विरोध करता है और इसके किसी भी रीति-रिवाज को नहीं मानता है। करुणानिधि के राजनीतिक जीवन की आधारशिला ही हिंदू जाति व्यवस्था, धार्मिक आडंबरों और सामाजिक भेदभाव के खिलाफ रखी गई थी। वह खुद को नास्तिक कहते थे और धार्मिक आंडबरों और समाज में फैले अंधविश्वास की खुलकर आलोचना करते थे।

करुणानिधि द्रविड़ आंदोलन का आखिरी नास्तिक चेहरा थे। द्रविड़ आंदोलन से जुड़े नेता अपने नाम के साथ जातिसूचक टाइटल का भी इस्तेमाल नहीं करते हैं। वे हिंदू धर्म की किसी भी मान्यता या कर्मकांड को नहीं मानते हैं। करुणानिधि से पहले द्रविड़ आंदोलन से जुड़े कई दूसरे नेताओं का अंतिम संस्कार भी हिंदू धर्म की मान्यताओं से अलग दफनाकर किया गया। 2017 में निधन के बाद एआईएडीएमके प्रमुख जयललिता को भी दफनाया गया था। जयललिता से पहले एमजी रामचंद्रन को भी दफनाया गया था। उनकी कब्र के पास ही द्रविड़ आंदोलन के बड़े नेता और डीएमके के संस्थापक अन्नादुरै की भी कब्र है। अन्नादुरै तमिलनाडु के पहले द्रविड़ मुख्यमंत्री थे।

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यही कारण है कि करूणानिधि को दाह संस्कार की जगह दफनाया जाएगा। आपको बता दें कि लंबी बीमारी के बाद करुणानिधि का मंगलवार को कावेरी अस्पताल में निधन हो गया। वह 11 दिन से यहां भर्ती थे। उनके निधन से समर्थकों में शोक की लहर दौड़ गई। नेताओं ने उनके निधन को देश की अपूरणीय क्षति बताते हुए उन्हें महान नेता करार दिया। आज मरीना बीच पर उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा। अंतिम दर्शन के लिए उनका पार्थिव शरीर राजाजी पार्क में रखा गया था। पीएम नरेंद्र मोदी सहित तमाम दलों के दिग्गज नेताओं ने चेन्नई पहुंचकर उन्हें श्रद्धांजलि दी।

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