आजादी के बाद पहली बार इतनी महिलाएं बनीं सांसद, पढ़ें 17वीं लोकसभा की ऐसी ही खास बातें

संक्षेप:

  • लोकसभा चुनाव 2019 में जहां बीजेपी का बोलबाला रहा, वहीं बाकी पार्टियां अपने निराशाजनक परिणामों से काफी दुखी नज़र आ रही हैं.
  • इन सभी चुनावी खबरों के बीच एक अच्छी खबर यह है कि यह पहली बार हुआ है लोकसभा चुनाव में इतनी संख्या में महिला प्रत्याशियों की जीत हुई है
  • 1952 में सबसे संसद पहुंचने वाली महिला सांसदों की तादाद सबसे कम थी और अब 2019 में यह आंकड़ा रिकॉर्ड तोड़ है.

लोकसभा चुनाव 2019 में जहां बीजेपी का बोलबाला रहा, वहीं बाकी पार्टियां अपने निराशाजनक परिणामों से काफी दुखी नज़र आ रही हैं. लेकिन इन सभी चुनावी खबरों के बीच एक अच्छी खबर यह है कि यह पहली बार हुआ है लोकसभा चुनाव में इतनी संख्या में महिला प्रत्याशियों की जीत हुई है. इन सीटों में बीजेपी से लेकर कोलकाता में टीएमसी और नवीन पटनायक के बीजू जनता दल ने बड़ी मात्रा में महिलाओं को लोकसभा टिकट दिया था और इन महिलाओं में से अधिकतर ने जीत दर्ज करके इस चुनाव में महिलाओं की भागीदारी को ऐतिहासिक बना दिया है. अब हम आपको बता रहे हैं उन महिलाओं के नाम जिन्होंने 2019 लोकसभा चुनाव में जीत हासिल की है. बता दें कि 1952 में सबसे संसद पहुंचने वाली महिला सांसदों की तादाद सबसे कम थी और अब 2019 में यह आंकड़ा रिकॉर्ड तोड़ है.

बता दें, बीजेडी देश में एकमात्र ऐसी पार्टी है जिसने टिकट बंटवारे में 33 फीसदी सीट महिलाओं को दिया था यानि 7 महिला उम्मीदवार मैदान में उतारे थे. उसी तरह तृणमूल कांग्रेस ने भी 42 में से 17 महिला उम्मीदवारों को टिकट दिया था जबकि कांग्रेस ने 423 में से 54 महिलाओं को और बीजेपी ने 437 में से 53 महिलाओं को टिकट दिया था. लेकिन कई ऐसे नाम हैं जिसे हार हार लगी है जैसे टीआरएस की के कविता,पीडीपी की महबूबा मुफ्ती,समादवादी पार्टी की डिंपल यादव और पूनम सिंहा, बीजेपी की जया प्रदा,कांग्रेस की प्रिया दत्त और उर्मिला मातोंडकर और तृणमूल कांग्रेस की मुनमुन सेन. ओडिशा से बीजेडी से जीती चंद्राणी मुर्मू सबसे कम उम्र की सांसद है वो महज 25 साल की हैं.उसी तरह ओडिशा से ही बीजेपी के टिकट पर जीतीं अपराजिता सारंगी आईएएस थीं तो बीजेडी की प्रमिला बिसोई पांचवीं तक पढ़ी हैं और खेती करती हैं. वहीं केरल की रेम्या हरिदास कांग्रेस से जीती हैं जो टैलेंट हंट विजेता रही हैं.

उसी तरह इस लोकसभा की सबसे बड़ी खासियत है करोड़पति सांसद. कुल 542 में से 475 यानि 88 फीसदी सांसद करोड़पति हैं जिसमें बीजेपी के 265,कांग्रेस के 43,डीआपराधिक मामलों की बात करें तो 542 में से 233 सांसदों पर आपराधिक मुकदमें हैं यानि 43 फीसदी. जबकि 2014 में 34 फीसदी सांसदों पर मुकदमे थे और इनमें से 29 फीसदी पर गंभीर आरोप हैं. 11 पर तो हत्या का मामला दर्ज है. जिन सांसदों पर आपराधिक मामले दर्ज हैं उनमें से 116 बीजेपी के ,29 कांग्रेस, 10 डीएमके, 10 वायएसआरसी और तृणमूल के 9 सांसद हैं. केरल के कांग्रेस के एक सांसद हैं डीन कुरियाकोस जो इडुक्की से जीत कर आए हैं उन पर 204 मुकदमे हैं. जिसमें से 37 थोड़े गंभीर मामले हैं बाकी धरना प्रर्दशन और सरकारी काम में बाधा जैसे मामले हैं जो अक्सर नेताओं पर पुलिस लगाती रहती है. एमके के 22,तृणमूल के 20 और वाईआरएससी यानि जगन रेड्डी की पार्टी से 19 सांसद ,शिवसेना के 18 और जेडीयू के 15 सांसद करोड़पति हैं.

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