विश्व पर्यावरण दिवस: नहीं संभले तो आसमान से बरसेगी आग, हर साल कट रहे हैं 15 अरब पेड़

संक्षेप:

  • भारत के लिहाज से बात करें तो देश में प्रति व्यक्ति सिर्फ 28 पेड़ ही आते हैं.
  • भारत में पेड़ों की संख्या करीब 35 अरब है.
  • इस बार पड़ रही भीषण गर्मी ने संकेत दे दिए हैं कि हरियाली के प्रति अब भी सजग नहीं हुए तो आसमान से आग बरसेगी.

नई दिल्ली: आज विश्व पर्यावरण दिवस है. पर्यावरण और स्वच्छता के स्तर में गिरावट के पीछे पेड़ों की अंधाधुंध कटाई भी अहम कारण है. धरती बेशुमार पेड़ों से आच्छादित है, लेकिन लोग अपनी सुविधा और फायदे के लिए इन्हें जमकर काट रहे हैं. आज हालत यह हो गई है कि जंगल खत्म होने से कई इलाके बंजर हो गए हैं. पर्यावरण दिवस के अवसर पर जानते हैं कि आज जंगल और पेड़ों के क्या हालात हैं.

24 साल बाद पड़ रही है इतनी भीषण गर्मी

इस बार पड़ रही भीषण गर्मी ने संकेत दे दिए हैं कि हरियाली के प्रति अब भी सजग नहीं हुए तो आसमान से आग बरसेगी. 24 साल बाद 46 डिग्री के पार पहुंचा अधिकतम तापमान कम होते पेड़ों और बढ़ते शहरीकरण का ही नतीजा है. फारेस्ट सर्वे ऑफ इंडिया की जनवरी 2019 में आई ताजा रिपोर्ट भी यही बताती है कि कानपुर शहर (जिले) और इसके आसपास के क्षेत्रों में पेड़ों की संख्या में तेजी से कम हो रही है.  वन विभाग की मानें तो शहर के कुल क्षेत्रफल का 33 प्रतिशत वन क्षेत्र (पेड़, पौधे) होना चाहिए. वर्तमान में वन क्षेत्र महज 2.09 प्रतिशत ही रह गया है. बता दें कानपुर शहर का क्षेत्रफल करीब 500 वर्ग किलोमीटर है.

ये भी पढ़े : सारे विश्व में शुद्धता के संस्कार, सकारात्मक सोच और धर्म के रास्ते पर चलने की आवश्यकता: भैय्याजी जोशी


कब रूकेंगे पेड़ों की कटाई

विज्ञान पर आधारित विश्व विख्यात मैगजीन नेचर ने सितंबर 2015 में एक रिपोर्ट जारी की थी जो जंगल और पेड़ों के वर्तमान हालात पर आधारित है. नेचर के अलावा अन्य स्रोतों (वर्ल्ड वाइल्ड लाइफ डॉट ओआरजी, टाइम डॉट कॉम) से भी वैश्विक स्तर पर जंगलों और पेड़ की हकीकत के बारे में तलाश की गई है.
रिपोर्ट में बताया गया है कि आवासीय क्षेत्रों की संख्या बढ़ने और पेड़ों कटान अधिक होने से यह स्थिति बन रही है. वन विभाग के डीएफओ अरविंद यादव के अनुसार जितने पेड़ लगाए जा रहे हैं, उससे कहीं अधिक काटे जा रहे हैं. ऐसे में सरकारी और गैर सरकारी दोनों स्तर से पौधे लगाने का काम करने की जरूरत है. पौधे लगाए जाने के बाद सुरक्षित रहें, इसका भी ध्यान देना चाहिए. उन्होंने बताया कि यदि प्रदेश स्तर पर पौधों की स्थिति देखी जाए तो यह 33 प्रतिशत के मुकाबले तीन प्रतिशत रह गई है. पौधे वातावरण में फैली कार्बन डाई आक्साइड गैस के सबसे बड़े अवशोषक माने जाते हैं. इस गैस के बढ़ने से ही वातावरण में प्रदूषण और गर्मी बढ़ती है.  दुनियाभर में 3 ट्रिलियन यानी 3,040,000,000,000 (एक लाख करोड़) पेड़ हैं.

भारत में प्रति व्यक्ति 28 पेड़

भारत के लिहाज से बात करें तो देश में प्रति व्यक्ति सिर्फ 28 पेड़ ही आते हैं. भारत में पेड़ों की संख्या करीब 35 अरब है. जबकि चीन में 139 अरब पेड़ हैं और प्रति व्यक्ति के लिहाज से 102 पेड़ आते हैं. इंडिया स्टेट ऑफ फॉरेस्ट रिपोर्ट (आईएसएफआर) के अनुसार, 2017 में भारत में 708,273 स्क्वायर किलोमीटर यानी देश की कुल जमीन का 21.54% हिस्से पर ही जंगल हैं. जबकि सीआईए की वर्ल्ड फैक्ट बुक 2011 के अनुसार, दुनिया में 39,000,000 स्क्वायर किलोमीटर जमीन पर जंगल हैं.

If You Like This Story, Support NYOOOZ

NYOOOZ SUPPORTER

NYOOOZ FRIEND

Your support to NYOOOZ will help us to continue create and publish news for and from smaller cities, which also need equal voice as much as citizens living in bigger cities have through mainstream media organizations.

Read more Lucknow की अन्य ताज़ा ख़बरें पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें और अन्य राज्यों या अपने शहरों की सभी ख़बरें हिन्दी में पढ़ने के लिए NYOOOZ Hindi को सब्सक्राइब करें।

Related Articles