600 भ्रष्ट अफसरों पर योगी सरकार का एक्शन, 200 को जबरन दिया गया रिटायरमेंट

संक्षेप:

  • सीएम योगी ने 600 भ्रष्ट अधिकारियों के खिलाफ की कार्रवाई, 200 से ज्यादा जबरन रिटायर किए. 
  • गृह विभाग में सबसे ज्यादा 51 लोगों को जबरन रिटायर किया गया.
  • जबकि राजस्व विभाग में भ्रष्टाचार के आरोप में 36 अधिकारियों व कर्मचारियों को रिटायर किया गया.

लखनऊ: उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार भ्रष्ट और कामचोर अधिकारियों को जबरन रिटायर कराने की मुहिम के तहत जल्द ही एक और लिस्ट लेकर आने वाली है. सभी विभागों से ऐसे अफसरों की लिस्ट मंगवाई गई है जो अपने कार्यकाल में भ्रष्ट रहे हैं या फिर कामचोर. फिलहाल यह लिस्ट आने में कुछ महीने का वक्त लगेगा. पिछले 2 वर्षों में योगी सरकार विभिन्न विभागों के 200 से ज्यादा अफसरों और कर्मचारियों को जबरन रिटायर कर चुकी है. इन दो वर्षों में योगी सरकार ने 400 से ज्यादा अफसरों, कर्मचारियों को निलंबन और डिमोशन जैसे दंड भी दिए हैं. इतना ही नहीं, इस कार्रवाई के अलावा 150 से ज्यादा अधिकारी अब भी सरकार के रडार पर हैं.

किस विभाग में कितनों को मिली सजा

गृह विभाग में सबसे ज्यादा 51 लोगों को जबरन रिटायर किया गया. जबकि राजस्व विभाग में भ्रष्टाचार के आरोप में 36 अधिकारियों व कर्मचारियों को रिटायर किया गया. श्रम विभाग में 16 और वन विभाग में 11 लोगों को जबरन रिटायर किया जा चुका है. संस्थागत वित्त वाणिज्य कर एवं मनोरंजन कर विभाग में 16 लोग हटाए जा चुके हैं.

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भ्रष्ट अधिकारियों को जबरन दिया गया वीआरएस

दुग्ध विकास विभाग में 7 लोगों को रिटायर किया गया. चीनी उद्योग एवं गन्ना विकास विभाग से 6 लोगों की छुट्टी की गई. खादी एवं ग्रामोद्योग विभाग में 3, नगर विकास व आबकारी विभाग में पांच-पांच और बाल एवं पुष्टाहार विभाग में दो लोग जबरन रिटायर किए गए. टेक्निकल एजुकेशन डिपार्टमेंट से 2 लोग, कारागार प्रशासन एवं सुधार से 4 लोग, बेसिक शिक्षा विभाग से 8 लोग सेवा से बाहर किए गए. इसके अलावा लघु सिंचाई एवं भूगर्भ जल से 2 लोग, आवास एवं शहरी नियोजन विभाग से पांच लोग, भूतत्व एवं खनिकर्म से दो लोग, व्यवसायिक शिक्षा व कौशल विकास से 3 लोग और युवा कल्याण विभाग से तीन लोगों को घर भेज दिया गया. ग्रामीण अभियंत्रण विभाग में भ्रष्टाचार के आरोप में चार, सैनिक कल्याण और खेलकूद विभाग में एक-एक कर्मचारी की परमानेंट छुट्टी कर दी गई. वहीं आयुष, पशुधन, समाज कल्याण विभाग, खाद रसद में एक-एक कर्मचारी को जबरन रिटायर किया गया.

इनका रुका प्रमोशन

सबसे ज्यादा ऊर्जा विभाग में 169 लोगों को भ्रष्टाचार की सजा मिली है. उनके प्रमोशन पर रोक लगा दी गई है. इसके बाद बेसिक शिक्षा विभाग के 26 कर्मचारियों को यही सजा मिली है. पंचायती राज विभाग में 25 अफसरों, ग्राम विकास विभाग में 15 अफसरों, दुग्ध विकास में 14 अधिकारियों-कर्मचारियों, गन्ना विभाग में 11 लोगों को सजा दी गई है. इसके अलावा लोक निर्माण में 18 अधिकारियों-कर्मचारियों, परिवहन विभाग में 37 कर्मचारियों की पदोन्नति रोक दी गई है. इसके अलावा खाद एवं रसद विभाग के 15 अफसरों, स्टैंप व रजिस्ट्रेशन विभाग के 7 कर्मचारियों, भूतत्व एवं खनिकर्म विभाग के 3 अधिकारियों कर्मचारियों को भी भ्रष्टाचार की सजा मिली है. समाज कल्याण विभाग के 5 कर्मचारियों को भी दंड मिला है. नियुक्ति एवं कार्मिक के दो, ग्राम्य विकास के दो, व्यवसायिक शिक्षा व कौशल विकास के दो और प्राविधिक शिक्षा के दो अफसरों का प्रोमोशन रोक दिया गया है. वित्त विभाग के 3, खादी ग्रामोद्योग के दो, राजस्व के 3, अल्पसंख्यक कल्याण एवं वक्फ के 3 कर्मचारियों को भी सजा मिली है.

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