मथुरा: बिहार के ये पूर्व डीजीपी बने धर्माचार्य, डीजीपी ने सुनाई भागवत कथा

संक्षेप:

  • बिहार के पूर्व डीजीपी बने धर्माचार्य
  • पांडेय ने सरकारी सेवाओं के दौरान भी अध्यात्म को कभी नहीं छोड़ा
  • भागवत कथा हमें जीवन जीने की राह सिखाती है: पांडेय

मथुरा: वृन्दावन। बिहार के पूर्व डीजीपी गुप्तेश्वर पांडेय ने अपनी जिम्मेदारियों से सेवानिवृत्त होने के बाद अब धर्माचार्य का चोला पहना। गुप्तेश्वर पांडेय ने सरकारी सेवाओं के दौरान भी अध्यात्म को कभी नहीं छोड़ा। पांडेय द्वारा चैतन्य विहार स्थित एक गेस्टहाउस में रविवार को श्रावण मास के प्रथम दिन भागवत कथा प्रवचन की शुरूआत की गई है। 

भागवत कथा हमें जीवन जीने की राह सिखाती है: पांडेय

श्रीमद्भागवत कथा के महात्म्य की चर्चा करते हुए पांडेय ने कहा कि श्रीमद्भागवत साक्षात भगवान श्रीकृष्ण का वांग्मय स्वरूप है। इसके श्रवण मात्र से भक्त के सारे कष्ट दूर हो जाते हैं। कहा कि भागवत कथा हमें जीवन जीने की राह सिखाती है। हमें अपने जीवन में कुछ समय भगवान की सेवा पूजा और उनकी आराधना में अवश्य लगाना चाहिए। यही जीवन का आधार है। इससे पूर्व मुख्य अतिथि केंद्रीय उपभोक्ता मामले, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण, जलवायु एवं पर्यावरण एवं वन राज्यमंत्री अश्विनी चौबे ने कहा कि ब्रज के कण-कण में भगवान का वास हैं।

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पाराशर अध्यात्मपीठ के संस्थापक भागवत प्रवक्ता श्यामसुंदर पाराशर ने कहा कि आज के समय में राजगद्दी और व्यासगद्दी के चरित्र में काफी गिरावट आई है। इस चरित्र के गिरावट की रोकथाम के लिए उच्च चरित्र वाले व्यक्तित्व को इन पर आसीन होने की आवश्यकता है। उन्होंने बताया कि श्रीपांडेय ने एक साल तक श्रीमद्भागवत कथा अध्ययन करने के बाद श्रावण मास के प्रथम दिन पहली बार भागवत कथा की शुरूआत की है।

इन लोगों ने पूर्व डीजीपी को दी बधाई 

प्रदेश के श्रम कल्याण विभाग राज्यमंत्री सुनील भराला, अररिया बिहार के सांसद प्रदीप कुमार सिंह, परशुराम परिषद के कार्यवाहक राष्ट्रीय अध्यक्ष अजय कुमार झा ने गुप्तेश्वर पांडेय के एक प्रशासनिक अधिकारी के पद से सेवानिवृत्त होने के बाद अध्यात्म के क्षेत्र से जुड़ने पर उन्हें बधाई दी। कहा कि वे शुरू से ही अध्यात्म के प्रति आकर्षित रहे हैं। इससे पूर्व केंद्रीय राज्यमंत्री एवं अन्य अतिथियों द्वारा व्यासपीठ का पूजन कर आरती उतारी।

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