चुनाव आयोग ने बताई कैराना उपचुनाव के दौरान EVM और VVPAT मशीन खराब होने की वजह

संक्षेप:

  • कैराना उपचुनाव के दौरान EVM और VVPAT मशीन हुई थी खराब
  • चुनाव आयोग की टेक्निकल एक्सपर्ट टीम ने बताई ये वजह
  • टीम ने अपनी पड़ताल की रिपोर्ट चुनाव आयोग को सौंपी

कैराना उपचुनाव के मतदान के दौरान कई जगह बार-बार ईवीएम और वीवीपीएटी मशीनों की खराब होने की खबर सामने आती रही। जिसके चलते कई केंद्रों में मतदान फिर से कराने पड़े, लेकिन अब चुनाव आयोग की टेक्निकल एक्सपर्ट टीम ने कैराना और भंडारा गोंदिया सहित दस सीटों पर हुए उपचुनाव में EVM और VVPAT मशीनों की बड़ी तादाद में खराबी की वजह ढूंढ निकाली है। टीम ने अपनी पड़ताल की रिपोर्ट चुनाव आयोग को सौंप दी है।

रिपोर्ट के मुताबिक अधिक गर्मी और उमस में ज़्यादा समय तक बगैर समुचित देखभाल के बाहर रहने की वजह से मशीनों में खराबी आई। 28 मई को हुए उपचुनाव में भीषण गर्मी के दौरान उत्तर प्रदेश के कैराना और महाराष्ट्र के भंडारा गोंदिया लोकसभा क्षेत्र में मतदान मशीनें बड़ी तादाद में खराब हुई थीं। चुनाव आयोग ने फौरन टेक्निकल एक्सपर्ट की दो टीमों को पड़ताल के काम में लगाया।

दोनों टीम इस नतीजे पर पहुंची है कि कड़ी धूप और वातावरण में नमी की वजह से EVM और VVPAT में लगे कॉन्ट्रास्ट सेंसर और लेंथ सेंसर का मिजाज बिगड़ गया। साथ ही ये भी पता चला कि जो कागज़ VVPAT यानी वोटर वेरिफिकेशन पेपर ऑडिट ट्रेल वाली मशीन में इस्तेमाल होता है वो नमी ज़्यादा सोखता है। लिहाजा उसकी नमी मशीन में अंदर पहुंच कर गड़बड़ करती है। कागज़ का रोल भी भारी हो जाता है।

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टीम ने अपनी रिपोर्ट मशीनें बनाने वाली दोनों अधिकृत कम्पनियों BEL और ECIL को भी भेज दी है। रिपोर्ट में कहां-कैसी दुरुस्तगी की जा सकती है, उसका भी ज़िक्र है। साथ ही भविष्य में विपरीत मौसमी परिस्थितियों में एहतियात बरतते हुए क्या करें क्या नहीं, इस बाबत एक सूची यानी SOP भी तैयार की है। आयोग का कहना है कि मतदान के बाद 45 दिनों की अवधि तक इलेक्शन पेटिशन के लिहाज से कैराना गोंदिया की मशीनें स्ट्रांग रूम में रखी हैं। इसके बाद जुलाई में इनको भी कम्पनी में अतिरिक्त प्रयोजन के लिए भेजा जाएगा।

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