मेरठः ज्योतिष विद्या सीखने के लिए नम्रता जरूरी- रवि शास्त्री

  • Pinki
  • Tuesday | 9th May, 2017
संक्षेप:

  • समाज का अभिन्न अंग ज्योतिष विद्या
  • वृंदावन ज्योतिष केंद्र से ली ग्रह को समझने की शिक्षा
  • ‘ज्योतिष में भविष्य नहीं, बल्कि विधा में अपार संभावनाएं हैं’

मेरठः ज्योतिष विद्या आज हमारे समाज का एक अभिन्न अंग बन चुका है। घर में शादी-ब्याह हो, नामकरण हो या फिर हमें कोई नया वाहन खरीदना हो सबसे पहले हम ज्योतिष और पंडितो से ही पूछते है कि हमारी ग्रह चाल क्या है। ज्योतिष विज्ञान में ग्रहो का खेल है, दुनिया में करोड़ो लोग हैं हर किसी के ग्रह अलग है। इस ग्रह की शिक्षा को लेकर हमने बात की पंडित रवि शास्त्री से.. कौन हैं पंडित रवि शास्त्री और ग्रह के बारे में आखिर क्या कहना है इनका.. आईये जानते हैं ?

मेरठ के रहने वाले पंडित रवि शास्त्री बचपन से ही विद्या क्षेत्र में धनी थे। बड़े भाई उपेन्द्र शर्मा शास्त्री भी ज्योतिष और छोटे भाई टिका राम शर्मा भी ज्योतिष हैं। रवि शास्त्री जी ने अपनी कक्षा 12 तक की पढ़ाई हरिद्वार गुरूकुल से की और इसके बाद यहीं से ज्योतिष भी सीखा, इसके साथ ही कुछ दिन रवि शास्त्री जी वृंदावन ज्योतिष केंद्र में भी रहे और इन्होने यंहा से बहुत कुछ सीखा। इसके साथ रवि शास्त्री जी मेरठ आ गए और यही पर उन्होने ग्रह चाल को और बारीकी से जाना। रवि शास्त्री जी ज्योतिष विद्या में इतने रम गए कि उन्होने विवाह नहीं किया।

सवाल- ग्रहो के बारे में जानने की इच्छा कैसे जागृत हुई ?

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जवाब- चूंकि पंडित घरान से थे लिहाजा रवि शास्त्री जी घर में ग्रह चाल, नक्षत्रों के विषय में सुना करते थे, वहीं से उनको लगा कि नक्षत्र और ग्रह के बारे में ज्यादा जानना चाहिए कि आखिर ग्रह चाल होती क्या है और किस ग्रह का क्या असर होता है। भूतकाल और वर्तमान काल को जानने के लिए उन्होने ज्योतिष विद्या को जानना चाहा। पुरानी विधाओं के साथ ही उन्होने आधुनिकता को अपनाया ओर बहुत कुछ नया सीखा। उन्होने बताया कि पंचाग के साथ सीमित साधन थे लेकिन आज एस्ट्रॉलोजी बहुत आगे बढ़ चुका है और अब पुरानी चीजो के साथ ही नई चीजे आ चुकी है। जिनके जरिए आसानी से ग्रह चाल और नक्षत्र के विषय के पता लगाया जा सकता है।

सवाल- ज्योतिष में क्या महत्वपूर्ण है ?

जवाब- ज्योतिष में कई सिद्वांत होते हैं, उन सिद्वांतो को अगर माना जाए तो हम बहुत कुछ पता लगा सकते है। जैसे सूर्य सिद्वांत और चद्रंमा सिद्वांत। इसके साथ ही ज्योतिष में नक्षत्रों का भी विशेष महत्व होता है। ग्रह और नक्षत्रों के अनुसार ही हम कुंडल बनाते है और उसी के अनुसार जातक का भविष्य बताया जा सकता है। समय समय पर ग्रह चाल बदलती रहती है। 

सवाल- ज्योतिष सीखने के लिए क्या करना होगा ?

जवाब- अगर आप ज्योतिष सीखना चाहते हैं तो आपको कठिन परिश्रम करना होगा क्योकि बिना परिश्रम के कुछ हासिल नहीं होने वाला है। जैसे की हमारे पूर्वज कहते है कि शिष्य धर्म को अपनाना होगा, जब तक आप किसी को अपना गुरू नहीं मानेंगें तब तक आप इस विषय के बारे में अधिक नहीं जान पाएगें। आज की जनरेशन में पैशेंस की कमी है, और ज्योतिष के लिस संयम की सबसे ज्यादा जरूरत है क्योकि बिना इंतजार और मेहनत के आपको ग्रह और नक्षत्र के विषय में पूर्ण जानकारी नहीं हो पाएगी। कहावत भी है कि गुरू ही पार लगावन हारे। एस्ट्रोलॉजी सिखनी है तो आपको अपने अंदर नम्रता लानी होगी। ये कोई ढकोसले बाजी नहीं है बल्कि विज्ञान है और अब विज्ञान भी एस्ट्रोलॉजो को मानने लगा है। इसलिए अगर आप ज्योतिष सीखना चाहते हैं तो आपको योग्य गुरू की आवश्यकता है और ऐसा नहीं है कि ज्योतिष में भविषय नही हैं बल्कि इस विधा में अपार संभावनाएं है।

सवाल- ज्योतिष के क्षेत्र में आपको मेरठ का भविष्य कैसा दिखाई देता है ?

जवाब- अगर बात की जाए मेरठ की तो मेरठ एक उम्मीदों का जिला है। आने वाले समय में मेरठ में वो हर चिज होगी, जिसका वो हकदार है। धार्मिक, आर्थिक, सांस्कृति रूप से मेरठ का नाम रोश होगा और मेरठ में सकारात्म परिवर्तन देखने को मिलेगें जोकि मेरठ के भविष्य को परिवर्तित करेगें। 

सवाल- NYOOOZ  के माध्यम से आप क्या संदेश देना चाहते हैं ?

जवाब- सबसे बड़ी बात है कि कुछ लोग ज्योतिष को पंडितो की धरोहर मानते हैं, लेकिन ऐसा नहीं है ग्रह और नक्षत्र को जानने के लिए किसी विशेष जाति की आवश्यकता नहीं है। जातिवाद से उपर उठना होगा, तभी समाज का भी विकास होगा और हर क्षेत्र में बढ़ोतरी देखने को मिलेगी और जैसा कि मैने पहले भी कहा कि एक योग्य गुरू की आपको जरूरत है, क्योकि गुरू के बिना सब कुछ अधूरा सा लगता है। इसके साथ ही आपको खुद भी प्रयोग करने होगें। सबसे बड़ी बात ये है कि साइंस भी अब ज्योतिष विद्या को एक्सेप्ट कर रहा है तो जरूरी है पुरानी नियमों को ध्यान में रखते हुए नये प्रयोग किए जाए और ज्योतिष में उज्जवल भविष्य है। तो जाना आपने कि अगर आप ज्योतिष विद्या में अपना करियर बनाना चाहते है तो सबसे पहली अपनी समझ को विकसित करें एक योग्य गुरू को तलाशे और नम्रता के साथ इस विषय को जाने।

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