मेरठः 28 और 29 अगस्त को अवैध निर्माण के खिलाफ लगेगी लोक अदालत

संक्षेप:

  • अवैध निर्माण में मदद करने वाले अधिकारियों पर भी होगी कार्रवाई
  • 10 अगस्त तक निर्माणकर्ताओं से कंपाउंडिंग के लिए आवेदन मांगें
  • सार्वजनिक किए जाएगें अवैध निर्माण

मेरठ: शहर में जी का जंजाल बन चुके अवैध निर्माणों को लेकर कमिश्नर डॉ प्रभात कुमार सख्त हैं। उनकी सख्ती का ही असर है कि एमडीए के अधिकारी लगातार अवैध निर्माणों के खिलाफ कार्रवाई कर उन्हें ध्वस्त कर रहे है। हालांकि कमिश्नर ने अवैध निर्माणकर्ताओं को एक मौका देने का फैसला लिया है ताकि लोगो की गाढ़ी कमाई बच सके। एमडीए लोक अदालत लगाकर कंपाउंड होने योग्य अवैध निर्माणों की कंपाउंडिंग करेगा।

इसके लिए 10 अगस्त तक निर्माणकर्ताओं से कंपांउडिंग के लिए आवेदन मांगे गए हैं। 15 दिन की जांच के बाद 28 और 29 अगस्त तारीख की सुबह दस बजे से शाम 4 बजे तक लोक अदालत लगाई जाएगी। दरअसल, जिन निर्माणकर्ताओं को ये लगता है कि उनका निर्माण अवैध है वो सचिव कार्यालय में 10 अगस्त तक कंपाउंडिंग के लिए आवेदन कर सकते हैं। इसके लिए शमन मानचित्र की चार प्रतियां, भू स्वामित्व प्रपत्र की प्रमाणित छाया प्रति, नियत शपथ पत्र और शमन आवेदन किसी भी कार्यदिवस में सचिव कार्यालय में जमा किया जा सकता है।

साथ ही कमिश्नर ने साफ कहा कि दो दिन लोक अदालत में सारे मामले सुने जाएगें और साथ के साथ कंपाउंडिंग या नियमानुसार आगे की कार्रवाई का नोटिस जारी कर दिया जाएगा। कमिश्नर ने एमडीए अफसरों से कहा कि वह जल्द ही मोबाइल कंपाउंडिंग की व्यवस्था भी करें। उन्होंने कहा कि जिन निर्माणकर्ताओं को ध्वस्तीकरण के नोटिस दिए जा चुके हैं, वह खुद ही अपना अवैध निर्माण तोड़ दें।

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उन्होंने कहा कि सर्विस रोड पर अतिक्रमण करने वालो को नोटिस नहीं दिया जाएगा सीधे ध्वस्तीकरण की कार्यवाही की जाएगी। वहीं, कमिश्नर ने एमडीए अफसरों से उन भवनों की सूची मांगी है जिनमें सील लगाने के बाद कार्रवाई नहीं की गई है। साथ ही प्राइवेट बिल्डरों द्वारा बनाई गई कॉलोनियों की भी सूची मांगी गई है। इसके साथ ही उन्होने कहा कि अवैध निर्माण में मदद करने वाले अधिकारियों को बख्शा नहीं जाएगा। इसके लिए शासन को पत्र लिखकर भ्रष्ट अधिकारियों के निलंबन की कार्रवाई की जाएगी।

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