मेरठः शब-ए-बरआत पर लोगों ने पढ़ा फातिहा और मांगी मगफिरत की दुआ

  • Pinki
  • Friday | 12th May, 2017
संक्षेप:

  • शब-ए-बरआत के मौके पर लोगों ने रात इबादत में गुजारी
  • दिन ढलते ही कब्रिस्तानों में पहुंचने लगे लोग
  • हाफिज और मौलाना ने शब-ए-बरआत की अहमियत की बंया

मेरठः शब-ए-बरआत के मौके पर लोगों ने रात इबादत में गुजारी। इस दौरान लोगों ने अपने बुजुर्गो, परिजनों की कब्रों पर पहुंचकर फातिहा पढ़कर उनकी मगाफिरत की दुआएं मांगी। शाबान महीने की 14वीं शब में प्रार्थना करने आये लोगों ने रात भर जागकर इबादत करते हुए अपने गुनाहों की माफी के लिए अल्लाह की दरगाह पर गुहार लगाई।

दिन ढ़लते ही शहर के कब्रिस्तानों में लोगों के पहुंचने का सिलसिला शुरु हो था। उन्होंने अपनों की कब्रों पर फातिहा पढ़ी और उनकी मगफिररत की दुआएं की। साल भर की रोजी और छोटे-बडे़ गुनाहों से माफी के लिए अल्लाह से दुआ मांगी।

वहीं, शब-ए-बरआत के मौके पर शहर के कई इलाको की मस्जिदों, मदरसों गली-मोहल्लों में रातभर जलसों का सिलसिला चला। जलसों मे उलेमाओं ने तकरीर की और शब-ए-बरआत फजीलत बंया की। जिन इलाकों में जलसे नहीं हुए वहां हाफिज और मौलाना ने शब-ए-बरआत की अहमियत बंया की।

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शब-ए-बरआत के मौके पर गोलाकुआं, शाहपीर गेट, सराय लालदास, शाहघासा, लोहियानगर, सिददकी नगर भूमिया पुल, ईदगाह रेलवे रोड, घंटाघर जैसे स्थानों पर रात भर जलसे हुए। ऑल इंडिया मिल्ली कौसिंल के अध्यक्ष कारी शफीकुर्रामान कासमी ने विभिन्न स्थानों पर जलसों में तकरीर की। उन्होंने बच्चों को तालीम और समाज सुधार पर जोर दिया। साथ ही उन्होने कहा कि मुस्लिम नौजवानों को चाहिए की वो अच्छा किरदार निभांए।

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