मुजफ्फरनगर में कुत्तों की भरभार, अस्पताल में नहीं एंटी रैबीज इंजेक्शन

संक्षेप:

  • मुजफ्फरनगर जिला चिकित्सालय में स्वास्थय सेवाएं ठप
  • पिछले तीन महीने से एंटी रैबीज इंजेक्शन खत्म
  • इंजेक्शन ना मिलने पर मरीजों को हो रही परेशानी

मुजफ्फरनगरः मुजफ्फरनगर जिला चिकित्सालय के स्वास्थय सेवाएं दिन पर दिन बदतर हो रही हैं। सूबे के मुखिया योगी आदित्यनाथ स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर बनाने के लिए हर वर्ष अरबों रुपये का बजट पास करते हैं। मुजफ्फरनगर में भी स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर बनाने के लिए करोड़ों रुपए का बजट केबिनेट में पास किया गया था लेकिन उसके बावजूद भी यहां सरकारी औषधि केंद्र पर पिछले तीन महीने से एंटी रैबीज इंजेक्शन खत्म है।

हॉस्पिटल में कुत्तों की भरमार जरूर है। कुत्तों के वार्डों में घूमने व मरीजों को हॉस्पिटल से इंजेक्शन ना मिलने पर मरीजों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। जिससे मरीजों में रोष हैं। चिकित्सालय में पिछले 3 माह से रैबीज इंजेक्शन खत्म है, जिससे कुत्तों के काटने से पीड़ित मरीज होस्पिटल के चक्कर काट काट कर परेशान है और इंजेक्शन ना मिलने पर बाहर मेडिकल स्टोर से खरीदकर लाकर हॉस्पिटल में लगवा रहे हैं।

मुज़फ्फरनगर जनपद के जिला चिकित्सालय इस समय कुत्तों का घर बनकर रह गया है। यहां हर वार्ड में एक दो कुत्ते आराम देखने को मिल सकते हैं। मेडीकल वार्ड हो या बच्चा वार्ड बस ये कुत्तों का निवास बनकर रह गया है। इन मरीजों को कुत्तों से डर सताता रहता है कि कहीं ये कुत्ते किसी बच्चे को अपना निवाला ना बना ले। मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ पीएस मिश्रा का कहना है कि 3 माह तो नहीं लेकिन डेढ़ दो महीनों से इंजेक्शन खत्म हुआ है और जल्द एक दो दिन में ही इंजेक्शन उपलब्ध करा दिए जाएंगे। रही बात कुत्तों की तो कुत्तों को कई बार भगाया भी गया है लेकिन ये भागते नही है नगर पालिका को चिट्ठी भी लिखी गयी है इनका भी जल्द समाधान करा दिया जाएगा।

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