टीचर ने दलित छात्रा से पूछी उसकी जाति, दी शर्मनाक हिदायत

संक्षेप:

  • दलित छात्रा ने जाति की वजह से भेदभाव का लगाया आरोप
  • जाति पूछने के बाद दलित छात्रा को आखिरी लाइन में जबरन बैठाया
  • दूसरे वर्ग के बच्चों से अलग ही बैठने की दी हिदायत

मुजफ्फरनगर: मुजफ्फरनगर जिले में एक दलित छात्रा ने टीचर पर जाति की वजह से भेदभाव का आरोप लगाया है। मामला राज्य सरकार द्वारा सहायता प्राप्त सनातन धर्म इंटर कॉलेज का है, जहां क्लास सात की दलित छात्रा को जातिभेद का सामना करना पड़ा। आरोप है कि टीचर ने लड़की से जाति पूछी और उसे क्लास की आखरी लाइन में बैठने को भेज दिया। इतना ही नहीं यह भी हिदायत दी कि वह दूसरे वर्ग के बच्चों से अलग ही बैठे। इस मामले में लड़की के परिजनों ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई गई है।

लड़की के पिता का कहना है कि एसडी गर्ल्स इंटर कॉलेज से उनकी 13 वर्षीय बेटी को क्लासरूम की आखिरी लाइन में जबरन बैठाया गया। उन्होंने आरोप लगाया कि शिक्षक संतोष जैन ने लड़की को साफ कहा कि अगर वह फिर से आगे की लाइन में बैठेगी, तो उसे क्लास से बाहर निकाल दिया जाएगा। आरोपों के मुताबिक, शिक्षक ने पीड़ित लड़की की जाति के बारे में कई बार पूछा। जब शिक्षक को पता चला कि छात्रा दलित समाज से है, तो उसे पीछे की लाइन में भेज दिया। घटना के बाद, लड़की के माता-पिता और रिश्तेदार स्कूल पहुंचे और ऐतराज जताया। इस दौरान परिजनों ने स्कूल में हंगामा मचाया।

मामले की जानकारी मिलने के बाद पुलिस मौके पर पहुंची। पुलिस ने लड़की के नाराज माता-पिता को शांत किया। वहीं स्कूल की प्रिंसिपल रजनी गोयल ने इस तरह का मामला होने से इनकार किया है। उनका कहना है कि मैंने आरोपी शिक्षक और दूसरे बच्चों से बात की। बच्चों ने बताया जिस लड़की के साथ जातिभेद की बात कही गई है, वह क्लास की अगली लाइन में बैठी हुई दूसरे बच्चों से बात कर उनको परेशान कर रही थी।

ये भी पढ़े : सारे विश्व में शुद्धता के संस्कार, सकारात्मक सोच और धर्म के रास्ते पर चलने की आवश्यकता: भैय्याजी जोशी


प्रिंसिपल का कहना है कि वह लड़की आम तौर पर अगली लाइन में बैठकर बातें करती रहती है। इससे पढ़ाई में दिक्कत होती है, इसलिए शिक्षक ने लड़की को पीछे की तरफ भेजा था। इस मामले में मुजफ्फरनगर कोतवाली के एसएसआई समयपाल का कहना है कि एक शिकायती पत्र मिला है और उसकी जांच की जा रही हैं। जांच के बाद ही आगे की कार्रवाई की जाएगी।

If You Like This Story, Support NYOOOZ

NYOOOZ SUPPORTER

NYOOOZ FRIEND

Your support to NYOOOZ will help us to continue create and publish news for and from smaller cities, which also need equal voice as much as citizens living in bigger cities have through mainstream media organizations.

अन्य मेरठ की अन्य ताज़ा ख़बरें पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें और अन्य राज्यों या अपने शहरों की सभी ख़बरें हिन्दी में पढ़ने के लिए NYOOOZ Hindi को सब्सक्राइब करें।

Related Articles