मेरठ की इस बालूशाही का स्वाद जो खाये भूल न पाये
- लाजवाब है मवाना के मुख्तयार सिंह की बालूशाही
- 1947 से लोगों की ज़ुबान पर चढ़ी है ये बालूशाही
- तीसरी पीढ़ी ने बरकरार रखा है मुख्तयार सिंह का नाम
मेरठः मेरठ स्वाद के शौकीनों का शहर है और इसलिए यहंा आपको एक से बढ़कर एक ज़ायके के ठिकाने मिल जाएंगे। लज़ीज और मुंह में पानी ला देने वाले इन मशहूर जगहों के पकवान और इनकी स्पेशल वैरायटीज़ लोगों के मुंह पर ऐसी चढ़ी हैं कि वो शहर के एक कोने से दूसरे कोने में इनका स्वाद लेने पहुंच जाते हैं। विकास की आंधी में तेज़ रफ्तार दौड़ रहे शहर के जायके का स्वाद आज तक बखूबी बरकरार है।
NYOOOZ आज आपको मेरठ के एक ऐसे मशहूर स्वाद के ठिकाने पर ले जाएंगे जहां के लज़ीज पकवानों के शौकीन देश से लेकर विदेशों तक हैं। मवाना के मुख्तयार सिंह की बालूशाही का स्वाद ऐसा ही है कि अगर एक बार आपने चख लिया, तो इसे भूलने का सवाल ही पैदा नही होता। मेरठ के लोग खासतौर से मीठे के शौकीन माने जाते हैं। इसलिए यहां के मिष्ठान भंडारों पर आपको मिठाईयों की एक से एक लाजवाब और लज़ीज वैरायटी मिलेगी। चाशनी में डूबी लज़ीज ‘बालूशाही‘ का स्वाद कौन नहीं लेना चाहेगा और जब वो बालूशाही मेरठ के मवाना में मौहल्ला हीरालाल की मशहूर मुख्तयार सिंह की दुकान की हो तो उसके कहने ही क्या।
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मोहल्ला हीरालाल में मुख्तयार सिंह ने सन् 1947 में इस दुकान को शुरु किया था। दुकान खोलने का उद्देश्य मेरठियों को लज़ीज बालूशाही का स्वाद चखाना था क्योंकि वो खुद भी इसके बेहद शौकीन थे इसलिए उन्होंने इसे तैयार करने का खुद का तरीका अपनाया और उसके ज़रिए ऐसी बालूशाही बनाई की वो मेरठ से लेकर देश और विदेशों तक जा पहुंची। दरअसल घर के बने शुद्ध देशी घी और अन्य सामग्री से मुख्तयार सिंह की मशहूर बालूशाही तैयार होती है।
बालूशाही के साथ ही यहां आपको घेवर, पेड़े, बर्फी और सफेद रसगुल्ला भी बेहद लज़ीज और शुद्ध मिलेगा। एक-एक सामान पूरी शुद्धता और स्वच्छता के साथ तैयार होता है जो स्वाद को और भी लाजवाब बना देता है। मुख्तयार सिंह के बाद उनके बेटे और अब उनकी तीसरी पीढी ने भी मुख्तयार सिंह की मशहूर बालूशाही का स्वाद बखूबी बरकरार रखा। समय भले ही बदल गया हो और लोगों को लुभाने के लिए बाज़ार में मिठाईयों की एक से एक वैरायटी हो लेकिन मुख्तयार सिंह की बालूशाही जैसा स्वाद मेरठ की शायद ही किसी दुकान पर मिलता हो।
दूर दूर तक है मशहूर
मुख्तयार सिंह के सबसे छोटे बेटे रवि गोला ने बताया पिता जी ने जीते जी सभी भाईयो को काम मे परांगत बना दिया। इसी का नतीजा है की उनके नाम के चर्चे दूर-दूर तक है। हमने गुणवत्ता के साथ कोई भी समझौता नहीं किया, रेट भी बड़े शहरो के मुकाबले कम रखा हुआ है। अब मुफीद दाम में शुद्ध और उम्दा किस्म की मिठाई का स्वाद भला कौन स्वाद का दीवाना चखना नहीं चाहेगा।
क्लिंटन ने भी चखा था स्वाद
रवि ने बताया की 2001 में भारत दौरे पर आए अमेरिकी राष्ट्रपति बिल क्लिंटन ने भी इस बालूशाही का स्वाद चखा था। मुख्तयार सिंह की बालूशाही की धूम देशों के साथ ही विदेशों में भी है। तभी तो पाकिस्तान और सऊदी अरब तक उनकी बालूशाही जाती है।
उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और रक्षा मंत्री रहे मुलायम सिंह यादव ने भी इस स्वाद चखा था और वो इतने खुश हुए कि जब भी मेरठ आते हैं तो स्पेशली इसकी डिमांड करते हैं। क्रेंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह समेत तमाम समकालीन नेता इस बालूशाही के दीवाने हैं और वो ऑर्डर पर इसे मवाना से मंगवा
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