बागपत में शताब्दीनगर के एक मकान में घुसकर दो हमलावरों ने डीडीए कर्मचारी की पत्नी सुदेश और उनकी मौसी के बेटे पर फायरिंग कर दी। महिला ने इलाज के दौरान तोड़ा दम। पांच दिन पहले ही सुदेश के बेटे की गोली मारकर हत्या की गई थी।
- न्यूज़
- Thursday | 5th December, 2019
उसने सबको पहचान लिया।
अपनी चाची को भी पहचान लिया। अब मोमराजनाथ है नाम बाबा श्याम नाथ ने बताया कि उनके बड़े भाई हवा सिंह की मृत्यु हो चुकी है वह भी एक सपेरे थे और उन्होंने कब्र में से शव को निकालकर जिंदा कर लिया और अपने बेटे की तरह पाल-पोश कर बड़ा किया।
अब इसका नाम मोमराजनाथ है।दभेड़ी में भी हुआ था ऐसा दावा, जो बाद में निकला था झूठा करीब साढ़े तीन साल पहले गांव दभेड़ी खुर्द में हुई थी ऐसी ही घटना।
वहां भी कुछ सपेरे एक युवक को साथ लेकर पहुंचे थे और बताया था कि यह युवक इसी गांव का था से पहले सांप ने काट लिया था और उन्होंने कब्र से निकालकर जिंदा कर लिया था।
लेकिन एक दिन बाद ही सच्चाई सामने आने पर ग्रामीणों ने सपेरों के साथ मारपीट की थी।
मामला कैराना कोतवाली में का था।
लेकिन किसी के भी तहरीर नहीं देने पर पुलिस ने सपेरों को वापस भेज दिया था। नहीं हो सकता कब्र दफनाने के बाद कोई जिंदा सीएमओ डॉक्टर संजय भटनागर का कहना है कि मृत मानकर जिस शरीर को कब्र में दफनाया गया हो।
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