CWG 2018: मेरठ की बहू सीमा पुनिया ने डिस्कस थ्रो में जीता सिल्वर

संक्षेप:

  • सीमा पुनिया ने लगातार चौथी बार कॉमनवेल्थ गेम्स में जीता सिल्वर
  • सीमा ने 60.41 मीटर डिस्कस थ्रो किया
  • अंकुश सीमा पुनिया के पति और कोच हैं

मेरठ की बहू सीमा पुनिया ने लगातार चौथी बार कॉमनवेल्थ गेम्स में पदक जीतकर देश का मान बढ़ाया है। हालांकि वह अपने सिल्वर मेडल को गोल्ड में बदलने से चूक गईं। 34 साल की उम्र में भी खेल के प्रति उनका जज्बा कम नहीं है। परिवार की जिम्मेदारी और नौकरी के बीच वह देश के लिए लगातार मेडल ला रही हैं।

मूल रूप से हरियाणा के सोनीपत के गांव खेवड़ा निवासी सीमा पुनिया की शादी सकौती टांडा में तेजपाल सिंह के बेटे अंकुश पुनिया से हुई है। अंकुश सीमा के पति और कोच हैं। सीमा पुनिया ने आस्ट्रेलिया के गोल्ड कोस्ट में चल रहे कॉमनवेल्थ गेम्स में बृहस्पतिवार को डिस्कस थ्रो में देश के लिए सिल्वर मेडल जीता है। सीमा ने 60.41 मीटर डिस्कस थ्रो किया।

मेरे लिए खुशी के पल
अमर उजाला से खास बातचीत में सीमा ने बताया कि यह मेरे लिए खुशी का क्षण है। खिलाड़ी जब मैदान में उतरता है तो उस पर बहुत जिम्मेदारी होती है। मुझे पूरी उम्मीद थी कि इस बार गोल्ड आएगा। लेकिन किस्मत ने साथ नहीं दिया। यह तो देशवासियों का प्यार है, जो चौथी बार कॉमनवेल्थ में मेडल जीत लिया। उन्होंने कहा कि बिना कोच के विदेश में जाकर मेडल लाना बहुत बड़ी चुनौती है। हौसला और जज्बा बनाए रखने के लिए कोच का साथ होना जरूरी है। रियो ओलंपिक में भी कोच साथ नहीं भेजा था और अब कॉमनवेल्थ में भी ऐसा ही है। फिलहाल मैंने हार नहीं मानी है। 2020 में होने वाले ओलंपिक में हिस्सा लूंगी और देश के लिए मेडल लाऊंगी।

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सास बोलीं, सीमा पर था भरोसा
सीमा पुनिया की ससुराल सकौती टांडा में बृहस्पतिवार को देरशाम सभी टीवी पर टकटकी लगाए बैठे थे। जब उन्हें पता चला कि सीमा ने सिल्वर मेडल जीता है तो जश्न शुरू हो गया। ससुर तेजपाल सिंह, सास राजकुमारी, जेठ अनुज, जेठानी आस्था और दादी कबूली व पति अंकुश पुनिया ने एक-दूसरे को मिठाई खिलाकर खुशी जताई। बधाई देने वालों का घर पर तांता लग गया। सीमा की सास ने बताया कि उन्हे पूरा भरोसा था कि वह मेडल लेकर आएगी। ससुर तेजपाल सिंह का कहना है कि यह देश के लिए गर्व की बात है कि सीमा ने फिर से कॉमनवेल्थ में मेडल जीतकर देश का नाम रोशन किया है।

ये है सीमा पूनिया की उपलब्धि
2000: जूनियर वर्ल्ड चैम्पियनशिप मेें प्रथम गोल्ड।
2001: जूनियर एशिया चैम्पियनशिप में रजत जीता।
2002: जूनियर वर्ल्ड चैम्पियनशिप वेस्टइंडीज में कांस्य जीता।
2002: जूनियर एशियन चैम्पियनशिप बैंकांक में कांस्य जीता।
2006: कॉमनवेल्थ गेम्स मेलबर्न में सिल्वर जीता।
2010: दिल्ली कॉमनवेल्थ गेम्स में कांस्य जीता।
2014: स्कॉटलैंड कॉमनवेल्थ गेम्स में सिल्वर जीता।
2014: इंचियोन गेम्स में गोल्ड मेडल जीता।
2018: आस्ट्रेलिया में कॉमनवेल्थ में सिल्वर जीता।

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