मेरठः पुलिस फोर्स की कमी से एस.एम हॉस्पिटल को सील करने का टला मामला

संक्षेप:

  • अवैध निर्माण के मसलों पर मेरठ प्रशासन सख्त
  • पुलिस फोर्स की कमी ने S.N हॉस्पिटल को सील होने से बचाया
  • आवास विकास अधिकारियों ने कमिश्नर के सामने रखा पक्ष

मेरठ- अवैध निर्माण को लेकर इन दिनों मेरठ प्रशासन सख्त नजर आ रही है। इस कड़ी में तेजगढ़ी चौराहे में स्थित एस.एम.हॉस्पिटल सील होने से बाल-बाल बचा। दरअसल, पुलिस फोर्स न मिलने की वजह से एसएम हॉस्पिटल सील नहीं हो सका। आवास विकास परिषद ने इसको लेकर पूरी तैयारी कर ली थी, लेकिन आखिरी मौके पर पुलिस फोर्स न मिलने की वजह से इसे सील नहीं किया जा सका।

आवास विकास परिषद द्वारा अवैध निर्माणों के खिलाफ बड़े अभियान की तैयारी की गई है, तो वहीं बीजेपी प्रतिनिधि मंडल इस कार्रवाई को लेकर कमिश्नर डा. प्रभात कुमार से मिला, जबकि आवास विकास परिषद के अधिकारियों ने भी अपना पक्ष रखा। बीजेपी से कैंट विधायक सत्यप्रकाश अग्रवाल, मेरठ दक्षिण विधायक सोमेन्द्र तोमर, महानगर अध्यक्ष करूणेशनंद गर्ग ने कहा कि जो अवैध निर्माण सरकारी संपत्ति पर किया गया है उसके खिलाफ जो भी कार्रवाई हो उन्हें मंजूर है, लेकिन यदि किसी अवैध निर्माण में शमन शुल्क वसूला जा सकता है और उसे नियमित किया जाए।

इस बात को लेकर कमिश्नर डॉ प्रभात कुमार ने कहा कि इसके लिए कुछ समय की मौहलत दे देते हैं, लेकिन फिर जो नियम कहेगा वही होगा। कमिश्नर डॉ आज प्रभात कुमार ने एमएम हॉस्पिटल के मामले में कहा कि इसके भू-उपयोग परिवर्तन का प्रस्ताव आवास आयुक्त ने निरस्त किया है, इसलिए कार्रवाई की जा रही है। उन्होंने ये भी कहा कि जनता शिकायतें लेकर आ रही है और उसकी जांच कराकर कार्रवाई की जा रही है, जनता को हमसें बहुत उम्मीदें हैं।

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वहीं इस मसले पर आवास विकास परिषद के अपर आवास आयुक्त महेन्द्र प्रसाद ने भी रूख साफ कर दिया है और कहा कि कंपाउंडिंग की एप्लीकेशन पर जांच की जाएगी और जो कंपाउंडिंग हो सकता है, उसे किया जाएगा, लेकिन भू-उपयोग परिवर्तन करने वालों पर नियमों के तहत सख्त कार्रवाई की जाएगी।

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