IAS बी. चंद्रकला की बढ़ी मुश्किलें, ED ने मांगी चंद्रकला की तैनातियों और आवास की जानकारी

संक्षेप:

  • यूपी में अवैध खनन मामला
  • ईडी ने नियुक्ति एवं कार्मिक विभाग से मांगी जानकारी
  • चंद्रकला की तैनातियों और आवास की जानकारी

यूपी में अवैध खनन मामले में तत्कालीन जिलाधिकारी बी चंद्रकला मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही है। इस मामले में सीबीआई के बाद अब प्रवर्तन निदेशालय ने यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव समेत 11 लोगों के  खिलाफ मनी लांड्रिंग एक्ट समेत कई अन्य मामलों में एफआईआर दर्ज की है। ईडी ने अब नियुक्ति एवं कार्मिक विभाग से चंद्रकला की तैनातियों और आवास की जानकारी मांगी है।

आपको बता दें कि सीबीआई ने 2012 से 2016 के बीच हुए अवैध बालू खनन के मामले में एफआईआर दर्ज की है। पिछले दिनों सीबीआई ने आईएएस अफसर बी चन्द्रकला के लखनऊ आवास पर भी छापा मारा था। टीम ने घर से कई महत्वपूर्ण दस्तावेज जब्त किए हैं सफायर अपार्टमेंट के फ्लैट नंबर 101 में सीबीआई की टीम ने छापेमारी की थी।

सीबीआई ने जिन 11 लोगों को आरोपी बनाया था, ईडी ने भी उन्हें आरोपी बनाया है। जल्द ही आरोपियों से ईडी पूछताछ करेगी। आईएएस बी. चंद्रकला और सपा एमएलसी रमेश चंद्र मिश्रा समेत 11 आरोपियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है। साल 2012 से 2013 के बीच खनन मंत्रालय अखिलेश यादव के ही पास था, जो उस समय प्रदेश के मुख्यमंत्री भी थे। अखिलेश के साथ-साथ उस कड़ी में जितने भी मंत्री थे, सभी जांच के दायरे में आएंगे।

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ऐसे चर्चा में आई थीं चंद्रकला

सीबीआई ने नए साल के पहले हफ्ते में यूपी कैडर की 2008 बैच की चर्चित महिला आईएएस अफसर बी. चंद्रकला के लखनऊ वाले घर पर छापा मारा था। चंद्रकला अपने फैंस के बीच दबंग अफसर के तौर पर मशहूर हैं, इसके चलते उनके ऊपर मारे गए छापे वायरल हो गए।

सीबीआई ने छापे में घर की तलाशी के साथ-साथ सोफे, बेड और छतों की सीलिंग खोलकर तलाशी ले डाली. एजेंसी का दावा था कि टीम ने घर से कअहम दस्तावेज भी जब्त किए हैं। चंद्रकला पर हमीरपुर में कलेक्टर रहते हुए अवैध खनन और अपने चहेतों को खनन पट्टे देने का आरोप है। आरोपों के मुताबिक, IAS अफसर चंद्रकला ने तमाम नियमों की अनदेखी करते हुए जुलाई 2012 के बाद हमीरपुर जिले में 50 मौरंग के खनन के पट्टे दिए थे, जबकि ये ई-टेंडर के जरिए दिए जाने चाहिए थे।

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